हिंदू नव वर्ष को महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष गुड़ी पड़वा 13 अप्रैल के दिन मनाया जाएगा। गुड़ी पड़वा का दिन अपने आप में बेहद ही महत्वपूर्ण होता है और इस वर्ष जो बात इस दिन को और भी ज्यादा खास बना रही है वह यह कि 13 अप्रैल को ही इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ होगा और साथ ही इस दिन प्रतिपदा तिथि भी है। ऐसे में जानते हैं गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त और इस दिन से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, गुड़ी पड़वा के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था और इसी दिन से सतयुग प्रारंभ भी हुआ था। ऐसे में सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले लोग गुड़ी पड़वा का यह त्यौहार बेहद ही धूमधाम और आस्था के साथ मनाते हैं। अब जानते हैं गुड़ी पड़वा से जुड़ी कुछ बेहद ही रोचक और महत्वपूर्ण बातें।
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गुड़ी पड़वा से जुड़ी रोचक बातें
- गुड़ी पड़वा के दिन नई फसलों की पूजा की जाती है। दरअसल मराठी लोगों के लिए गुड़ी पड़वा का यह त्यौहार नए साल का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस दौरान महाराष्ट्र और कई इलाकों में नई फसलों की पूजा किए जाने का विधान बताया गया है।
- महिलाएं इस दिन घरों में लगाती है गुड़ी और घर में बनते हैं पूरनपोली। गुड़ी पड़वा के दिन घर की महिलाएं घर को अच्छे से सजा कर आम के पत्तों को घर के मुख्य द्वार पर लगाती हैं और फिर घर के बाहर गुड़ी लगाती हैं। इसके अलावा गुड़ी पड़वा के दिन पूरनपोली जिसे महाराष्ट्र का मुख्य पकवान बोला जाता है उसे बनाए जाने की भी मान्यता है।
- गुड़ी पड़वा से संबंधित भगवान राम और छत्रपति शिवाजी महाराज के किस्से। माना जाता है कि, गुड़ी पड़वा के दिन ही भगवान राम ने रावण का नाश करने के बाद मां सीता को अपनी नगरी अयोध्या में लेकर वापस लौटे थे। इसके अलावा छत्रपति शिवाजी से जुड़ी मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि, युद्ध जीतने के बाद सबसे पहली बार गुड़ी पड़वा का त्यौहार छत्रपति शिवाजी ने मनाया था। जिसके बाद से ही इस पर्व को प्रत्येक वर्ष भव्य रूप से मनाये जाने की मान्यता की शुरुआत हुई।
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गुड़ी पड़वा के दिन नीम खाये जाने की क्यों हैं मान्यता?
गुड़ी पड़वा के दिन बहुत से लोग नीम की पत्तियां खाकर दिन की शुरुआत करते हैं। इसके पीछे की मान्यता यह बताई जाती है कि, नीम का सेवन करने से व्यक्ति का खून साफ होता है जिससे रोग से लड़ने की क्षमता हासिल होती है और साथ ही शरीर से किसी भी प्रकार का रोग भी दूर होता है।
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