विघ्नहर्ता की कृपा प्राप्त करने के लिए सप्ताह में बुधवार और प्रत्येक माह में विनायक चतुर्थी का दिन बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है। फाल्गुन माह की विनायक चतुर्थी आज यानी 17 मार्च के दिन की जा रही है और शुभ संयोग देखिए कि इस महीने की विनायक चतुर्थी बुधवार के दिन ही पड़ रही है। ऐसे में बुधवार के दिन ही विनायक चतुर्थी का पड़ना बेहद ही उत्तम संयोग माना जा रहा है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा व्रत आदि करने से इंसान को 100 गुना फल प्राप्त होता है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में दो संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। पहला व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन किया जाता है और दूसरा व्रत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन किया जाता है। जहां कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन किया जाने वाला व्रत संकष्टी चतुर्थी कहलाता है वहीं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन किया जाने वाला व्रत विनायक चतुर्थी कहलाता है। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने का भी विधान बताया गया है। सूर्योदय से शुरू होने वाला यह व्रत असल मायने में चंद्रोदय के साथ ही समाप्त होता है।
फाल्गुन मास गणेश चतुर्थी तिथि और मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)
16 मार्च, मंगलवार से रात 8 बजकर 58 मिनट तक चतुर्थी तिथि प्रारंभ
17 मार्च, बुधवार, रात 11 बजकर 28 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त
पूजा मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक
अवधि: 2 घंटे 24 मिनट
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भगवान गणेश की पूजा में उनकी कुछ प्रिय चीजों को शामिल करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। जब भी बात आती है भगवान गणेश के प्रिय चीजों की तो मोदक का नाम सबसे श्रेष्ठ पर होता है। ऐसे में आज की पूजा में भगवान गणेश को तिल के लड्डू या मोदक अवश्य चढ़ाएं। मान्यता है कि, ऐसा करने से गणपति बेहद ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन से हर एक दुख, कष्ट और परेशानी दूर करते हैं।
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आज विनायक चतुर्थी के दिन क्यों जरूरी है चंद्र दर्शन
आज फाल्गुन महीने की चतुर्थी है यानी की विनायक चतुर्थी। ऐसे में इस दिन चंद्रमा पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है विनायक चतुर्थी के दिन जो कोई भी चंद्रमा पूजा और चंद्रमा दर्शन करता है उसके जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली हमेशा बनी रहती है।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि, विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा के दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद ही शुभ फलदाई होता है। ऐसे में आज की पूजा के बाद शाम के समय चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य अर्पित करें और इसके बाद ही अपना उपवास खोलें। ऐसा करने से आपके जीवन की सभी दुख कष्ट और परेशानियां अवश्य दूर होंगी।
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आज सूर्योदय और चंद्रोदय का समय
सूर्योदय – 6 बजकर 37 मिनट से
सूर्यास्त – 6 बजकर 32 मिनट तक
चन्द्रोदय – 17 मार्च 8 बजकर 54 मिनट से
चन्द्रास्त – 17 मार्च 10 बजे
हम आशा करते हैं कि, विनायक चतुर्थी पर लिखा हमारा यह लेख आपके लिए उपयोगी अवश्य साबित हुआ होगा। ऐस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।