शास्त्रों में वैसाख पूर्णिमा को ख़ासा अहमियत दी गयी है। इस दिन को महात्मा बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में भी मानाया जाता है। आज के दिन विशेष तौर पर दान पुण्य और धर्म कर्म के काम करने से पुण्य मिलता है। भगवान् बुद्ध को विष्णु जी का 23वां अवतार माना जाता है, इसलिए आज के दिन भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना का भी विशेष महत्व है। आज के दिन सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी, तालाब या जलासय में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव को अर्घ देने का भी विशेष महत्व है। चूँकि आज का दिन भगवान् बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है, इसलिए आज का दिन खासतौर से बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए ख़ासा महत्वपूर्ण है। वैसाख पूर्णिमा को बुध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए आज का दिन किसी उत्सव से कम नहीं है।
वैसाख पूर्णिमा का महत्व
हिन्दू सनातन धर्म के अनुसार आज के दिन किसी पवित्र नदी, विशेष रूप से गंगा नदी में सूर्योदय से पूर्व स्नान करने को विशेष महत्ता दी गयी है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान ध्यान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। चूँकि इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है इसलिए आज के दिन पूजा पाठ और दान पुण्य का काम करने से जीवन में सुख शांति आती है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज यदि आप किसी गरीब को कुछ मीठा दान करते हैं तो इसका फल गौदान के बराबर प्राप्त होता है। बौद्ध धर्म को मानने वाले इस दिन बोधि वृक्ष की पूजा करते हैं। वहीं हिन्दू धर्म के अनुयायी आज के दिन भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं। वैसाख पुर्णिमा के दिन चीनी और तिल का दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।