23 जून से होगी अमरनाथ यात्रा शुरु, जानें यात्रा से जुड़ी जानकारी!

हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थल “अमरनाथ यात्रा” पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशख़बरी है। इस साल बाबा बर्फानी के अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 23 जून, मंगलवार से होगी और यात्रा का समापन 3 अगस्त को होगा। यानि पिछले साल की तरह ही इस बार भी यह यात्रा श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के दिन संपन्न होगी। इस साल अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन यानि पंजीकरण 01 अप्रैल से शुरू होगा। साल 2019 की तुलना में 4 दिन की कटौती के साथ इस साल यह यात्रा 42 दिन की होने जा रही है, और ऐसा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रख कर किया जा रहा है। इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए लोगों को पहले अपना पंजीकरण कराना, मेडिकल जाँच और भी बहुत सी चीज़ों की ज़रूरत होती है। तो चलिए इस लेख में आपको बताते हैं कि अमरनाथ यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आपको पंजीकरण कैसे करना है, और इसके लिए क्या-क्या चीज़ें ज़रूरी होती हैं, साथ ही आपको बताते हैं बाबा बर्फानी के विषय में कुछ खास बातें। 

ऐसे करा सकते हैं पंजीकरण 

इस साल अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था दर्शन के लिए 23 जून, मंगलवार को रवाना करने का निर्णय लिया गया है, और यात्रा का हिस्सा बनने के लिए पहले श्रद्धालुओं को अपना पंजीकरण कराना होगा। इस साल रजिस्ट्रेशन का काम 1 अप्रैल से शुरू कर दिया जायेगा। यात्रा पंजीकरण की सुविधा देश भर के 442 पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक और येस बैंक की शाखाओं में उपलब्ध होगी। इसके अलावा इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का कोटा भी बढ़ा दिया गया है। 

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यात्रा के इच्छुक श्रद्धालु रखें इन बातों का भी ध्यान

अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अपना हेल्थ सर्टिफ़िकेट भी दिखाना पड़ता है। साथ ही यात्रा के इच्छुक श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले डॉक्टरी परामर्श भी लेनी पड़ती है। इस साल 13 साल से कम और 75 साल से ज्यादा की आयु के लोगों को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अमरनाथ यात्रा का मार्ग बेहद कठिन होता है, साथ ही वहां का मौसम भी बहुत ठंडा होता है, इसीलिए श्रद्धालुओं को हमेशा अपने यात्रा की तैयारी इन बातों को ध्यान में रखकर करनी चाहिए। शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए यात्रियों को पहले से ही प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। 

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बाबा बर्फानी के अमरनाथ की ख़ासियत 

हिमालय की गोद में बसा “अमरनाथ” तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी जगह पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व के बारे में बताया था। भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माने जाने वाला अमरनाथ समुद्र तल से 13 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस जगह की प्रमुख विशेषता गुफा में बर्फ से बना प्राकृतिक शिवलिंग है। इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग और बाबा बर्फानी भी कहते हैं। इस हिमलिंग की सबसे खास बात यह है कि चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इस बर्फ का आकार भी घटता-बढ़ता रहता है। श्रावण पूर्णिमा के दिन यह अपने पूरे आकार में आ जाता है, और अमावस्या के दिन तक धीरे-धीरे छोटा हो जाता है। हर साल लाखों की संख्या में लोग इस पवित्र हिमलिंग के दर्शन करने आते हैं। 

हम आशा करते हैं कि साल 2020 में बाबा बर्फानी के दर्शन को जाने वाले सभी श्रद्धालुओं की यात्रा मंगलमय हो।