वास्तु शास्त्र में निषेध है इन पांच जगहों पर चप्पल-जूते पहनकर जाना, मिलते हैं अशुभ फल

वास्तु शास्त्र में निषेध है इन पांच जगहों पर चप्पल-जूते पहनकर जाना, मिलते हैं अशुभ फल

वास्तु शास्त्र हमारी जीवन शैली से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में काफी मददगार साबित होता है। इस शास्त्र में दिशाओं के अनुसार हर चीज का महत्व बताया गया है। सनातन धर्म में ये मान्यता है कि हर दिशा पर किसी न किसी देवता का अधिकार है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के मुताबिक हर गलत वस्तु जो किसी गलत स्थान पर रखी गयी है की वजह से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। ये नकारात्मक ऊर्जा हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। ये नियम हर उस जगह पर लागू होते हैं जहां आप रहते हैं, काम करते हैं या फिर जहां अपना ज्यादा समय गुजारते हैं।

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इसी तरह वास्तु शास्त्र में चप्पल और जूतों का भी एक स्थान तय है। जाहीर है कि चप्पल और जूतों को सनातन धर्म में अपवित्र माना जाता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र में भी जूते और चपल्लों से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं जिसके अनुसार कुछ खास जगहों पर जूते और चप्पल उतारने पर मनुष्य के जीवन में निर्धनता आती है। जाहीर है कि ऐसे स्थानों पर जूते-चप्पल उतारने से हमें बचना चाहिए। आज हम इस लेख में आपको उन्हीं खास जगहों के बारे में बताने वाले हैं।

भंडार गृह

भंडार गृह उस जगह को कहा जाता है जहां अन्न को रखा जाता हो। वास्तु शास्त्र के मुताबिक भंडार गृह में चप्पल-जूते पहनकर जाने से घर में अन्न की कमी हो जाती है। ऐसे में भंडार गृह में चप्पल-जूते न पहनकर जाएं और न ही इस स्थान में चप्पल-जूते उतारें।

मंदिर या पूजा स्थल

मंदिर या पूजा स्थल वो जगह होती है जहां पूजा होती है। यहाँ देवताओं का वास होता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र में मंदिर या पूजा स्थल पर चप्पल या जूते पहन कर जाने से सख्त मनाही है। मान्यता है कि देव स्थानों पर चप्पल जूते पहनकर जाने या फिर इन जगहों पर जूते-चप्पल रखने से घर में कलह शुरू हो जाती है और जातकों को हर छोटे-बड़े कार्य में विघ्न का सामना करना पड़ सकता है।

पवित्र नदी

भारत में अनेक पवित्र नदियां हैं जिन्हें माता का दर्जा दिया गया। सनातन धर्म में मान्यता है कि इन नदियों में स्नान करने से समस्त पाप धुल जाते हैं। ऐसे में वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि पवित्र नदियों में जूते-चप्पल पहन कर स्नान करने से मनुष्य के घर की सुख-शांति खत्म हो जाती है। पवित्र नदियों में स्नान करने से पहले चमड़े की बनी चीजों को भी पहले ही कहीं उतार कर रख देना चाहिए।

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तिजोरी

ऐसा माना जाता है कि घर में जिस भी स्थान पर धन रखते हैं वहाँ माँ लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में जिस कमरे में तिजोरी हो वहाँ चप्पल या फिर जूते पहन कर जाने से बचें। वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऐसा करने से जातक के जीवन में गरीबी बढ़ती है।

रसोई घर

रसोई घर में चप्पल-जूते रखने या फिर पहन कर जाना भी वास्तु शास्त्र के मुताबिक निषेध माना गया है। मान्यता है कि इससे अन्न की देवी यानी कि माता अन्नपूर्णा बेहद नाराज होती हैं और अशुभ फल देती हैं। ऐसा करने से जातकों के जीवन में अन्न से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 

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