बुध-बृहस्पति की युति बदल देगी इन 6 राशियों की ज़िन्दगी!

एस्ट्रोसेज हमेशा इसी कोशिश में रहता है कि अपने रीडर्स के लिए हर छोटी से छोटी ज्योतिषीय और खगोलीय घटना से संबंधित सटीक और सही जानकारी लेकर आए। इस ख़ास ब्लॉग में हम ऐसी ही एक महत्वपूर्ण घटना के बारे में विस्तार से जानेंगे। 24 मार्च, 2023 को रेवती नक्षत्र में बुध और बृहस्पति की युति होने जा रही है। इसके परिणामस्वरूप राशि चक्र की 6 राशियों के जीवन में कई अहम और शुभ बदलाव होने वाले हैं, जिसके बारे में हम इस ब्लॉग में बात करेंगे।

         बुध-बृहस्पति की युति को लेकर मन में हैं सवाल, तो विद्वान ज्योतिषियों से फोन/चैट कर पाएं जवाब।

रेवती नक्षत्र में बुध-बृहस्पति की युति

रेवती नक्षत्र में बुध और बृहस्पति की युति बेहद ही दिलचस्प रहने वाली है क्योंकि यह दोनों ग्रह रेवती नक्षत्र के चौथे पद को भी प्रभावित करते हैं। बुध और बृहस्पति न ही एक-दूसरे के शत्रु हैं और न ही मित्र, फिर भी जब यह दोनों ग्रह एक साथ आते हैं तो इनकी युति बेहद शुभ मानी जाती है। बुध महाराज के बारे में बात करें तो यह बुद्धि, तर्क और वाणी को दर्शाते हैं। वहीं, दूसरी ओर बृहस्पति देव ज्ञान और विस्तार का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिन जातकों की जन्म कुंडली में बुध-बृहस्पति की युति होती है, ऐसे जातकों की बुद्धि तेज़ होती है और ये लोग बेहद ज्ञानी होते हैं। ऐसे जातक ज्यादातर शिक्षक, धर्मगुरु बनकर अपने उम्दा संवाद कौशल के माध्यम से दूसरे लोगों के जीवन को सार्थक बनाने का कार्य शिद्दत से करते हैं। चूंकि बुध महाराज अपने ही नक्षत्र में मौजूद हैं और इसके परिणामस्वरूप जातकों को अच्छा स्वभाव, मधुर वाणी और सुंदरता प्राप्त होगी। वहीं, बृहस्पति जातकों को बुद्धिमत्ता और ज्ञान का आशीर्वाद देंगे। कुंडली में बुध और बृहस्पति की युति होने पर जातक आमतौर पर सुंदर और बुद्धिमान होते हैं। लेकिन, अगर इस युति पर पापी ग्रह का प्रभाव मौजूद हो, तो ऐसे लोग अपने संवाद के माध्यम से लोगों के अंदर नफरत फैलाने का कार्य भी करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बुध और बृहस्पति दोनों ही अस्त स्थिति में हैं। लेकिन बुध देव अपने ही नक्षत्र में मौजूद हैं जिसके परिणामस्वरूप उनकी ताकत ज्यादा होगी।

यह भी पढ़ें: राशिफल 2023

बुध और बृहस्पति की युति: तिथि और समय

जैसे कि हम पहले भी बता चुके हैं कि बुध-बृहस्पति की युति बेहद रोचक रहने वाली है क्योंकि यह दोनों ही ग्रह बुद्धि और ज्ञान आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। बुध और बृहस्पति मीन राशि में रेवती नक्षत्र के अंतर्गत 24 मार्च, 2023 को शाम 7 बजकर 19 मिनट पर युति करेंगे। आइए, अब उन 6 राशियों के बारे में बात करते हैं जिनके लिए यह युति बेहद शानदार रहने वाली है।

बुध-बृहस्पति की युति: इन 6 राशियों को मिलेगा लाभ

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध और बृहस्पति ग्यारहवें भाव में युति करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप जातकों को भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा और पैतृक संपत्ति से भी लाभ होने की संभावना है। इस अवधि में आपको धन कमाने के कई नए अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, आपको अचानक से आर्थिक लाभ हो सकता है। आर्थिक पक्ष के साथ-साथ रचनात्मक कार्यों के लिए भी यह अवधि उत्तम रहेगी। इसके अलावा, आप अपने सामाजिक दायरे को बढ़ाने और नए संपर्क बनाने में सक्षम होंगे। वहीं, पारिवारिक दृष्टि से आपको अपने बड़े भाई या बहन का भी भरपूर समर्थन मिलेगा।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन

बुध आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और बृहस्पति आपकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। चौथे और दसवें भाव के स्वामी की युति मिथुन राशि के जातकों के लिए उत्तम रहने की संभावना है। इस समय आपको करियर में कई नए अवसरों की प्राप्ति होगी और आप तरक्की हासिल करेंगे साथ ही, प्रॉपर्टी, जमीन और वाहन खरीदने के भी योग बन रहे हैं। वहीं पेशेवर जीवन को देखें तो, आपको अपनी मेहनत और कार्य के लिए सीनियर्स से सराहना मिलेगी।

वृश्चिक

बुध आपकी कुंडली के आठवें और ग्यारहवें भाव पर और बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव पर शासन करते हैं। आपकी कुंडली के पांचवे भाव में बुध और बृहस्पति की युति होने जा रही है। ऐसे में, रचनात्मक क्षेत्रों में कार्यरत जातकों के लिए यह वक्त शानदार रहेगा, विशेष रूप से जो लोग लेखक, एंटरटेनर, म्यूजिक डायरेक्टर और डिजाइनर आदि हैं। वृश्चिक राशि के जातकों की कमाई में वृद्धि होगी और आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। करियर के लिहाज़ से, आपको अपने सहकर्मियों और जान-पहचान के लोगों का भरपूर समर्थन प्राप्त होगा जिसकी मदद से आप करियर में तरक्की हासिल करने में सफल होंगे।

धनु

बुध आपकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। वहीं, बृहस्पति पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। चौथे और दसवें भाव के स्वामी की चौथे भाव में युति आपके लिए शानदार रहेगी। आपके लिए यह अवधि जमीन और नए संपत्ति खरीदने के लिए उत्तम है। करियर के लिहाज़ से बात करें तो, आपको नौकरी बदलने का मौका मिल सकता है या फिर आप किसी नई जगह पर जा सकते हैं। साथ ही आपको कोई बड़ा प्रोजेक्ट भी मिल सकता है जो आपके करियर के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आ सकता है। खासतौर पर नेवी या पानी से जुड़े कार्य करने वाले जातकों के लिए बुध-बृहस्पति की युति लाभ लेकर आएगी।

कुंभ

बृहस्पति आपकी कुंडली के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जबकि बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। यह दोनों ही ग्रह आपकी कुंडली के दूसरे भाव में युति करेंगे जिसके परिणामस्वरूप जातकों की बातचीत करने की क्षमता मज़बूत होगी। आप तर्क के साथ अपनी बातों को दूसरों के सामने रखने में सफल होंगे जिसका लाभ आपको आर्थिक रूप से भी प्राप्त होगा। बिज़नेस करने वाले जातकों को इस वक्त में काफ़ी फायदा होने के संकेत हैं। इसके अलावा, शिक्षक और प्रचारकों के लिए भी बुध-बृहस्पति की युति शुभ रहेगी।

मीन

बृहस्पति आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। वहीं, बुध आपके सातवें और दसवें भाव पर शासन करते हैं। लग्न भाव और दसवें भाव के स्वामी की युति जातकों के लिए कई शुभ परिणाम लेकर आएगी। आप अपने करियर में पूरी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ने में सफल होंगे क्योंकि दसवें भाव के स्वामी पहले भाव में आ रहे हैं। इस अवधि में नेवी से जुड़े जातकों और पानी से संबंधित कार्य करने वाले लोगों को उत्तम परिणाम प्राप्त होंगे। इस अवधि में आप पूरी तरह सिर्फ काम पर ही ध्यान देंगे और इसके परिणामस्वरूप आपके परिवार में कुछ बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं क्योंकि आप परिवार के सदस्यों को समय देने में असमर्थ रह सकते हैं।

बुध-बृहस्पति की युति: आसान और सरल उपाय

  • जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा प्रदान करें।
  • गरीब लोगों की मदद करने का प्रयास करें।
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • बुध के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का जाप करें।
  • दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाओं और शिक्षा केंद्रों में दान करें।
  • बुध देव और भगवान विष्णु की पूजा करें।

   सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!