Vasant Panchami 2021 Muhurat: वसंत पंचमी के दिन बन रहे हैं दो शुभ योग

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी या जिसे बसंत पंचमी भी कहते हैं उसका विशेष महत्व बताया गया है। वसंत पंचमी (Vasant Panchami) के दिन ही विद्या, वाणी और बुद्धि की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन मां सरस्वती (Maa Saraswati) की पूजा के साथ साथ पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। तो आइये जानते हैं वसंत पंचमी मुहूर्त (Vasant Panchami Muhurat 2021) और इस दिन से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ।

कहा जाता है इस दिन जो कोई भी व्यक्ति मां सरस्वती की पूजा करता है और पवित्र नदियों में स्नान आदि करता है उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही उसे जीवन में हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा बसंत पंचमी (Basant Panchami) को हिंदू धर्म में अबूझ मुहूर्त माना जाता है। यानी कि, इस दिन कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने के लिए हमें कोई भी शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है। 

हालांकि इस वर्ष अबूझ मुहूर्त होने के बावजूद वसंत पंचमी के दिन विवाह, शादी, सगाई इत्यादि मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे क्योंकि इस दिन शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। इसके अलावा जिन व्यक्तियों को अपने जीवन में शिक्षा के संदर्भ में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उन्हें बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष विधान बताया जाता है। 

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बसंत पंचमी 2021 शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2021 Shubh Muhurat)

पूजा मुहूर्त :06:59:11 से 12:35:28 तक

अवधि :5 घंटे 36 मिनट

बसंत पंचमी पर बन रहे है दो विशेष योग (Vasant Panchami Vishesh Yoga)

वैसे भी हिंदू धर्म में बसंत पंचमी के दिन को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है और इस वर्ष जो बात इस दिन को और भी ज्यादा खास और महत्वपूर्ण बना रही है वह है इस दिन बनने वाले दो बेहद शुभ संयोग (Vasant Panchami Shubh Yoga)। यह योग हैं रवि योग और दूसरा है अमृत सिद्धि योग। बसंत पंचमी के पूरे दिन रवि योग रहने वाला है जो कि इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा रहा है। 

इसके अलावा 16 फरवरी को सुबह 3 बज-कर 36 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी। इसके अलावा इस दिन सुबह 11 बज-कर 30 मिनट बजे से लेकर 12 बज-कर 30 मिनट तक का समय भी विशेष शुभ और महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। 

बसंत पंचमी के दिन क्या करें क्या ना करें (Vasant Panchami Do’s And Don’ts)

  • बसंत पंचमी के इस खुशहाल त्यौहार का सीधा संबंध पीले रंग से माना जाता है। ऐसे में इस दिन मुमकिन हो तो स्नान के बाद पीले रंग के नए वस्त्र धारण करें। 
  • इस दिन काले या लाल रंग के वस्त्र पहनने से बचें। 
  • वसंत पंचमी की पूजा करते समय विशेष ध्यान रखें कि, मां सरस्वती की पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही शुरू करें। 
  • इसके अलावा वसंत पंचमी के दिन की जाने वाली पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के ढाई घंटे बाद करना चाहिए। 
  • यदि आप भी बसंत पंचमी की पूजा करने जा रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, इस दिन की पूजा में पीले या सफ़ेद रंग के फूल अर्पित करें। 
  • इसके अलावा इस दिन की पूजा में दही इत्यादि का भी उपयोग करें। 
  • बसंत पंचमी के दिन किसी भी व्यक्ति से कड़वा बोलने, लड़ाई झगड़ा करने से बचें।

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बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की प्रसन्नता हासिल करने के लिए अवश्य करें ये उपाय (Vasant Panchami Maa Saraswati Upay) 

यदि आप को शिक्षा के क्षेत्र में परेशानियों या कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तो बसंत पंचमी के दिन स्नान आदि करें मां सरस्वती की पूजा करें और इस दिन की पूजा में मां सरस्वती के मूल मंत्र का जाप अवश्य करें। इसके अलावा आप इस दिन की पूजा में मां सरस्वती को पीले रंग की मिठाई का भोग भी अवश्य अर्पित करें। मुमकिन हो तो इस दिन पीले रंग के वस्त्र भी धारण करें। 

हालांकि यह जरूरी तो नहीं है लेकिन, मुमकिन हो तो मां सरस्वती की प्रसन्नता हासिल करने के लिए बसंत पंचमी के दिन व्रत भी करें। इसके अलावा इस दिन की पूजा करते समय और मंत्रों का जाप करते समय विशेष सावधानी बरतें और स्पष्ट उच्चारण पूर्वक की मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से मां सरस्वती आप पर अवश्य प्रसन्न होंगी और आपके जीवन में शिक्षा के साथ-साथ सुख समृद्धि का आशीर्वाद भी अवश्य प्रदान करेंगी।

मूल मंत्र: श्रीं हीं सरस्वत्यै स्वाहा।

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