क्या केजरीवाल फिर जीतेंगे दिल्ली का दिल
दिल्ली विधानसभा चुनावों का शंखनाद हो चुका है और यहाँ सभी पार्टियाँ ताल ठोक कर मैदान में खड़ी हैं और अपने अपने दावे को मजबूत बता रही हैं। ऐसे में दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने जनता को साधने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। उन्होंने अपने गारंटी कार्ड के द्वारा अपनी तरफ से पूर्ण प्रयास किया है कि सारी जनता उनके पक्ष में वोट दे और वे दोबारा दिल्ली की राज गद्दी पर बैठे। इसी सन्दर्भ में हमने ज्योतिष के नज़रिए से यह जानने का प्रयास किया कि अरविंद केजरीवाल क्या दिल्ली का दिल दोबारा जीत पाने में कामयाब होंगे या स्थितियां कुछ अलग भी हो सकती हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020
देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और 8 फरवरी को जनता अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट देकर मजबूत बनाएगी तथा 11 फरवरी को जनादेश सबके सामने आएगा। ऐसे में यह जानना काफी दिलचस्प रहेगा कि क्या दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे या फिर कोई उलटफेर होने की संभावना है। कैसा रहेगा आम आदमी पार्टी का विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन और क्या बीजेपी या कांग्रेस उन्हें पटखनी दे पाएगी या दूसरे और तीसरे नंबर से ही उन्हें संतोष करना पड़ेगा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में सीटों का गणित
आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीट हैं, जिन पर चुनाव होना है और बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 36 सीटें जीत कर लाना आवश्यक है। यदि पिछले चुनावों की स्थिति का अवलोकन करें तो 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी अप्रत्याशित रूप से सत्ता में आई और उसे 54.3% वोट मिले। वहीं बीजेपी 3 सीटों और 32.3% वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित के तीन बार जीतने का रिकॉर्ड बनाने के बाद भी कांग्रेस का उन चुनावों में खाता भी नहीं खुला और उसे कुल 9.7% वोटों से संतोष करना पड़ा। ऐसे में दिल्ली की सत्ता के किंग मेकर अरविंद केजरीवाल ही रहे, जिन्होंने पूरे पाँच वर्ष सरकार चलाने में कामयाबी हासिल की। आइए अब जानते हैं कि क्या हो सकता है 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में और कैसा रहेगा आम आदमी पार्टी और केजरीवाल का प्रदर्शन।
इस संबंध में हमने कुछ विशेष कुंडलियों का अध्ययन किया है, जिन्हें आपके समक्ष रख रहे हैं। अरविंद केजरीवाल जी की कुंडली के अध्ययन से पूर्व उनके नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की कुंडली पर एक नजर डालते हैं:-
आम आदमी पार्टी की कुंडली
आम आदमी पार्टी यानि कि “आप” की कुंडली मकर लग्न और मेष राशि की है। लग्न का स्वामी शनि अपनी उच्च राशि तुला में दशम भाव में शुक्र के साथ और बुध के साथ युति करते हुए प्रबल राजयोग का निर्माण कर रहा है। इस प्रकार इस कुंडली में शक्तिशाली पाराशरी राज योग बन रहा है।
आम आदमी पार्टी (26-11-2012, 11:0:0, दिल्ली)
आम आदमी पार्टी इस समय शुक्र की महादशा और राहु की अंतर्दशा के प्रभाव में है। शुक्र इन के लिए योग कारक की भूमिका निभाते हुए दशम भाव में शनि और बुध के साथ स्थित होकर राहु के नक्षत्र में विद्यमान है, जो कि एकादश भाव में सूर्य के साथ स्थित है और देव गुरु बृहस्पति की दृष्टि भी उस पर है।
राहु बृहस्पति के नक्षत्र में वृश्चिक राशि में है और बृहस्पति से दृष्ट भी है। शुक्र की महादशा में ही आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को लेकर विशेष घोषणाओं के द्वारा महिला मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया, जिसमें मुफ्त सफर भी शामिल है।
शुक्र में राहु का यह समय आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में अनुकूल समय बना रहा है और जिस समय में ये चुनाव होंगे और उनका नतीजा आएगा, केतु की प्रत्यंतर दशा चल रही होगी जो कि देव गुरु बृहस्पति के साथ शुक्र की राशि में विराजमान है और सूर्य से दृष्ट है तथा सूर्य के नक्षत्र में भी है।
ऐसे में कहा जा सकता है कि यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए काफी कारगर और फ़ायदेमंद साबित हो सकते हैं। उनकी स्थिति मजबूत होने की पूरी संभावना बन रही है लेकिन इस कुंडली में गुरु और सूर्य दोनों ही राहु और केतु से पीड़ित हैं। इस वजह से पार्टी की कुछ बातें और कुछ क्रियाकलाप समाज विरोधी भी सिद्ध हो सकते हैं, जिसके लिए उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, इसलिए इन्हे इस दिशा में विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता होगी। कुछ अपने भी ऐन मौके पर साथ छोड़ सकते हैं।
अरविन्द केजरीवाल की कुंडली
आइए अब बात करते हैं दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की और उनकी कुंडली से जानते हैं कि उनके लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में क्या संभावनाएं बन रही हैं:
अरविन्द केजरीवाल
(16-8-1968; 00:30; सिवानी)
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के कर्ता धर्ता श्री अरविंद केजरीवाल की जन्म कुंडली वृषभ लग्न की है और लग्न का स्वामी शुक्र चतुर्थ स्थान में बृहस्पति और बुध के साथ विराजमान है।
वर्तमान में देव गुरु बृहस्पति की महादशा और शुक्र की अंतर्दशा इन पर अपना प्रभाव दिखा रही है। यही वजह है कि शिक्षा और स्वास्थ्य तथा महिलाओं पर तथा विद्यार्थियों के लिए इन्होंने आकर्षक योजनाएं बनाई हैं। जिस समय अवधि में दिल्ली में चुनाव होंगे और उनका नतीजा आएगा, उस दौरान शनि की प्रत्यंतर दशा अपना प्रभाव दिखा रही होगी। इनकी कुंडली में शनि नवम और दशम का स्वामी होकर प्रबल योगकारक बन रहा है और द्वादश स्थान में चंद्रमा के साथ बैठा है तथा उस पर देव गुरु बृहस्पति की नवम दृष्टि भी है, जिसकी वजह से उसका नीचत्व काफी हद तक कम हो गया है।
शुक्र अपने ही नक्षत्र में होने से महिलाओं को दी गई विशेष सुविधाओं का लाभ इन विधानसभा चुनावों में इन्हें मिल सकता है। देव गुरु बृहस्पति अपने मित्र सूर्य की राशि में और शुक्र के ही नक्षत्र में विराजमान हैं, जिसकी वजह से इन्हें शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का अच्छा लाभ मिल सकता है।
शनि का गोचर इन की राशि से दशम स्थान और लग्न से नवम भाव में हो रहा है और यह इनके लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित हो सकता है। इनकी कुछ गुप्त योजनाएं भी इस समय में इनके बहुत काम आने वाली हैं। हालांकि शुक्र और गुरु का संयोग इन्हें कुछ स्थानों पर उलटफेर का शिकार भी बना सकता है, लेकिन कुछ जगह इनका प्रदर्शन पहले से भी बेहतर रहेगा।
उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एक बात तो तय है कि इनका प्रदर्शन दिल्ली के इन चुनावों में अच्छा रहने की संभावना है। ग्रहों का गोचर भी इनके पक्ष में संभावना बना रहा है लेकिन देव गुरु बृहस्पति इन के अष्टम भाव के स्वामी भी हैं जो कि अचानक से परिवर्तन देने में सक्षम हैं। ऐसे में इनकी अपनी ही पार्टी के कुछ लोग इनके विरुद्ध जा सकते हैं, जो इनके लिए काफी बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है। अगर सीटों की बात की जाए तो ऐसी संभावना है कि इनकी सीटों संख्या में पिछली बार के मुक़ाबले भारी कमी देखने को मिलेगी और दिल्ली विधानसभा की कुल 70 सीटों में से इन्हें लगभग 40 से 45 सीटें मिल सकती हैं। इनकी चिर प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी भी पिछले चुनाव के मुक़ाबले अच्छा प्रदर्शन करेगी और इन्हे पूरी टक्कर देगी।
(अरविंद केजरीवाल के विषय में ये भविष्यवाणी आचार्य मृगांक ने उनकी इंटरनेट पर उपलब्ध कुंडली के आधार पर की है। )