इस दिवाली करें पारद शिवलिंग की स्थापना, होगी लक्ष्मी जी की कृपा।

इस दिवाली पारद  शिवलिंग करें स्थापित, मिलेगी लक्ष्मी जी की कृपा। 

पारद शिवलिंग बेहद चमत्कारी होता है और इससे व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते हैं और लक्ष्मी जी की कृपा भी प्राप्त होती है। सभी पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भगवान शिव को सर्वाधिक महत्व दिया गया है, क्योंकि वे केवल देव नहीं बल्कि देवों के देव महादेव हैं। इसलिए विभिन्न प्रकार के ग्रह दोषों की शांति के लिए रुद्राभिषेक भी कराया जाता है, जो भगवान शिव को ही समर्पित है। मान्यता है कि भगवान शिव समस्त संसार के पापों का हरण करते हैं और यदि महादेव प्रसन्न हैं, तो जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आ सकती। इसीलिए भगवान शिव के पारद शिवलिंग की घर में स्थापना की जाती है और लक्ष्मी प्राप्ति की कामना की जाती है। जो व्यक्ति पारद शिवलिंग की विधिवत स्थापना करके प्रतिदिन उसकी पूजा करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति भी हो जाती है।

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भगवान शिव देते हैं धन प्राप्ति का वरदान 

मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव अपने सदाशिव रूप में धन के देवता कुबेर और धन की अधिष्ठात्री देवी माता महालक्ष्मी को धन प्रदान करते हैं, ताकि वे समस्त सृष्टि का पालन कर सकें। इस प्रकार भगवान शिव की कृपा हो, तो कुबेर देव और महालक्ष्मी माता की कृपा भी सहज ही प्राप्त हो जाती है और जीवन में धन की कभी कमी नहीं रहती। 

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इस दिवाली घर पर स्थापित करें पारद शिवलिंग 

पारद शिवलिंग को सभी धर्म ग्रंथों में काफी महत्व दिया गया है और घर में इसकी स्थापना विशेष फल प्रदान करती है। इसकी स्थापना करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जलहरी की दिशा उत्तर की ओर होनी चाहिए। इससे धन का आगमन शीघ्र होता है और भगवान शिव की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है। 

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पारद शिवलिंग का महत्व 

पारद शिवलिंग का महत्व  सर्वकालिक है। इसकी महिमा को हमारे शास्त्रों एवं पुराणों में भी बताया गया हैः

स्वयंभूलिंग साहस्त्रैः, यत्फलं सम्यगार्यनात्।

तत्फलं कोटि गुणितं, रसलिंगाच्र्चनाद् भवेत्॥

अर्थात स्वयंभू पार्थिव शिवलिंग का पूजन करने से हजार गुना पुण्य प्राप्त होता है, लेकिन उससे भी कई करोड़ गुणा फल पारद शिवलिंग के पूजन मात्र से प्राप्त हो जाता है। इसलिए इसको घर में स्थापित करके सुख शांति की प्राप्ति होती है और समस्त दोषों से भी मुक्ति प्राप्त होती है।

केदारदोनि लिंगानि, पृथिव्यां यानि कानिचित्।

तानि दृष्ट्ंवासु यत्पुण्यतत्पुण्यं रसदर्शनात्॥

केदारनाथ आदि ज्योतिर्लिंग तथा इस पृथ्वी पर जितने भी शिवलिंग हैं, उनके दर्शन करने से जिस पुण्य की प्राप्ति होती है, उसी पुण्य की प्राप्ति पारद शिवलिंग के पूजन से शीघ्र ही हो जाती है।

शताश्वमेधेन् कृतेन पुण्यं, गोकोटिभिः स्वर्ण सहस्त्र दानात् नृणां भवेत्सूतक दर्शनेन्, यत्सर्वतीर्थेषु कृता भिषेकात्।। 

इसका अर्थ है कि  यदि आप सौ अश्वमेध यज्ञ करें या करोड़ों गायों का दान करें अथवा  सहस्त्र स्वर्ण मुद्राओं का दान करें या फिर चारों धाम की यात्रा एवं तीर्थ स्थान करने से भी जितना पुण्य अर्जित कर पाएंगे, उतना पुण्य आपको पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही प्राप्त हो सकता है। इस प्रकार यदि आप घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करते हैं और उसका प्रतिदिन पूजन करते हैं, तो भगवान शिव की कृपा से आपको सभी सुख प्राप्त होते हैं और आपके पापों का शमन हो जाता है।

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पारद शिवलिंग स्थापना विधि  

  • पारद शिवलिंग की स्थापना दीपावली के दिन अथवा किसी भी दिन की जा सकती है। 
  • कुछ विद्वान लोग शिव वास को जानकर, उसी के अनुसार शुभ मुहूर्त में पारद शिवलिंग की स्थापना करते हैं।
  • इसकी स्थापना के लिए इस दिन पारद शिवलिंग को किसी विशेष पूजा स्थल पर रखना चाहिए और उसकी जलहरी की दिशा उत्तर की ओर होनी चाहिए।
  • स्थापना करते वक़्त पारद शिवलिंग को दूध, दही, शहद, घी और गंगा जल से स्नान कराएं। 
  • इसके बाद विधिवत तरीके से पारद शिवलिंग की पूजा करें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके ‘’ॐ नम: शिवाय’’ मंत्र का जाप करें। 
  • आप चाहें तो भगवान शिव की चालीसा तथा लिंगाष्टक का पाठ भी कर सकते हैं।
  • इस दिन रुद्राभिषेक करना सबसे उत्तम माना गया है।
  • पूजा के बाद भगवान शिव को भोग अर्पित करें और उसके बाद उस भोग को स्वयं प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
  • इस बात का ध्यान रखें कि घर में पूजा करते समय शिवलिंग पर भांग आदि ना चढ़ाएं।

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पारद शिवलिंग की स्थापना हेतु मंत्र 

पारद शिवलिंग को स्थापित करते समय आप निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं:

‘ऐं ह्रीं श्रीं ‘ॐ नम: शिवाय’ : श्रीं ह्रीं ऐं’ 

इस मंत्र का जाप करते समय आपको 108 बिल्वपत्र भगवान शिव के पारद शिवलिंग पर चढ़ाने चाहिएं। यहां ध्यान देने बात योग्य बात यह है कि शिवलिंग में जो 3 पत्तों का दल होता है, उसके एक पत्ते पर “ऐं”, दूसरे पर “ह्रीं” और तीसरे पर “ श्रीं” लिखा होना चाहिए। जब आप पूरे 108 बिल्व पत्र चढ़ा लें, तो उनमें से एक बिल्वपत्र को निकाल कर उसे अपनी तिजोरी अथवा पूजा के स्थान पर रखें और प्रतिदिन उसकी पूजा करें। ऐसा करने से आपको लक्ष्मी माता की सहज कृपा प्राप्त होगी और आपको धन लाभ होगा तथा आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

इस प्रकार आप बहुत ही आसानी से आप स्वयं भी अपने घर में पारद शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं और आपको ऐसा करने से माता महालक्ष्मी की कृपा शीघ्र ही प्राप्त होगी और जब भगवान शिव और माता महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी, तो आपके घर में लक्ष्मी के भंडार भर जाएंगे और आपके सभी दुखों का अंत होगा।

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