22 अप्रैल से दोबारा बजेंगी शहनाइयां, नोट कर लें इस वर्ष की विवाह मुहूर्त की अन्य तारीखें

हिंदू धर्म में कोई भी काम शुभ मुहूर्त देखकर ही किया जाता है। विशेष तौर पर जब बात हो शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्यों की तब तो लोग शुभ मुहूर्त देखकर ही कोई कदम आगे बढ़ाते हैं। हिंदू धर्म में खरमास की अवधि में कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है और यह खरमास 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहने वाला है। खरमास की अवधि के दौरान मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। हालांकि इसके बाद एक बार फिर 22 अप्रैल से विवाह और अन्य मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।

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कब से शुरू हो रहे हैं विवाह आदि मांगलिक कार्य?

ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि, इस वर्ष 16 फरवरी को अस्त हुए शुक्र ग्रह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी 18 अप्रैल को उदित होने जा रहे हैं। ऐसे में इस वर्ष शादी-ब्याह के लिए शुभ मुहूर्त 18 अप्रैल के बाद के निकल रहे हैं। अब बात करें इस वर्ष की विवाह की तिथियां कब-कब की बन रही है तो इससे संबंधित एक लिस्ट हम आपको नीचे प्रदान कर रहे हैं।

साल 2021 के विवाह मुहूर्त की संपूर्ण लिस्ट

महीना तारीखें 
अप्रैल महीने में विवाह मुहूर्त 22, 24, 25, 26, 27, 28, 29, और 30
मई महीने में विवाह मुहूर्त1, 2, 7, 8, 9, 13, 14, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 28, 29 और 30
जून महीने में विवाह मुहूर्त3, 4, 5, 16, 20, 22, 23, और 24 
जुलाई महीने में विवाह मुहूर्त1, 2, 7, 13 और 15
नवंबर महीने में विवाह मुहूर्त15, 16, 20, 21, 28, 29 और 30
दिसंबर महीने में विवाह मुहूर्त1, 2, 6, 7, 11 और 13

इसके अलावा यदि अब आप इनमें से किसी निश्चित दिन की शुभ समय अवधि जानना चाहते हैं तो अभी यहाँ क्लिक कर सकते हैं।

कैसे की जाती है विवाह मुहूर्त की गणना

शादी के लिए जब भी शुभ मुहूर्त की गणना की जाती है तो इसमें सबसे पहले वर-वधु की कुंडली मिलाई जाती है। कुंडली मिलान के दौरान इस बात का विशेष ध्यान देना होता है कि कम से कम 36 में से 18 गुण तो मिलें ही। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि, 18 से कम गुण मिलने की स्थिति में विवाह के बाद समस्याएं आदि आने की आशंका बनी रहती है। 

गुण मिलान के साथ ही दोष आदि की गणना भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इन दोष में मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, भकूट दोष, गण दोष और अन्य दोष ध्यान में रखे जाते हैं। कुंडली  मिलान के बाद वर-वधु की राशि के अनुसार सही तिथि, मुहूर्त, माह, पक्ष, नक्षत्र के आधार पर विवाह मुहूर्त तय किया जाता है।

विवाह संस्कार के लिए अशुभ मुहूर्त

  • विवाह संपन्न करने के लिए मंगलवार का दिन अशुभ माना गया है।
  • चातुर्मास के दौरान विवाह करना अशुभ माना गया है।
  • इसके अलावा खरमास, मलमास, क्षयमास और पितृ पक्ष या महालया का समय भी विवाह आदि के लिए अशुभ माना गया है।

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विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

  • ज्येष्ठ, माघ, फाल्गुन, मार्गशीर्ष, वैशाख और आषाढ़ इन महीनों में विवाह करना शुभ माना गया है।
  • अनुराधा, मूल, मृगशिरा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, हस्त, रेवती, उत्तरा भाद्रपद, रोहिणी, मघा और स्वाति, 27 नक्षत्रों में ये नक्षत्र विवाह संस्कार के लिए शुभ माने गए हैं।

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