यह जीवन खुशियों का संसार है। मानव जीवन परमात्मा की अतुलनीय देन है। इस जीवन को हमें बहुत ही ख़ुशी से जीना चाहिए। हर व्यक्ति अपने जीवन में खुशियों की खोज में रहता है। इस खोज के दौरान व्यक्ति अपने भविष्य को जानकर वर्तमान को सुव्यवस्थित करना चाहता है। आज अगर हम अपने भविष्य को जान लें और उसी के अनुकूल वर्तमान में कार्य करें तो हमारे जीवन में आ रही समस्याओं और परेशानियों से बच सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र हमारे भविष्य का आंकलन कर हमें एक उचित मार्गदर्शन प्रदान करता है।
हस्तरेखा ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस विद्या की सहायता से व्यक्ति के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है। व्यक्ति के हाथ का आकार, हथेली की लकीर, उंगलियों की बनावट आदि के बारीक़ अध्ययन से व्यक्ति का भविष्य जानना संभव है।
कैसे देखें हाथ की रेखाएं?
हस्तरेखा ज्योतिष में सर्वप्रथम व्यक्ति के हाथ का आकार देखना महत्वपूर्ण होता है। मूल्यतः हथेली के आकार चार प्रकार होते हैं। चौकोर, गोल, तिकोना व लम्बा।
चौकोर हथेली वाला व्यक्ति मेहनती, स्थिर व कर्म पर विश्वास रखने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति दृढ़ स्वभाव का होता है। ऐसे व्यक्ति में शारीरिक बल के साथ साथ मानसिक स्थिरता भी उचित मात्रा में होती है। उसे प्रभावित करना थोड़ा मुश्किल होता है। वह अपनी योजनाओं पर अथक परिश्रम से कार्य कर जीवन में सफलता प्राप्त करता है।
उदाहरण के लिये बात करते हैं मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार की। अक्षय की हथेली चौकोर आकार लिए है, जो कि उनके व्यक्तित्व मे स्थिरता दर्शाती है। उनका काम के प्रति निष्ठा, ईमानदारी व एकाग्रता, उनकी चौकोर हथेली ही बताती है। उनके विचारों को कोई जल्दी प्रभावित नहीं कर सकता है। वह एक साहसी व धैर्यवान व्यक्ति है। मेहनती होने के साथ-साथ वह अपनी परम्पराओं का पूरा सम्मान करते हैं।
गोल हथेली वाला व्यक्ति भावुक, भीरू व कलात्मक अभिरुचि का स्वामी होता है। वह अपनी बात स्वयं तक ही सीमित रखता है। प्रायः ऐसे व्यक्ति में मानसिक रोग अधिक पाए जाते हैं। वह सौंदर्य प्रेमी होते हैं व जल्दी ही दूसरों पर विश्वास कर लेते हैं। उनका दिल प्रेम से जीता जा सकता है। धोखा खाने पर वह जल्द ही अवसाद का शिकार हो जाते हैं।
उदाहरण के लिए बात करते है सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रानी मुखर्जी की। इनकी गोल हथेली इनके भावुक, सौंदर्य प्रिय व मन के मालिक होने का प्रतिनिधित्व करती है। वह एक खुशदिल इंसान है, जहाँ जाती है अपनी छाप छोड़ देती है। किंतु उन्हें प्रेम की बिपाशा सदैव रहती है। प्रेम न मिलने पर दुःख का अनुभव होता है। उन्हें निर्णय लेने मे दूसरों की आवश्यकता रहती है।
तिकोनी हथेली वाला व्यक्ति जिसकी हथेली कलाई की तरफ से चौड़ी और उंगलियों की तरफ से पतली होती है। ऐसा व्यक्ति उच्च शारीरिक बल का स्वामी होता है। वह शारीरिक कार्य बहुत ही निपुणता से कर लेता है। किंतु उसका मानसिक स्तर कमजो़र होता है। ऐसे व्यक्ति प्राय क्रोधी व भावुक होते हैं। वह जल्दी ही कही सुनी बातों पर बुरा मान जाते हैं। किंतु ऐसे व्यक्ति निडर होते हैं।
उदाहरण के लिए बात करते है बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की। सलमान की तिकोनी हथेली उनके स्वतंत्र, तेज़ व निडर व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करती है। उन्हें खुली जगह, पहाड़ व जोखिम उठाना बहुत प्रिय है। उनके व्यक्तिव मे भव्यता व नेतृत्व शक्ति समाहित है। बंधन में रहना उन्हें नापसंद है।
लंबी हथेली वाले व्यक्ति में दार्शनिक गुण होते हैं। वह प्रायः सपनों की दुनिया में रहते हैं। नम्र व शांत किंतु उनमें व्यवहारिकता में कमी होती है। ऐसे व्यक्ति धार्मिक भी होते हैं किंतु अनुशासन पालन नहीं कर पाते, जिसकी वजह से वह जीवन में कई बार असफल रह जाते हैं।
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उदाहरण के लिए बात करते है मशहूर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की। इनकी लम्बी हथेली इनके व्यक्तित्व मे विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। आपने विचार दूसरों तक बड़ी निपुणता से पहुंचाना इन्हें आता है। नई-नई जगह मे घूमना इन्हें बहुत प्रिय है। नये तरह के रोल करना व दूसरों से नई जानकारी प्राप्त करना इन्हें पसन्द है। ऐसे लोगों के मित्रों की संख्या अधिक होती है।एक जगह टिक कर बैठना इन्हें नापसंद होता है।
कौन-कौन सी होती हैं मुख्य रेखाएं?
अब बात करते हैं मुख्य रेखाओं की। हस्त ज्योतिष में मुख्य चार रेखाओं के अध्ययन से भविष्य का आंकलन करना संभव है। जीवन रेखा ,हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा व शनि रेखा।
1.जीवन रेखा तर्जनी और अंगूठे के बीच से प्रारंभ होकर अंगूठे के आधार तक जाती है। यदि जीवन रेखा लंबी व दोष रहित हो तो व्यक्ति का स्वास्थ्य आजीवन बेहतर रहता है। इसके विपरीत कटी-फटी व दोषपूर्ण जीवन रेखा अस्वस्थता का प्रतीक है। छोटी जीवन रेखा स्वास्थ संबंधित परेशानियां दर्शाती हैं। हल्की जीवन रेखा उत्साहीन जीवन का संकेत करती है। एक से अधिक जीवन रेखा वाला व्यक्ति अपने साथ-साथ औरों को भी सहयोग देता है।
2.ह्रदय रेखा तर्जनी व कनिष्ठा के मध्य तक होती है। लंबी व दोषरहित हृदय रेखा खुले दिल वाले व्यक्तित्व का संकेत करती है। तर्जनी से प्रारंभ होकर कनिष्ठा तक पहुंचने वाली रेखा वाला व्यक्ति आजीवन अपने जीवनसाथी पर निर्भर रहता है। छोटी व सीधी ह्रदय रेखा वाला व्यक्ति स्वकेद्रित व कठोर स्वभाव का होता है।
3.मस्तिष्क रेखा तर्जनी व अंगूठे के बीच से प्रारंभ होती है और कनिष्ठा की ओर जाती है। लंबी व दोष रहित मस्तिष्क रेखा वाला व्यक्ति अच्छी स्मरण शक्ति का मालिक होता है। यह रेखा अगर अधिक लंबी हो तो व्यक्ति सफल, साहसी व प्राय स्वार्थी होता है। गोलाकार लिए हुई मस्तिष्क रेखा वाला व्यक्ति क्रिएटिव व आदर्शवादी होता है। नई सोच व विचार के मालिक होते हैं ऐसे लोग।
4.शनि रेखा को भाग्य रेखा भी कहते हैं। यह रेखा हथेली की जड़ के मध्य से प्रारंभ होकर ऊपर की ओर जाती है। इस रेखा को देख जीवन में आने वाले संकटों का अनुमान लगाया जा सकता है। टूटी फूटी दोषपूर्ण शनि रेखा संकट ,दुर्घटना व दुर्भाग्य का सूचक है। इसके विपरीत स्वस्थ व लम्बी शनि रेखा शुभ भाग्य का प्रतीक है।
इस प्रकार हथेली में बहुत सी अन्य रेखाएं होती हैं जिसके द्वारा हम व्यक्ति के जीवन काल में आ रहे शुभ अवसर, संकट, स्वास्थ्य समस्या, परिवार आदि का आंकलन कर सकते हैं।
हथेली में उंगलियों के नीचे बने पर्वतों की ऊंचाई के माध्यम से व्यक्ति के जीवन व व्यक्तित्व के बारे में उचित आंकलन किया जा सकता है।
- गुरु पर्वत– तर्जनी के नीचे वाले पर्वत को गुरु पर्वत कहते हैं। विकसित गुरु पर्वत वाला व्यक्ति शक्तिशाली, महत्वकांक्षी व नेतृत्व शक्ति को दर्शाता है।
- शनि पर्वत– मध्यमा के नीचे स्थित पर्वत को शनि पर्वत कहते हैं। इस पर्वत का विकास बुद्धिमत्ता, स्थिरता व गंभीरता को संकेत करता है।
- सूर्य पर्वत– अनामिका के नीचे स्थित पर्वत को सूर्य पर्वत कहते हैं। विकसित सूर्य पर्वत सौंदर्य, यश व प्रतिष्ठा का प्रतीक है।
- बुध पर्वत– कनिष्ठा के नीचे वाले पर्वत को बुध पर्वत कहते हैं। यह पर्वत मानसिक बल, शक्ति व भाषा पर अधिकार का सूचक है।
- शुक्र पर्वत– अंगूठे के नीचे बना पर्वत शुक्र पर्वत कहलाता है। पर्वत का विस्तार व उठाव व्यक्ति में समृद्धता दर्शाता है। उच्च जीवन स्तर व सम्मान का सूचक है यह पर्वत।
इस प्रकार हथेली में स्थित अन्य पर्वत जैसे चंद्र पर्वत, मंगल पर्वत आदि के अध्ययन से व्यक्ति के जीवन काल व व्यक्तित्व के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। हस्तरेखाविद बहुत ही विस्तार का विषय है। इस के अतिरिक्त उंगलियों की लंबाई, सहायक रेखाएं, हथेली की कोमलता आदि के आधार पर व्यक्ति के पूरे जीवन काल का अनुमान लगाया जा सकता है। इस विषय को एक लेख में बांधना गागर में सागर भरने के समान है। पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने हेतु विशेषज्ञ से अवश्य संपर्क करें। आधा अधूरा ज्ञान भी कई बार घातक सिद्ध हो सकता है।
दीप्ति जैन एक जानी-मानी वास्तुविद हैं, जिन्होंने पिछले 3 सालों से वास्तु विज्ञान के क्षेत्र में अपने कौशल और प्रतिभा को बखूबी दर्शाया है। उनके इस योगदान के लिए उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। दीप्ति जैन न केवल वास्तु बल्कि सामाजिक मुद्दों, हस्तरेखा विज्ञान, अध्यात्म, कलर थेरेपी, सामुद्रिक शास्त्र जैसे विषयों की भी विशेषज्ञ हैं।