इस मंदिर में 2026 सालों से हो रही है पूजा, क्या यह भारत का सबसे प्राचीन मंदिर है?

प्राचीन काल से ही भारत में मंदिरों को आस्था के मुख्य केंद्र के रुप में देखा जाता है। आज भले ही लोग मंदिरों में केवल पूजा-अर्चना करने जाते हों लेकिन प्राचीन काल में समाज के कल्याण के लिये मंदिरों में चर्चाएं की जाती थीं। इसके साथ ही मन की शांति के लिये भी लोग मंदिर में जाया करते थे। मंदिरों के इतिहास की बात की जाये तो भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी इनके होने के सबूत मिल जाते हैं। इजिप्ट, माचू-पिच्चू, तुर्की आदि जगहों पर आज भी 2500 साल से भी पुराने मंदिर मौजूद हैं। आज हम भारत के ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसे भारत का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। 

मुंडेश्वरी देवी मंदिर है भारत का सबसे प्राचीन मंदिर 

वैसे तो भारत में कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं जो सदियों पुराने हैं, लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर भारत का सबसे प्राचीन मंदिर कौन सा है? भारत के प्राचीन मंदिरों की बात की जाए तो उसमें तिरुपति शहर का विष्णु मंदिर भी है, तमिलनाडु का तंजौर मंदिर भी है और अजंता एलोरा का कैलाश मंदिर भी है। लेकिन सबसे प्राचीन मंदिर इन मंदिरों को नहीं कहा जाता बल्कि मुंडेश्वरी देवी के मंदिर को भारत का सबसे प्राचीन मंदिर कहा जाता है। पुरातत्वविदों को यह प्रमाण मिले हैं कि इस मंदिर का निर्माण 108 इस्वी में हुआ था।

खुदाई में मिलीं दुर्लभ प्रतिमाएं

भारत के पुरातत्व विभाग ने साल 1968 में मुंडेश्वरी मंदिर से खुदाई के दौरान मिल 97 दुर्लभ प्रतिमाओं को सुरक्षित रखने के लिये इन्हें पटना और कोलकाता संग्रहालय में रखवा दिया था। खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग को यहां से गणेश और शिव सहित कई अन्य देवी-देवताओं की भी प्रतिमाएं प्राप्त हुई थीं। 

अगर देश में देवी-देवताओं के सबसे प्राचीन पूजा स्थलों की बात की जाए तो वह ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ हैं। ऐसा माना जाता है कि शक्तिपीठ 5000 साल पुराने हैं। इसके साथ ही भगवान राम के काल में भी मंदिर थे इसके भी प्रमाण मिलते हैं। आपको बता दें कि भगवान राम का काल आज से लगभग 7,200 साल पहले था।

इतिहास के जानकारों की मानें तो भारत में मंदिरों का निर्माण हर समय काल में होता रहा। इनकी संख्या बहुत ज्यादा थी लेकिन कई मंदिरों और पौराणिक स्थलों को मुस्लिम शासकों सहित भारत पर राज करने वाले अन्य बाहरी आक्रांताओं ने भी नष्ट किया। हालांकि बावजूद इसके आज भी भारत में कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं जो इस बात की गवाही देते हैं कि भारत में सदियों से जनमानस की भावनाएं बाकी संस्कृतियों से ज्यादा विकसित थीं। भारत के प्राचीन मंदिरों से हमें पता चलता है कि भारत की प्राचीन सभ्यता कितनी गौरवशाली थी।