ताली बजाते ही हिलने लगता है इस कुंड का पानी, चर्म रोग भी करता है दूर

dalahi kunddalahi kund

दुनिया में अनेकों तरह के चमत्कार होते हैं। जो इन चमत्कारों को अपनी आँखों से देखते हैं वो तो इस पर यकीन कर लेते हैं लेकिन जिन्होंने चमत्कारों को अपनी आँखों से नहीं देखा होता है उनको इस बात पर यकीन करना बेहद मुश्किल हो जाता है।  आज ऐसे ही एक चमत्कारी कुंड की बात हम आपको बताने जा रहे हैं जिसमें एक नहीं बल्कि दो-दो चमत्कार होते हैं। एक चमत्कार तो ये होता है कि इस कुंड के पास ताली बजाने मात्र से ही इस कुंड का पानी हिलने लग जाता है और बाहर आने लगता है और दूसरा चमत्कार यह है कि इसमें नहाने से चर्म रोग जैसी दिक़्क़तों से भी छुटकारा मिल जाता है।

कहाँ हैं ये कुंड?

यहाँ हम जिस चमत्कारी कुंड की बात कर रहे हैं वो झारखंड के बोकारो जिले में स्थित है।  इस कुंड की विशेषता ये है कि इसमें ताली बजाने से ही इसका पानी बाहर निकलने लगता है। उस वक़्त ऐसा लगता है मानो किसी बर्तन में पानी उबल रहा हो। इस कुंड की एक और विशेषता यह है कि यहां गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म पानी निकलता है। लोगों का मानना है कि इस कुंड में नहाने से लोगों के चर्म रोग तक दूर होते हैं। साथ ही लोगों की मन्नतें भी पूरी होती हैं।

कुंड से निकलने वाला पानी जमुई नाम की एक छोटी नाली से होते हुए गरगा नदी में मिलता है। इसे कुछ लोग दलाही कुंड के नाम से भी जानते हैं। बताया जाता है कि यहाँ कंक्रीट की दीवारों से घेरा हुआ एक छोटा सा जलाशय है जो की बेहद साफ और औषधीय गुणों वाला है।

आमतौर पर देखा गया है कि ऐसी जो जगहें होती हैं वहां पानी ज़मीन के बहुत ही नीचे से आता है और उस पानी का तापमान भी फ़िक्स्ड होता है, गर्म तो गर्म, ठंडा तो ठंडा।  ऐसे में इस कुंड के पानी का तापमान बदलते रहना शोध का विषय है। इस बारे में भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इस कुंड के पानी से नहाने पर चर्म रोग दूर होते हैं तो इसका मतलब इस पानी में गंधक और हीलियम गैस मिला हुआ है। इसके अलावा ये बात तो सब जानते हैं कि अगर आप पानी के पास ताली बजाते हैं तो इससे ध्वनि तरंगें पैदा होती है जिससे पानी में हलचल होती है लेकिन यहाँ ताली बजाने से पानी नीचे से ऊपर कैसे आता है यह वाकई आश्चर्यजनक है।  बताया जाता है कि साल 1984 से ही यहाँ हर साल मकर संक्रांति पर भव्य मेला लगता है। इसमें दूर-दूर से लोग स्नान के लिए पहुंचते हैं। इस कुंड के पास दलाही गुसाईं नाम के देवता का भी स्थान है। यहां हर रविवार के दिन पूजा की मान्यता है जिसमें भारी भीड़ जुटती है।

यह भी पढ़ें : इन प्रसिद्ध तीर्थ-स्थलों का पानी है रोग-नाशक, एक बार ज़रूर करें इनके दर्शन

पर्यटन केंद्र बन सकता है ये कुंड

साल 2011-12 में पर्यटन विभाग ने इसकी एक दीवार बनवाई लेकिन इस दीवार के निर्माण के बाद इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। जानकार बताते हैं कि सरकार चाहे तो यह एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है।

AddThis Website Tools
whatsapp