मई महीने का आगाज बेहद ही खास होने वाला है क्योंकि इस महीने की पहली तारीख को एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना घटित होगी। दरअसल यह घटना है 30 वर्षों बाद गुरु का वृषभ राशि में गोचर की। देवगुरु बृहस्पति का गोचर ज्योतिष की दुनिया में घटित होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है। इस गोचर का प्रभाव निश्चित तौर पर सभी 12 राशियों को प्रभावित अवश्य करेगा। आज अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि आपकी राशि पर गुरु के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा।
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इसके अलावा वृषभ राशि में गुरु का होना कैसे प्रभाव देता है, गुरु के गोचर के दौरान उसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप अपनी राशि के अनुसार क्या कुछ उपाय कर सकते हैं, कुंडली में अगर गुरु कमजोर हो तो उसे मजबूत करने के लिए क्या कुछ उपाय कर सकते हैं, इन बातों की जानकारी भी आपको हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से दी जाएगी। तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं यह ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं गुरु गोचर का समय क्या रहेगा।
गुरु गोचर 2024: क्या रहेगा समय?
सबसे पहले बात करें समय की तो बृहस्पति या गुरु ग्रह का यह गोचर 1 मई 2024 को दोपहर 14:29 पर होने जा रहा है। यहां दिलचस्प बात यह भी है कि अपने इस गोचर के ठीक 2 दिन बाद अर्थात 3 मई को गुरु वृषभ राशि में ही अस्त भी हो जाएंगे। गुरु अस्त के समय की बात करें तो 3 मई को रात 22:08 पर गुरु अस्त अवस्था में आ जाएंगे। इसे ज्योतिष में बृहस्पति तारा डूबना या गुरु तारा डूबना भी कहा जाता है।
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वृषभ राशि में गुरु- कैसा रहेगा प्रभाव?
जब गुरु अर्थात बृहस्पति वृषभ राशि में होते हैं तो यह जातकों को ज्ञान और धन प्राप्त करने के लिए ज्यादा व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। वृषभ राशि में बृहस्पति की ऊर्जा जातकों को दृढ़ और धार्मिक दृष्टिकोण के साथ सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करेगी। वृषभ राशि में बृहस्पति वाले जातक अपने स्थान से कहीं दूर किसी अच्छे अवसर की तलाश में जा सकते हैं। यह व्यक्ति को धन संचय करने के लिए उनके आराम के क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए भी प्रेरित करता है।
वृषभ राशि में बृहस्पति अपनी वाक्पटुता के चलते एक मजबूत सामाजिक दायरा बनाने की क्षमता व्यक्ति को प्रदान करता है। बृहस्पति की स्थिति पर्याप्त वित्तीय लाभ, महान कौशल, आंतरिक सजावट पर ध्यान और कला और रचनात्मकता का सौंदर्य शास्त्र प्रदर्शन भी करने में सहायक साबित होती है। वृषभ राशि में गुरु व्यक्ति को करियर में विकास और रिश्ते में परिपक्वता के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है। वृषभ राशि में अपनी डिग्री के आधार पर यह वित्तीय संसाधनों में उच्च पद प्राप्त करने की क्षमता भी देता है। वृषभ राशि में बृहस्पति समाज के कल्याण के लिए वित्तीय प्रबंधन और खाद्य उद्योग से संबंधित बड़े पैमाने पर परिवर्तन लाता है।
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दिलचस्प जानकारी: वृषभ राशि के स्वामी शुक्र को माना गया है। गुरु और शुक्र की बात करें तो ये दोनों ही ग्रह ज्योतिष में शुभ माने जाते हैं। जहां एक तरफ गुरु को ज्ञान, सौभाग्य, विवाह, संतान का कारक मानते हैं वहीं शुक्र को भौतिक सुख, ऐश्वर्य, विलास और रोमांस का कारक माना जाता है। ऐसे में इन दोनों ही ग्रहों के मेल से जातकों के जीवन में खुशियां बढ़ेगी और धैर्य की वृद्धि होगी।
ज्योतिष में गुरु ग्रह
बात करें ज्योतिष में गुरु ग्रह की तो देवगुरु बृहस्पति को ज्योतिष में विशेष स्थान दिया गया है। माना जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में गुरु मजबूत अवस्था में हो ऐसे व्यक्तियों का भाग्य उदय होने से कोई नहीं रोक सकता है। ज्योतिष में गुरु को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, पुण्य, और वृद्धि आदि का कारक ग्रह माना गया है। इसके अलावा 27 नक्षत्र में से पुनर्वसु नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी भी गुरु होते हैं। इसके अलावा इन्हें धर्म और आध्यात्मिकता का भी ग्रह कहा जाता है।
ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति मजबूत अवस्था में होता है ऐसे जातक विवेकपूर्ण फैसले लेने, ध्यान केंद्रित करने, पूजा पाठ आदि करने में आगे रहते हैं। वहीं जिन लोगों को गुरु का आशीर्वाद नहीं मिलता या यूं कहिए जिनकी कुंडली में गुरु पीड़ित अवस्था में होते हैं ऐसे जातक खर्चीले स्वभाव के, विलासी होते हैं ऐसे लोग लापरवाह भी हो सकते हैं, ऋण में फंसे हुए, बातों में फंसने वाले, सट्टेबाजी में असफलता प्राप्त करने वाले बनते हैं।
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दिन की बात करें तो बृहस्पति द्वारा शासित दिन गुरुवार होता है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति पीड़ित या कमजोर अवस्था में होता है उन्हें गुरुवार का व्रत रखने की सलाह दी जाती है।
इसके अलावा रत्न की बात करें तो बृहस्पति से संबंधित ग्रह है पीला नीलम। हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले आप हमेशा किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करके फिर ही कोई फैसला लेने की सलाह दी जाती है।
गुरु गोचर 2024- क्या पड़ेगा आपकी राशि पर असर?
चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि 1 मई को होने वाले गुरु के महत्वपूर्ण गोचर का सभी 12 राशियों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। साथ ही जानेंगे इस गोचर के दौरान किए जाने वाले कुछ बेहद ही सरल और सटीक उपाय की भी जानकारी।
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
देव गुरु बृहस्पति आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और इस अवधि में यह गोचर करके आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति देव नौवें व छठे भाव के स्वामी हैं और अब बृहस्पति का…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए गुरु चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके आठवें भाव में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के लिए बृहस्पति देव लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए गुरु देव आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के लिए बृहस्पति आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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