देश के वो प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर जहाँ शुक्रवार के दिन लगता है भक्तों का तांता !

हिन्दू धर्म में सभी देवी देवताओं को विशेष महत्व दिया जाता है। लक्ष्मी माता को धन की देवी माना जाता है। लक्ष्मी माता के ही विशाल रूप को महालक्ष्मी देवी के रूप में पूजा जाता है। धन प्राप्ति और सुखी समृद्ध जीवन के लिए महालक्ष्मी व्रत रखकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है। धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से शुक्रवार के दिन उनकी पूजा अर्चना का ख़ास विधान है। देश भर में महालक्ष्मी माता के बहुत से ऐसे मंदिर हैं जहां विशेष रूप से शुक्रवार के दिन भक्तों का ताँता लगा रहता है। आज हम आपको देश के प्रमुख महालक्ष्मी मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ देवी की एक झलक पाने के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं।

ये हैं देश के प्रमुख महालक्ष्मी मंदिर 

महालक्ष्मी मंदिर (मुंबई )

मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर को विशेष रूप से देश के प्रमुख महालक्ष्मी मंदिरों में से एक माना जाता है। ये मंदिर ना केवल सबसे ज्यादा प्राचीन है बल्कि ये भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र भी है। मुंबई में बी.देसाई मार्ग पर समुद्र किनारे स्थित इस मंदिर में महालक्ष्मी माता के साथ ही देवी महाकाली और देवी सरस्वती की मूर्ति भी स्थापित है। यहाँ आने वाले भक्तों का ऐसा विश्वास है कि माता महालक्ष्मी उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं। लोगों के बीच ये मंदिर एक आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए विशेष रूप से शुक्रवार के दिन भक्तों की अपार भीड़ लगी रहती है। 

असीम आस्था और विश्वास का प्रतीक है मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर, ऐसे हुई थी स्थापना !

महालक्ष्मी मंदिर (कोल्हापुर)

कोल्हापुर स्थित महालक्ष्मी मंदिर को हज़ारों वर्ष पुराना माना जाता है। ये महालक्ष्मी मंदिर ना केवल महाराष्ट्र बल्कि देश का सबसे प्राचीन लक्ष्मी मंदिर है। पौराणिक तथ्यों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 7वीं सदी में कर्णवेद नाम के राजा ने करवाया था। वो चालुक्य वंश के थे और उन्होनें ही इस मंदिर का निर्माण कर वहां महालक्ष्मी माता की मूर्ति स्थापित करवाई थी। इस मंदिर की प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ सूर्य की किरणें सबसे पहले देवी के चरण स्पर्श करती है और उसके बाद मंदिर के अन्य भागों में अपनी छटा बिखेरती है। शुक्रवार के दिन यहाँ श्रद्धालु विशेष रूप से माता के दर्शन के लिए आते हैं। 

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महालक्ष्मी मंदिर (इंदौर) 

मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित महालक्ष्मी मंदिर की भी अपनी एक ख़ास विशेषता है। इस मंदिर का निर्माण साल 1832 में मल्हारराव होल्कर ने करवाया था। यहाँ स्थापित देवी महालक्ष्मी की मूर्ति बेहद आकर्षक है जिसे देखने देश विदेश से लोग आते हैं। इंदौर के बेहद प्राचीन मंदिरों में से एक ये महालक्ष्मी मंदिर विशेष रूप से भक्तों के लिए शुक्रवार के दिन सजाया जाता है। इस दिन महालक्ष्मी व्रत रखने वाले श्रद्धालु खासतौर से माता के दर्शन के लिए यहाँ आते हैं। 

लक्ष्मीनारायण मंदिर (दिल्ली)

धन की देवी लक्ष्मी और भगवान् विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण साल 1622 में वीरसिंह देव ने करवाया था। हालाँकि बाद में साल 1938 में जी.डी बिरला द्वारा पुनः इस मंदिर का निर्माण कार्य करवाया गया और आज ये देश के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है। यहाँ लक्ष्मी माता के साथ ही भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना भी की जाती है। इस मंदिर में खासतौर से महालक्ष्मी व्रत और दिवाली के दिन भक्तों का तांता लगा रहता है। 

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