गरुड़ पुराण : वो पांच कार्य जिसे करने से जीवन से दुख खत्म हो जाता है

हमारे शास्त्रों और पुराणों में कई ऐसी बातें बताई गयी हैं जिन्हें अगर हम अपने जीवन में अमल लाएं तो हम अपना जीवन काफी सुखद बना सकते हैं। शहरी जीवन जीते हुए और व्यस्त लाइफस्टाइल में आम ज़िंदगी इतनी उलझ गयी है कि लोगों के पास अपने परिवार तक के लिए समय नहीं है। ऐसे में शास्त्रों और पुराणों का अध्ययन करना आम लोगों के लिए काफी मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि बहुत छोटी-छोटी बातें या फिर कहें तो उपाय कर इंसान अपना जीवन सुखद कर सकता है, वे भी नजरअंदाज हो जा रही हैं।

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ऐसे में आज हम आपको इस लेख के जरिये गरुड़ पुराण में बताई गयी वे पाँच बातें बताने वाले हैं जिनका यदि जीवन में पालन किया जाये तो जीवन का हर कष्ट दूर हो सकता है।

गरुड़ पुराण के पाँच उपाय

  • गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जिस भी घर में रसोई में बना भोजन बिना जूठा किए सबसे पहले भगवान को भोग लगाया जाता है। उस घर पर माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। ऐसे घर में न धन की कमी होती है और न ही अन्न की। हालांकि इस बात का भी ध्यान रखें कि घर की रसोई में रात में जूठे बर्तन न छोड़ें। अनाज का अपमान न करें। इससे माता लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी।
  • गरुड़ पुराण के अनुसार जिस घर के सदस्य अपने कुल देवी की पूजा करते हैं और साथ ही सही विधि से पुरखों का तर्पण और श्राद्ध करते हैं उनकी अगली सात पीढ़ी कुल देवी और पुरखों के आशीर्वाद से सुखद जीवन जीती है। सनातन धर्म में कई ऐसे व्रत या त्योहार आते हैं जब पितरों का तर्पण या कुल देवी की पूजा का विधान है। जो भी जातक इन शुभ तिथियों पर सभी नियमों का पालन करते हुए धर्म-कर्म करता है, उसे अपने जीवन में किसी प्रकार की कोई भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
  • गरुड़ पुराण में स्पष्ट कहा गया है कि मनुष्य को अपनी ज्ञानेंद्रियों और कामेन्द्रियों पर हमेशा काबू रखना चाहिए। यानी कि मनुष्य भोग-विलास और मौज मस्त में इतना न खो जाये कि उसे अपने घर-गृहस्थी का एहसास ही न रहे। जो भी जातक अपनी इन इंद्रियों पर काबू रखते हैं, उन्हें अपने जीवन में किसी भी प्रकार के कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता है।
  • घर के बड़े-बुजुर्ग भगवान बृहस्पति के प्रतीक माने गए हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार यदि किसी घर में बड़े-बुजुर्गों का सम्मान नहीं किया जाता है, उन्हें कष्ट दिया जाता है और उनके साथ अभद्रता की जाती है, ऐसे घर के सदस्यों की तरक्की नहीं होती है। वहीं जिस घर में घर के बड़े-बुजुर्गों को प्यार दिया जाता है, सुबह उठ कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है और उनसे हर मुद्दे पर सलाह-मशविरा किया जाता है, उस घर के सदस्यों के रुके हुए कार्य भी चल पड़ते हैं। इसके अलावा घर के सदस्यों का चरित्रवान होना भी जरूरी है। घर के सदस्य महिलाओं का सम्मान करें और पराई स्त्री पर बुरी नजर डालने से बचें।
  • गरुड़ पुराण के अनुसार जब भी मौका मिले तो गाय को चारा, कुत्ते को भोजन, चिड़ियों को दाना, मछलियों को चारा, और चींटियों को खाना जरूर देना चाहिए। इससे जातकों के पाप खत्म हो जाते हैं और उसके घर में सौभाग्य की वृद्धि होती है।

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