आज के समय में बहुत से लोग वास्तु-शास्त्र पर अपना विश्वास बना चुके हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वास्तु-शास्त्र वास्तव में आपके जीवन की बहुत सारी परेशानियों को सुलझा सकने में सक्षम हैं। यूँ तो ज्योतिष की हर विद्या अपने आप में बेहद खास हैं और आपके जीवन की बहुत सी परेशानियों को सुलझा सकता है लेकिन इन सभी विद्याओं में वास्तु-शास्त्र एक ऐसी विद्या है जिसका आधार ऊर्जाओं की मौजूदगी में छिपा हुआ है। वास्तु-शास्त्र में विश्वास रखने वाले मानते हैं कि उनकी कई समस्याओं का हल वास्तु-विद्या से बड़ी ही आसानी से हो जाता है।
वास्तु-शास्त्र हमें बताता है कि हमारे आसपास काफी अलग-अलग तरह की ऊर्जाएं मौजूद हैं। इनमें से कुछ ऊर्जाएं सकारात्मक प्रभाव वाली होती हैं तो वहीँ ऐसी भी कई ऊर्जाएं होती हैं जिनका हमारी ज़िंदगी पर नकारात्मक असर ही पड़ता है। ऐसे में हम जहाँ रहते हैं या जहाँ काम करते हैं वहां हमें इस बात का ख़ास कर के ख्याल रखना चाहिए कि वहां किसी भी तरह की कोई नकारात्मक ऊर्जा का वास ना होने पाए वरना इसका हमारे जीवन पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है।
सिर्फ यही नहीं वास्तु-शास्त्र में इस बात का भी जवाब मौजूद है कि मान लीजिए किसी के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो गया है तो अब उससे छुटकारा कैसे पाया जाए। इसी बात के तर्ज पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आप भी अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास चाहते हैं तो आपको अपने घर का मुख्य द्वार किस रंग का रखना चाहिए। आपको शायद ये बात जानकर ताज्जुब हो कि घर के मुख्य द्वार का रंग हमारी ज़िदग़ी पर काफी प्रभाव डालता है। अगर घर के मुख्य द्वार के रंग का चयन सही हुआ है तो घर में हमेशा खुशहाली रहती है और उस घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन पर कभी कोई दुःख नहीं आता।
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साथ ही अगर ये ऊर्जाएं हमारे आसपास हैं, तो इनसे छुटकारा पाने का उपाय भी वास्तुशास्त्र के अंतर्गत मौजूद है। इसी तर्ज पर हम आपको ये बताएंगे कि घर की किस दिशा में स्थित मेन गेट का रंग क्या होना चाहिए ताकि घर के भीतर रहने वाले सदस्यों पर कोई समस्या ना आए और उनका जीवन खुशहाली के साथ बीते।
किस रंग का होना चाहिए मेन गेट?
पूर्व दिशा
अगर आपके घर क मुख्य द्वार पूर्व (पूरब) यानी ईस्ट में है तो वास्तुशास्त्र के अनुसार इसका रंग नारंगी या फिर सुनहरा होना चाहिए। मान लीजिए किसी भी कारणवश आपके घर के मुख्य द्वार का रंग ये नहीं है तो आप इस रंग की कोई भी तस्वीर या पेंटिंग भी दरवाज़े के ऊपर टाँग सकते हैं।
दक्षिण दिशा
वास्तुशास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि घर का मुख्य दरवाज़ा कभी भी दक्षिण (साउथ) दिशा में होना ही नहीं चाहिए, लेकिन मान लीजिए कि अगर ऐसा है तो उस हालत में घर के मुख्य दरवाज़े का रंग काला, डार्क ब्राउन या डार्क बैंगनी होना चाहिए।
उत्तर दिशा
अगर आपके घर का मुख्य दरवाज़ा उत्तर यानी की नॉर्थ दिशा में है तो उसका रंग नीला या विशेष-कर आसमानी नीला हो तो यह बहुत अच्छा माना जाता है।
पश्चिम दिशा
अगर किसी के घर का मुख्य दरवाज़ा पश्चिम (वेस्ट) दिशा की तरफ खुलता है तो उसका रंग सफेद या हल्का पीला होना चाहिए। अगर ऐसा ना हो तो आप इस रंग की कोई भी खूबसूरत पेंटिंग या तस्वीर भी दरवाज़े पर लगा सकते हैं।
उत्तर पूर्व दिशा
उत्तर पूर्व (नॉर्थ-ईस्ट) दिशा के मेन गेट का रंग सफेद या क्रीम हो तो इससे घर में रहने वालों को सदैव अच्छा परिणाम मिलता है। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है।
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उत्तर पश्चिम दिशा
अगर किसी के घर का मेन गेट उत्तर-पश्चिम (नॉर्थ-वेस्ट) में खुलता है तो आपको इसका रंग हल्का नीला या फिर और कोई भी हल्का रंग का ही रखना चाहिए। उत्तर-पश्चिम में मेन गेट होने वाले घरों के लिए ये रंग काफी शुभ माना गया है।
दक्षिण पूर्वी दिशा
अगर आपके घर का मुख्य दरवाज़ा दक्षिण-पूर्वी (साउथ-ईस्ट) दिशा में है तो आपको उसका रंग पीला, केसरिया ही रखना चाहिए। इससे घर में पॉसिटिविटी बनी रहती है।
दक्षिण पश्चिम दिशा
इसके अलावा अगर आपके घर का मुख्य दरवाज़ा दक्षिण-पश्चिम (साउथ वेस्ट) दिशा की ओर खुलता है तो आपको इसका रंग गुलाबी या लाइट ब्राउन रखना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार ये रंग घर में रहने वालों के लिए काफी शुभ होता है।