वैदिक ज्योतिष में शुक्र को एक अति महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। यह किसी भी जातक की कुंडली में वैवाहिक जीवन और भौतिक सुख का कारक होता है। इसके अलावा शुक्र यदि किसी जातक की कुंडली में मजबूत स्थिति में हो तो उस जातक का जीवन सुख-सुविधाओं से भर जाता है। ऐसे जातकों का रुझान कला के क्षेत्र जैसे कि नाटक, संगीत, लेखन आदि की तरफ ज्यादा रहता है। ऐसे जातकों का वैवाहिक जीवन भी बेहद सुखद रहता है। शुक्र कमजोर हो तो जातकों के जीवन में दरिद्रता आती है। पुरुषों की कामुक शक्तियां कमजोर हो जाती हैं और महिलाओं में ये गर्भपात की वजह बनता है।
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अब चूंकि जल्द ही शुक्र का गोचर होने वाला है, ऐसे में हर गोचर की तरह इस गोचर का भी प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ना तय है लेकिन इस स्थिति में शुक्र के स्वामित्व वाली दो राशियाँ यानी कि वृषभ और तुला राशि पर इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना काफी दिलचस्प रहने वाला है। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको इन्हीं दो राशियों पर शुक्र गोचर के पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी देने वाले हैं लेकिन उससे पहले शुक्र गोचर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा कर देते हैं।
कब हो रहा है शुक्र गोचर?
शुक्र आम तौर पर 23 दिनों तक किसी राशि में गोचर करता है। यही वजह है कि लगभग हर महीने ही शुक्र किसी दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। साल 2021 में शुक्र 17 जुलाई को शनिवार की सुबह 09 बजकर 13 मिनट पर सिंह राशि में गोचर कर आएगा और 11 अगस्त 2021 को बुधवार की सुबह 11 बजकर 20 मिनट तक सिंह राशि में ही मौजूद रहेगा। इसके बाद शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि कन्या में गोचर कर जाएगा।
आइये अब आपको सबसे पहले यह बताते हैं कि वृषभ राशि पर शुक्र के गोचर का क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
वृषभ राशि पर शुक्र गोचर का प्रभाव
शुक्र वृषभ राशि के प्रथम भाव यानी कि लग्न भाव का स्वामी माना जाता है। हालांकि वर्तमान स्थिति में शुक्र आपके परिवार और घरेलू सुख-सुविधाओं के भाव यानी कि चौथे भाव में गोचर करने जा रहा है। ऐसी स्थिति में इस गोचर की अवधि के दौरान आपका अपने घर-परिवार की तरफ विशेष झुकाव रहने की संभावना है। इस दौरान आप उनके सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखते हुए नजर आ सकते हैं जिसकी वजह से आप इस दौरान घरेलू सामान खरीदने में अत्यधिक धन भी खर्च कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान आपकी माता का स्वास्थ्य खराब हो सकता है जिसकी वजह से आपको मानसिक तनाव होने की भी आशंका है।
वहीं दूसरी तरफ इस बात की भी आशंका है कि इस दौरान आप किसी संपत्ति से संबंधित मामले में अदालती चक्करों में पड़ सकते हैं। वहीं वे जातक जो नयी नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें इस दौरान कुछ नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। वे लोग जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए भी इस गोचर की अवधि अनुकूल रहने की संभावना है। यदि आपने किसी लोन के लिए आवेदन दिया था तो इस अवधि के दौरान उसके स्वीकृत होने की पूरी संभावना है। ऐसे में कुल मिला कर देखा जाए तो यह अवधि आपके लिए हर लिहाज से अनुकूल रहने की संभावना है।
तुला राशि पर शुक्र गोचर का प्रभाव
शुक्र ग्रह तुला राशि के भी प्रथम भाव का स्वामी है लेकिन इस गोचर की इस अवधि में शुक्र तुला राशि के ग्यारहवें भाव में स्थित रहेगा। कुंडली में ग्यारहवां भाव लाभ और कामनाओं की पूर्ति का भाव माना जाता है। चूंकि शुक्र भोग और विलासिता का कारक है, ऐसे में ग्यारहवें भाव में इसका गोचर होना एक शुभ संकेत है। इस दौरान तुला राशि के जातकों को आर्थिक लाभ भी होगा और इस बात की संभावना भी है कि आप इस दौरान धन संचय करने में सफल रहेंगे जिसकी वजह से इस गोचर की अवधि में आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रह सकती है। हालांकि इस गोचर की अवधि में तुला राशि के जातक अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए धन भी खर्च करते नजर आ सकते हैं।
वहीं इस गोचर के दौरान आप नए दोस्त बनाने में भी सफल रह सकते हैं। इसके साथ-साथ इस अवधि में आपका सामाजिक दायरा भी बड़ा होता नजर आ सकता है। विदेश जाने के भी बन रहे हैं। आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ झुकाव बढ़ सकता है। साथ ही इस अवधि में आप कहीं घूमने जाने की योजना भी बना सकते हैं। ऐसे में देखा जाए तो शुक्र का यह गोचर तुला राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ रहने की संभावना है।
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