“चंद्रमा एक शुभ ग्रह है। यह किसी जातक के मन व शरीर में मौजूद द्रव्य का स्वामी होता है। अब चूंकि विज्ञान कहता है कि हमारे शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा जल से निर्मित है। ऐसे में चंद्रमा के गोचर, स्थिति या ग्रहण से हमारे मन व शरीर पर इसका प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। इसके अलावा चंद्रमा और सूर्य दो ऐसे ग्रह हैं, जिनके हमें प्रत्यक्ष दर्शन होते हैं और पृथ्वी का वातावरण इन्हीं दो ग्रहों पर बहुत हद तक निर्भर होता है। इस वजह से चन्द्र ग्रहण का सीधा प्रभाव हमारे आसपास के वातावरण पर भी पड़ता है और माना जाता है कि इस खगोलीय घटना के दौरान हमें बीमार कर देने वाले जीवाणुओं और विषाणुओं में अप्रत्याशित वृद्धि होती है। ऐसे में चन्द्र ग्रहण के बाद कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक हो जाता है।”
आचार्य मृगांक
आचार्य मृगांक का ये कथन चन्द्र ग्रहण को लेकर है। चूंकि मई का महीना साल 2021 के पहले चन्द्र ग्रहण का साक्षी बनने जा रहा है। ऐसे में चन्द्र ग्रहण को लेकर बताई गयी उनकी ये बात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
साल 2021 भारत के लिए स्वास्थ्य के मामले में अभी तक बहुत ही बुरा साल साबित हुआ है। हम लगातार अपनों को खो रहे हैं और ये सिलसिला जारी है। कोरोना महामारी की वजह से देश एक विकट परिस्थिति से गुजर रहा है। डब्ल्यूएचओ ने अपने ताजा बयान में कहा है कि अब कोरोना वायरस हवा से भी लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है। ऐसे में आचार्य मृगांक का यह कथन दोबारा कहना जरूरी है कि चन्द्र ग्रहण का प्रभाव हमारे वातावरण पर भी पड़ता है, जिसकी वजह से हमें बीमार करने वाले जीवाणु व विषाणु और भी अधिक प्रबल हो जाते हैं। जाहिर है कि इसका असर हालिया महामारी पर भी जरूर पड़ेगा।
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ऐसे में आज हम आपको इस लेख में चंद्र ग्रहण के बाद किए जाने वाले उन खास उपायों की जानकारी देंगे जिसे अपना कर आप चन्द्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों को कम कर सकते हैं लेकिन उससे पहले साल 2021 के पहले चंद्र ग्रहण से जुड़ी कुछ खास जानकारी आपको दे देते हैं।
चंद्र ग्रहण 2021
साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने जा रहा है। दिन होगा बुधवार। साथ ही इस दिन बुद्ध पुर्णिमा भी पड़ रही है। साल का यह पहला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण है। यह चंद्र ग्रहण दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम के 07 बजकर 19 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। हालांकि भारत के अधिकतर हिस्सों में यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण के तौर पर नज़र आने वाला है। ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा।
आइये अब हम जानते हैं कि चंद्र ग्रहण के समाप्त होने के बाद हमें क्या उपाय करने चाहिए।
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चन्द्र ग्रहण के बाद करें ये उपाय
घर की सफाई
चन्द्र ग्रहण के बाद भी हमारे घर में चन्द्र ग्रहण से पैदा हुई नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है। ऐसे में ग्रहण के बाद कोई भी कार्य करने से पहले घर की साफ-सफाई अवश्य कर लें। घर की साफ सफाई के बाद पूरे घर में अगरबत्ती या धूप के धुएं से घर को शुद्ध करें।
गंगाजल
चंद्र ग्रहण के प्रभाव से हमारे आसपास की लगभग हर चीज अशुद्ध हो जाती है। ऐसे में गंगाजल का महत्व बढ़ जाता है। चंद्र ग्रहण के बाद आप पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। घर में यदि पूजा घर है या मंदिर है तो वहाँ भी गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही देवी-देवताओं की मूर्ति पर भी इसका छिड़काव अवश्य करें। घर में यदि तुलसी का पौधा हो तो उसपर भी गंगाजल का अवश्य छिड़काव करें।
स्नान
चन्द्र ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। अगर मुमकिन हो कि आसपास किसी पवित्र नदी में स्नान किया जा सके तो अवश्य करें। इससे चन्द्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव खत्म होते हैं। साथ ही चन्द्र ग्रहण के दौरान धारण किए गए वस्त्रों का भी दान कर दें या फिर इसे गंगाजल से पवित्र कर दें। गर्भवती महिलाओं को चन्द्र ग्रहण के बाद अवश्य स्नान करना चाहिए अन्यथा पैदा होने वाले बच्चे को चरम रोग से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है।
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भगवान शिव की आराधना
भगवान शिव ने चंद्रमा देवता के प्राणों की रक्षा की थी। यही वजह है कि चंद्रमा उन जातकों को कष्ट नहीं पहुंचाते जो भगवान शिव की आराधना करते हैं। ऐसे में चन्द्र ग्रहण के बाद भगवान शिव की पूजा करना चन्द्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों को खत्म करता है।
भगवान हनुमान की पूजा
बजरंगबली संकटमोचक हैं। चन्द्र ग्रहण के बाद हनुमान जी की पूजा भी चन्द्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों को दूर करती है। ऐसे में इस दिन चन्द्र ग्रहण के बाद भगवान हनुमान को लाल चोला चढ़ाएँ। चन्द्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव खत्म होंगे।
दान
सनातन धर्म में दान का बड़ा महत्व है। चन्द्र ग्रहण के बाद भी हमें चन्द्र ग्रहण के प्रभाव को खत्म करने के लिए दान अवश्य करना चाहिए। चंद्रमा का प्रिय रंग सफ़ेद है। ऐसे में चन्द्र ग्रहण के बाद कपूर, घी, दही आदि का दान करना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन चन्द्र ग्रहण के बाद वे जातक जो शनि के प्रकोप से प्रभावित हैं उन्हें काला तिल और सरसों का तेल दान करना चाहिए। इससे शनि शांत होते हैं। ध्यान रखें कि आप दान करते वक़्त अपने पितरों को याद करते रहें अन्यथा अशुभ फल प्राप्त होते हैं। जरूरतमंद लोगों कों भोजन कराएं। चन्द्र ग्रहण का प्रभाव कम होगा।
गाय की पूजा
गाय को सनातन धर्म में दिव्य पशु माना जाता है। मान्यता है कि गौ के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है। यही वजह है कि सनातन धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। चन्द्र ग्रहण के बाद इसके प्रभावों को कम करने के लिए आप इस दिन गाय को रोटी अवश्य खिलाएं। चन्द्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव खत्म होंगे।
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भोजन
चन्द्र ग्रहण के बाद बासी बचे हुए भोजन को ग्रहण नहीं करना चाहिए। यदि आपके घर में ऐसा कोई भोजन है तो चन्द्र ग्रहण से पहले ही उसमें तुलसी का पत्ता रख दें। कोशिश करें कि चन्द्र ग्रहण से पहले ही भोजन को खा कर या फिर दान कर के खत्म कर दिया जाये तो ये बेहतर होगा।
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