ज्योतिष अनुसार, इन वजहों से आती हैं प्रेम जीवन में परेशानियां

हर किसी को अपने जीवन में एक सच्चे साथी की जरूरत हमेशा रहती है। एक ईमानदार और सच्चे जीवन साथी का साथ जीवन की कई मुश्किलों को दूर कर देता है। हालांकि कुछ न कुछ वजहों से आज के दौर में प्रेमी-प्रेमिकाओं के बीच अलगाव की स्थिति भी पैदा हो जाती है, यदि लवमेट के साथ संबंध अच्छे भी हैं तो पारिवारिक या सामाजिक कारणों से भी स्थिति प्रतिकूल हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि वह कौन से ज्योतिषीय कारण है जिनकी वजह से प्रेम जीवन या प्रेम विवाह में परेशानियां आती हैं।

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कुंडली का पंचम भाव

ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में पंचम भाव को प्रेम जीवन का कारक माना जाता है। इस भाव की स्थिति अच्छी होने पर व्यक्ति को लव लाइफ में सफलता प्राप्त होती है और प्रेम विवाह होने के भी अच्छे आसार होते हैं। वहीं इस भाव की स्थिति अनुकूल न होने पर प्रेम जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस भाव पर यदि शनि, राहु-केतु की दृष्टि हो तो लवमेट के साथ व्यक्ति के मतभेद हो सकते हैं। वहीं प्रेम विवाह करने में भी ऐसे लोगों को अड़चनों का सामना करना पड़ता है। 

कुंडली में शुक्र और गुरु की स्थिति

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को रोमांस, प्रेम और कामुकता का कारक माना जाता है। इस ग्रह के कमजोर होने पर भी व्यक्ति को प्रेम जीवन में निराश हाथ लगती है। शुक्र की कमजोर अवस्था व्यक्ति में कामुकता की कमी लाती है इसके साथ ही प्रेम की भावनाएं भी ऐसे लोगों में बहुत कम होती हैं।  वहीं कुंडली में गुरु की स्थिति भी प्रेम जीवन में प्रतिकूल प्रभाव पैदा करती। इसके साथ ही यह प्रेम विवाह होने के बाद भी जीवनसाथी के साथ गलतफहमियां पैदा कर सकता है। 

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प्रेम जीवन में यह स्थितियां भी करती हैं परेशानी पैदा

बुध का संचार का कारक ग्रह माना गया है। जिन जातकों की कुंडली में बुध कमजोर होता उनको लव लाइफ में कमजोर संचार क्षमता के कारण परेशानियां आती हैं। ऐसे लोगों की बातें संगी को गलतफहमी में डालने का कारण बन सकती हैं। इसके साथ ही यदि कुंडली के कारक ग्रहों पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि हो या अशुभ ग्रहों के साथ कारक ग्रहों की युति हो तो ऐसे में भी लव लाइफ में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। 

किन लोगों को मिलती है प्रेम जीवन में सफलता

  • लग्न से पंचम या नवम भाव में चंद्र या मंगल ग्रह स्थित हों तो प्रेम विवाह के अच्छे योग बनते हैं। ऐसे लोगों का प्रेम जीवन भी सफल रहता है। 
  • कुंडली के पंचम भाव का स्वामी ग्रह यदि मंगल या चंद्रमा के साथ विराजमान रहे तो व्यक्ति को प्रेम जीवन में सफलता मिलती है। 
  • यदि विवाह भाव (सप्तम भाव) का संबंध किसी न किसी तरह से पंचम, तृतीय या द्वादश भाव से होता है तो व्यक्ति प्रेम विवाह करने में सफल हो सकता है।

कैसे मिलेगी प्रेम जीवन में सफलता

ज्योतिष की मानें तो लव लाइफ में सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपनी कुंडली में शुक्र, गुरु और बुध की स्थिति को देखना चाहिए। इन ग्रहों में से यदि कोई भी कमजोर स्थिति में है तो उससे जुड़े उपाय आपको करने चाहिए। इसके साथ ही भगवान शिव और कृष्ण भगवान की अराधना करना भी प्रेम जीवन में सफलता दिला सकता है। 


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