हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा किसी भी पूजा में सबसे पहले किये जाने का विधान बताया गया है। ऐसे में भगवान गणेश की खास पूजा के लिए विनायक चतुर्थी का व्रत समर्पित किया गया है। इस दिन गणेश जी का जन्मदिन मनाया जाता है।
इसके अलावा हर महीने में पड़ने वाली प्रत्येक चतुर्थी का अपना ही महत्व होता है। गणेश चतुर्थी का व्रत महत्व, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त इत्यादि जानने के लिए आगे पढ़ें।
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जानें दिसंबर में किस दिन है विनायक चतुर्थी और क्या है शुभ मुहूर्त?
विनायक चतुर्थी – दिनांक – 18 दिसंबर 2020
दिन शुक्रवार
मुहूर्त – प्रातः 11:17 से दोपहर 13:19 तक
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विनायक चतुर्थी पूजन विधि
- इस दिन सुबह उठकर सभी कामों से निवृत होकर स्नान करें। इसके बाद घर या मंदिर में भगवान गणेश जी की पूजा करने के लिए साफ कपड़े पहनें।
- पूजा शुरु करते हुए साधक को गणेश मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
- इसके बाद पूजा में पुष्प, धूप, चंदन, मिठाई, फल, और पान का पत्ता इत्यादि चढ़ाएं।
- धूप दीप जलाकर भगवान गणेश की कथा का पाठ करें।
- पाठ हो जाने के बाद आरती कर प्रसाद बांटें।
- शाम के समय दोबारा गणेश भगवान की पूजा करें। प्रसाद बांटें और फलाहार कर अगले दिन व्रत पूरा करें।
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गणेश महामंत्र
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
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विनायक चतुर्थी व्रत क्या है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक चंद्रमा में दो चतुर्थी पड़ती है। शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या के बाद पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और कृष्ण पक्ष के दौरान पूर्णिमा या पूर्णिमा के बाद पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
विनायक चतुर्थी का व्रत प्रत्येक महीने में किया जाता है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण विनायक चतुर्थी भाद्रपद के महीने में पड़ने वाली चतुर्थी को माना जाता है। गणेश चतुर्थी पूरे विश्व में हिंदुओं द्वारा भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। विनायक चतुर्थी को कई जगहों पर वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि जो कोई भी इंसान इस दिन सच्ची निष्ठा से पूजा करता है और व्रत रखता है मान्यता है कि उन्हें भगवान गणेश ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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