आज यानी 17 फरवरी बुधवार के दिन गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2021) का छठा दिन है। माघ माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि या माघ नवरात्रि कहते हैं जिसका समापन इस वर्ष 21 फरवरी 2021 को हो जाएगा। शारदीय और चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की तुलना में माघ और आषाढ़ माह में मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्रि तंत्र, मंत्र की सिद्धि और मां सरस्वती की प्रसन्नता हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस दौरान मां दुर्गा के दस रूपों मां काली, तारा देवी, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी देवी, छिन्नमस्ता देवी, त्रिपुर भैरवी, मां भगवती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और कमला देवी की पूजा अर्चना की जाती है। भक्त इस दौरान देवी की प्रसन्नता हासिल करने के लिए व्रत आदि भी करते हैं।
यह भी पढ़ें: वर्ष 2021 में कौन सी नवरात्रि कब से ?
गुप्त नवरात्रि के छठे दिन करें माँ त्रिपुर भैरवी की पूजा (Gupt Navratri Maa Tripur Bhairvi)
माँ त्रिपुर भैरवी माँ काली का स्वरूप मानी जाती हैं। आज के दिन जो कोई भी भक्त पूरी विधि पूर्वक मां त्रिपुर भैरवी की पूजा करता है उस व्यक्ति के जीवन से अहंकार, दोष और सभी तरह के पाप आदि दूर हो जाते हैं। इसके अलावा मां त्रिपुर भैरवी की पूजा करने वाले जातकों को योग्य संतान की प्राप्ति भी होती है। इसके अलावा जीवन में सफलता पाने के लिए भी माँ त्रिपुर भैरवी की पूजा विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है।
यदि कोई व्यक्ति आर्थिक संकट से जूझ रहा हो तो उसे भी मां काली के त्रिपुर भैरवी स्वरूप की पूजा करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से तमाम तरह की आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। त्रिपुर का अर्थ होता है तीनों लोकों से और भैरवी को काल भैरव से संबंधित माना गया है।
माँ त्रिपुर भैरवी (Maa Tripur Bhairvi) का स्वरूप भी मां काली जैसा ही है। माता की चार भुजाएं और तीन नेत्र होते हैं। त्रिपुर भैरवी माता के बाल खुले हुए हैं। त्रिपुर भैरवी माता को रूद्र भैरवी, भद्र भैरवी, शमशान भैरवी, इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।
यह भी पढ़ें: गुप्त नवरात्रि में करें माता के चमत्कारी मंदिर के दर्शन
कैसे हुई त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति?
हिंदू धार्मिक ग्रंथों में माँ त्रिपुर भैरवी के उल्लेख का वर्णन हजारों उगते सूर्य के समान किया गया है। कहा जाता है कि, माँ त्रिपुर भैरवी महाकाली के छाया विग्रह से उत्पन्न हुई हैं।
गुप्त नवरात्रि के छठे दिन मां त्रिपुर भैरवी की पूजा करने से मिलने वाला लाभ
- आज गुप्त नवरात्रि का छठा दिन है और ऐसे में जो कोई भी साधक इस दिन माँ त्रिपुर भैरवी की पूजा सच्ची श्रद्धा और आस्था के साथ करता है उसके जीवन में सौभाग्य, आरोग्य जीवन और सभी तरह के सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- इसके अलावा जिन जातकों को मनोवांछित विवाह करना है उन्हें भी आज के दिन माता त्रिपुर भैरवी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से मनोवांछित विवाह की इच्छा अवश्य पूरी होती है।
- इसके अलावा माता त्रिपुर भैरवी की पूजा करने से व्यक्ति की व्यापार, व्यवसाय, कैरियर और पेशे में भी सफलता और वृद्धि देखने को मिलती है।
- जो कोई भी साधक माँ त्रिपुर भैरवी के स्वरूप की पूजा करता है उसके जीवन से सभी कष्ट और पाप दूर हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें: गुप्त नवरात्रि पर जानें माता के नौ स्वरूपों की महिमा
मां त्रिपुर भैरवी की पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri Puja Vidhi) को मुख्य रूप से तंत्र मंत्र के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में इस दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की पूजा आधी रात में करते हैं। इस दौरान माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर या प्रतिमा पर लाल रंग का सिंदूर और चुनरी अर्पित की जाती है। इसके बाद माता के चरणों में पानी का नारियल, फल, बताशे और श्रृंगार का सारा सामान अर्पित किया जाता है।
इस दिन की पूजा में माता को लाल रंग के फूल भी अवश्य चढ़ाने चाहिए। इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाकर ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
गुप्त नवरात्रि में क्या करें क्या ना करें
- शरद और चैत्र नवरात्रि की तरह गुप्त नवरात्रि में भी तामसिक भोजन, शराब, लहसुन, प्याज़ इत्यादि नहीं खाना चाहिए।
- इसके अलावा यूं तो कभी भी महिलाओं का अनादर नहीं करना चाहिए लेकिन मुख्य रूप से नवरात्रि के इन 9 दिनों में किसी भी महिला, स्त्री, बच्ची का अनादर या उनके साथ बुरा व्यवहार ना करें।
- इस दौरान घर में कलेश, वाद-विवाद, लड़ाई इत्यादि करने से बचें।
- साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। स्नान करके रोजाना पूजा करें।
- नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी काटने से बचे और इस दौरान चमड़े के बेल्ट और जूते नहीं पहनना चाहिए।
- इसके अलावा इस दौरान घर पर आए किसी भी भिखारी या मेहमान का अनादर ना करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।