भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनके चमत्कारों के रहस्य पर से आज भी पर्दा नहीं उठ पाया है। इन मंदिरों की संख्या इतनी है कि गिनते-गिनते आप थक जाएंगे लेकिन चमत्कारी मंदिरों की गिनती खत्म नहीं होगी। लोगों का इन मंदिरों में बेहद आस्था है और इन चमत्कारों को वो ईश्वर की शक्ति मानते हैं। ऐसा ही एक मंदिर उड़ीसा में है जिसके चमत्कार के लिए आपको बारीकी से कहीं ध्यान देने की जरूरत नहीं है बल्कि इस मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही आपको इस मंदिर के चमत्कार का एहसास हो जाएगा। आज इस लेख में बात इसी मंदिर की।
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टीटलागढ़ शिव मंदिर
भारत के उड़ीसा में एक जगह है टीटलागढ़। टीटलागढ़ उड़ीसा के सबसे गरम स्थानों में से एक माना जाता है यानी कि यहाँ बहुत ही प्रचंड गर्मी पड़ती है। खास कर कुम्हड़ा पहाड़ वाला इलाका तो और भी गरम रहता है। लेकिन इसी कुम्हड़ा पहाड़ पर मौजूद है एक अति प्राचीन शिव मंदिर जो कि अपने अद्भुत चमत्कार की वजह से विज्ञान के लिए भी एक अबूझ पहेली बन चुका है।
दरअसल जैसे ही आप टीटलागढ़ शिव मंदिर के परिसर में प्रवेश करेंगे आपको ठंड लगने लगेगी। जी हाँ! बाहर चाहे कितनी भी भयानक गर्मी क्यों न पड़ रही हो लेकिन टीटलागढ़ मंदिर परिसर हमेशा ठंडा रहता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में टीटलागढ़ का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है लेकिन मंदिर परिसर के अंदर आपको इस तापमान के बावजूद ठंड लगेगी। कभी-कभी इतनी ठंड हो जाती है कि मंदिर परिसर के अंदर रहने वाले लोगों को कंबल ओढ़ कर सोना पड़ता है।
जैसे-जैसे बाहर का तापमान बढ़ता जाता है वैसे-वैसे मंदिर परिसर का तापमान कम होता जाता है। चमत्कार ये भी है कि मंदिर परिसर के बाहर पांव रखते ही आपको झुलसा देने वाली गर्मी दोबारा परेशान करेगी लेकिन मंदिर परिसर के अंदर गर्मी का बिल्कुल भी एहसास नहीं होता।
एसी सी ठंडक
मंदिर के पुजारियों के अनुसार जून-जुलाई के मौसम में तो मंदिर परिसर में एसी के समान ठंडक रहती है। वे बताते हैं कि यह ठंडी हवा माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमाओं से निकलती है और पूरे मंदिर परिसर को ठंडा रखती है। भगवान शिव के भक्त इसे एक चमत्कार ही मानते हैं कि बिना किसी एसी या कूलर के मंदिर परिसर इतनी भीषण गर्मी में भी ठंडा बना रहता है।
आपको बता दें कि यह मंदिर जिस कुम्हड़ा पहाड़ी पर स्थित है वो एक पथरीला पहाड़ है जिसके पत्थर गर्मियों में बेहद गरम हो जाते हैं। मंदिर आने वाले भक्तों को पूरे रास्ते गर्मी परेशान करती है लेकिन जैसे ही वो मंदिर परिसर में दाखिल होते हैं वे ठंड से कांपने लग जाते हैं।
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भगवान महादेव के भक्त इसे महादेव का चमत्कार मानते हैं जिसकी वजह से यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमरती है। हर रोज यहाँ भगवान शिव की आरती व जलाभिषेक भी होता है। महाशिवरात्रि और श्रावण महीने के दौरान यहाँ आने वाले भक्तों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है। ऐसे में अगर आप इस इलाके में जाने वाले हैं या फिर इसके आसपास ही कहीं मौजूद हैं तो कोविड के नियमों का पालन करते हुए टीटलागढ़ महादेव मंदिर के दर्शन जरूर करें।
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