कमज़ोर मॉनसून से सूखे की आशंका, अर्थव्यवस्था को होगा नुकसान !

कमजोर मॉनसून के चलते देश में सूखे की आशंका जताई जा रही है। मॉनसून सीजन के लगातार चौथे सप्ताह में भी बारिश कम देखने को मिली है। देश के मध्य और पश्चिमी हिस्से में कम बारिश हुई है। अगर दो सप्ताह और बारिश नहीं हुई तो देश में सूखा देखने को मिल सकता है। इससे न केवल भारतीय किसानों को, बल्कि आम जन के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होगा। चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारतीय जनसंख्या का भी अधिकांश हिस्सा कृषि पर ही निर्भर करता है।

बीते 50 सालों में औसत से 24 फीसदी कम हुई है बारिश

आँकड़ों के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी और 2.5 ट्रिलियन की इकॉनमी वाले भारत की जीडीपी में 15 फीसदी हिस्सेदारी देश की कृषि की है। मौसम विभाग के 26 जून तक के डेटा के मुताबिक बीते 50 साल के औसत में इस मॉनसून सीजन में 24 पर्सेंट कम बारिश हुई है। कुछ हिस्सों में यह कमी 69 फीसदी तक देखने को मिली है।

किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यापार को होगा नुकसान

बारिश की कमी के चलते धान, मक्का और सोयाबीन की बुआई कम होने की आशंका है। अगर आगे भी ऐसा चलता रहा तो फिर ख़रीफ की फसल की बुआई भी प्रभावित होगी। इसके अलावा ट्रैक्टर से लेकर कमज़ोर मॉनसून से सूखे की आशंका, अर्थव्यवस्था को होगा नुकसान

फर्टिलाइजर तक और किसानों के लिए अन्य तमाम उत्पाद बेचने वाली कंपनियों के लिए यह चिंता की बात होगी।
बता दें कि भारत सरकार ने 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन की इकॉनोमी बनाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन अगर मॉनसून में थोड़ी सी भी कमी आई तो भारत सरकार का ये लक्ष्य पूरा होना असंभव सा हो जाएगा।