शुक्र सभी ग्रहों में सबसे चमकीला ग्रह है। इस ग्रह की जितनी चमक है उतनी ही चमक यह आम इंसान के जीवन में भी बिखेरता है। शुक्र ग्लैमर के देवता हैं, हिन्दी में कहें तो भौतिक सुखों के दाता। सवाल उठता है कि भौतिक सुख क्या है? जवाब है वो हर चीज जो आप पैसे से खरीद कर ऐश और आराम से जिंदगी गुजर-बसर करते हैं। शुक्र किसी भी जातक की कुंडली में उसके वैवाहिक जीवन के कारक माने गए हैं। वैवाहिक जीवन के कारक का अर्थ है कि जातक का वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा या फिर कष्टदायक रहने वाला है, ये सब शुक्र की कृपा पर निर्भर करता है। अब चूंकि शुक्र इतना महत्वपूर्ण ग्रह है, ऐसे में शुक्र के गोचर की घटना का महत्व भी काफी बढ़ जाता है।
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वैदिक ज्योतिष हमेशा से यह मानता आया है कि किसी भी ग्रह के गोचर का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ता है। जाहिर है कि दुनिया में भांति-भांति के लोग हैं तो इसका प्रभाव भी सभी पर अलग-अलग पड़ेगा लेकिन यह तय है कि प्रभाव तो पड़ेगा ही। ऐसे में शुक्र के गोचर से कुछ जातकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे और कुछ जातकों के लिए यह गोचर की अवधि परेशानियाँ लेकर आ सकती है। ऐसे में जिन जातकों के जीवन पर शुक्र के गोचर का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, उन्हें शुक्र को शांत करने के उपाय करने चाहिए।
यही वजह है कि आज हम आपको इस लेख में शुक्र गोचर के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए क्या उपाय करने चाहिए इसकी जानकारी देने वाले हैं लेकिन उससे पहले शुक्र गोचर से जुड़ी कुछ खास जानकारी आपके साथ साझा कर देते हैं।
शुक्र गोचर कब से कब तक?
22 जून, 2021 को मंगलवार की दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर शुक्र देवता का गोचर चंद्रमा के स्वामित्व वाले कर्क राशि में होने जा रहा है। शुक्र कर्क राशि में 17 जुलाई 2021 को शनिवार की सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक रहने वाले हैं। इसके बाद वे सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे। आम तौर पर शुक्र एक राशि में 23 दिनों तक गोचर करते हैं।
आइये अब जानते हैं कि शुक्र गोचर के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए हमें क्या ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए।
शुक्र शांति के उपाय
- शुक्र को प्रसन्न करना है तो कन्या पूजन करें। कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें सफ़ेद रंग का कोई भेंट दें जैसे कि सफ़ेद वस्त्र, सफ़ेद कलम, सफ़ेद खिलौने इत्यादि। कन्याओं का आशीर्वाद लें। जरूरतमंद कन्याओं को शुक्रवार के दिन भोजन जरूर करवाएं। साथ ही यदि सक्षम हों तो भोजन के बाद उन्हें दान में कोई सफ़ेद वस्तु जरूर दें। शुक्र देवता आप पर प्रसन्न होंगे।
- घर की महिलाओं की इज्जत करें। यदि आप पुरुष हैं तो अपनी पत्नी की इज्जत करें। घर में यदि कोई छोटी बच्ची है तो उसे प्यार करें। पराई स्त्रियों पर बुरी दृष्टि न डालें। शुक्र देवता आप पर अति प्रसन्न होंगे।
- गोचर की अवधि में सप्ताह में शुक्रवार के दिन व्रत रखें। अन्न न खाएं और न ही नमक का सेवन करें। फलाहार पर रहना ज्यादा बेहतर रहेगा। ज्यादा समस्या होने पर आप सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं। इससे शुक्र देवता आपको विशेष फल देंगे।
- शुक्रवार के दिन सफ़ेद या फिर गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें। सफ़ेद रंग शुक्र देवता को अति प्रिय है। इससे आपके जीवन से शुक्र के नकारात्मक प्रभाव खत्म होंगे।
- शुक्र गोचर की इस अवधि में शुक्र देवता के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी की आराधना करें। माँ जगदम्बे और भगवान परशुराम के पूजन से भी शुक्र देवता प्रसन्न होते हैं। श्री सूक्तं का पाठ करेंगे तो और भी शुभ फल प्राप्त होंगे।
- शुक्र को प्रसन्न करने के लिए चांदी की अंगूठी धारण कर सकते हैं। कई लोग प्लेटिनम की अंगूठी भी धारण करते हैं। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए आप हीरा भी धारण कर सकते हैं लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से अवश्य संपर्क करें।
- सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व है। ऐसे में शुक्र देवता के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए शुक्रवार के दिन दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि का दान कर सकते हैं।
- भगवान शिव देवों के देव माने जाते हैं। ऐसे में शुक्रवार के दिन भगवान शिव की पूजा करें। उन्हें सफ़ेद फूल और मिठाई अर्पित करें। इससे शुक्र देवता प्रसन्न होते हैं।
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