इस दिवाली कुबेर यंत्र करें स्थापित, बरसेगा पैसा ही पैसा।

इस दिवाली कुबेर यंत्र करें स्थापित, बरसेगा पैसा ही पैसा।  

शास्त्रों अनुसार धन-धान्य, बुद्धि और शुभता प्राप्ति के लिए भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसलिए ही दिवाली के पर्व पर हम  धन की देवी लक्ष्मी के साथ-साथ विघ्न नाशक श्रीगणेश का पूजन भी करते हैं। माना गया है कि लक्ष्मी-गणेश जी का पूजन करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति और धन आगमन के साधनों में वृद्धि होती है। परन्तु धर्मशास्त्रों में धन के आगमन से संबंधित परेशानियां आने पर जहाँ लक्ष्मी गणेश जी का ध्यान करने की सलाह दी जाती है तो वहीं धन को बनाए रखने के लिए धन के रखवाले कुबेर जी का पूजन करना अनिवार्य बताया गया है। 

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माता लक्ष्मी के साथ होती है कुबेर देव की पूजा 

शास्त्रों में कुबेर देवता को धन के स्वामी देव की उपाधि प्राप्त है। इसलिए माना गया है कि जब भी कुबेर देव का पूजन देवी लक्ष्मी जी के साथ किया जाता हैं तो इससे वो शीघ्र ही प्रसन्न होती हैं और परिणामस्वरूप व्यक्ति को धन से जुड़ी कोई भी परेशानी नहीं होती है। 

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इस दिवाली घर पर स्थापित करें कुबेर यंत्र 

वास्तुशास्त्र अनुसार कुबेर जी उत्तर दिशा के स्वामी होते हैं, इसीलिए अपने घर की उत्तर दिशा को शुभ व स्वच्छ रखना बेहद ज़रूरी होता है। कुबेर जी को दस दिशापालकों में से एक माना जाता है, इसलिए यदि कोई व्यक्ति सभी देवताओं का पूजा-पाठ करने के बाद अंत में कुबेर जी का पाठ उनके मंत्रों द्वारा या कुबेर यंत्र की स्थापना के साथ करता है तो इससे देव कुबेर उस व्यक्ति की सभी कामनाओं की पूर्ति हेतु उसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसलिए इस दिवाली आप भी कुबेर यंत्र की विधि अनुसार स्थापना कर उनका आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं। 

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कुबेर यंत्र का महत्व 

जैसा हमने पहले ही बताया कि कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। इनकी कृपा से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। इसलिए ही कुबेर यंत्र भी सकारात्मक ऊर्जा का माध्यम माना जाता है। इस यंत्र को घर या दफ्तर में स्थापित करने से भाग्य वृद्धि होती है। कुबेर यंत्र की स्थापना और जाप से जीवन में आ रही आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। कुबेर के प्रभाव से अपार धन और आय के नए साधन मिलते हैं। कुबेर यंत्र को स्थापित करने के लिए जन्म कुंडली देखने की ज़रुरत नहीं होती है। कोई भी व्यक्ति इस यंत्र को स्थापित कर पूजा कर सकता है। ज्योतिष विशेषज्ञों अनुसार व्यक्ति कुबेर यंत्र स्वर्ण, रजत, अष्टधातु, ताम्र और भोजपत्र अथवा कागज़ आदि कई रुपों में प्रयोग कर सकता है। 

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कुबेर यंत्र स्थापना विधि  

-कुबेर यंत्र की स्थापना किसी भी शुभ दिन विशेषकर धनतेरस और दीपावली के दिन करनी शुभ होती है। 

-इसके लिए इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के बाद मंदिर, पूजा स्थल, धनकोष या तिजोरी में इस यंत्र को रखना चाहिए।

-स्थापना करते वक़्त कुबेर यंत्र को दूध, दही, शहद, घी और गंगा जल से स्नान कराए। 

-इसके बाद विधिवत तरीके से कुबेर यंत्र की पूजा करें और दक्षिण की ओर मुख करके ‘’ॐ कुबेराय नम:’’ मंत्र का जाप करें। 

-इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अभिमंत्रित और सिद्ध किए बिना यह यंत्र प्रभावी नहीं होगा।

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कुबेर यंत्र की स्थापना हेतु मंत्र 

“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये

“धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥”

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