सूर्य का तुला राशि में गोचर: किन राशियों पर करेंगे धन वर्षा और किन राशियों की बढ़ाएंगे मुश्किलें?

सूर्य का तुला राशि में गोचर: ग्रहों के राजा सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर गए हैं। सूर्य देव 18 अक्टूबर 2023 को कन्या राशि को छोड़कर शुक्र की दूसरी राशि यानी तुला राशि में गोचर कर चुके हैं जो कि इनकी नीच राशि मानी जाती है। अगले एक महीने तक सूर्य ग्रह नीच अवस्था में रहने वाले हैं अर्थात 17 नवंबर 2023 तक सूर्य तुला राशि में ही बने रहेंगे। 

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सूर्य गोचर का भारत पर प्रभाव 

भारतवर्ष की आंतरिक शांति के लिए सूर्य की यह स्थिति ठीक नहीं कही जाएगी। यद्यपि बाहरी विरोध या समस्याओं को झेलने के लिए देश की स्थिति औसत से बेहतर रहेगी यानी कि कोई बड़ी नकारात्मकता नज़र नहीं आ रही है, लेकिन देश के भीतर काफ़ी हद तक असंतोष देखने को मिल सकता है। विशेषकर सरकार के प्रति लोगों के मन में विरोध दिख सकता हैं। यह स्थिति उन प्रदेशों में सत्ता परिवर्तन का कारण बन सकती है जहां पर अगले एक महीने के भीतर चुनाव होने जा रहे हैं। 17 नवंबर 2023 के पहले जिन राज्यों या जिन जगहों पर चुनाव है वहां पर सत्तारूढ़ दल को कुछ नुकसान हो सकता है। हालांकि, जिन जगहों पर सत्तारूढ़ राजनीतिक दल अपने पुराने उम्मीदवारों में बदलाव कर नए उम्मीदवार उतारे हैं, वहां पर उतना नुकसान नहीं होगा जितना फिलहाल नज़र आ रहा है। 

जहां पहले से बदलाव कर दिया जाएगा वहां की स्थिति सामान्य रह सकती है। अन्य जगहों पर बड़ा उलट फेर देखने को मिल सकता है। ध्यान रहे कि यह केवल अकेले सूर्य के गोचर के आधार पर कहा जा रहा है, बाकी अन्य स्थितियों का भी प्रभाव पड़ेगा। लेकिन, यहां पर हम सूर्य के गोचर की बात कर रहे हैं, तो हम यही कहेंगे कि सूर्य का यह गोचर देश में आंतरिक अशांति और जनता में आक्रोश की तरफ संकेत कर रहा है। इस दौरान कोई बीमारी भी बड़े स्तर पर फैल सकती है, परंतु उससे ज्यादा नुकसान होने की संभावना नहीं है, लेकिन अस्वस्थता का ग्राफ बढ़ सकता है। सूर्य गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं। 

सूर्य का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के माध्यम से सूर्य आपके सातवें भाव में गोचर करने वाले हैं। सातवें भाव में सूर्य के गोचर को वैसे भी अच्छा नहीं माना जाता। ऊपर से सूर्य नीच के हैं, ऐसी स्थिति में आपको अपने निजी संबंधों का विशेष ख्याल रखना होगा चाहे मामला लव लाइफ का हो या फिर दांपत्य जीवन का, दोनों ही स्थितियों में अपने पार्टनर के साथ सामंजस्य बिठाने की दिल से कोशिश करनी होगी। रोजमर्रा के कामों में भी किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है। व्यापार-व्यवसाय में किसी भी प्रकार का रिस्क लेने से बचना होगा। 

उपाय: सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य भगवान को कुमकुम मिला हुआ जल चढ़ाएं। 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके छठे भाव में जा रहे हैं। छठे भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा माना गया है। अतः नीच के सूर्य से किसी बड़ी नकारात्मकता की उम्मीद नहीं है, फिर भी चतुर्थ भाव के स्वामी का नीच का होना घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में कुछ कठिनाइयां देने का काम कर सकता है। विद्यार्थियों से यह गोचर थोड़ी एक्स्ट्रा मेहनत करवा सकता है। बाकी अन्य मामलों में कोई बड़ी परेशानी नहीं आनी चाहिए। शासन-प्रशासन से जुड़े कामों में थोड़ी अधिक कोशिश करने के बाद आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। इस दौरान आपको विवाद का सामना करना पड़ सकता है, तो ऐसे में, सूर्य आपका सपोर्ट करके आपको विजयी बना सकते हैं। 

उपाय: बंदरों को गेहूं और गुड़ खिलाना शुभ रहेगा। 

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मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। पांचवें भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। ऊपर से सूर्य नीच के हैं तथा राहु-केतु व मंगल के प्रभाव में रहने वाले हैं। इन तमाम कारणों से आपको ओवर कॉन्फिडेंट होने से बचने की जरूरत होगी। विशेषकर भाइयों, मित्रों और संतान आदि के साथ अपने संबंधों को मेंटेन करना होगा। प्रेम से जुड़े मामलों में आपको सीमाओं में रहना होगा तथा संभव हो, तो यात्राओं को टाल दें। अफवाहों पर ध्यान न देकर तथ्यों पर ध्यान देंगे तो परिणाम बेहतर मिल सकेंगे। 

उपाय: सरसों के तेल की आठ बूंदे कच्ची मिट्टी में टपकाना शुभ रहेगा। 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके चौथे भाव में गए हैं। चतुर्थ भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी स्थिति में जब धन भाव के स्वामी सूर्य चतुर्थ भाव में नीच के हो रहे हैं, तो घर-परिवार और गृहस्थ जीवन का अपेक्षाकृत अधिक ख्याल रखना होगा। इस दौरान इन मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है और बातचीत का तौर-तरीका सभ्य और स्पष्ट रखना होगा। परिजनों के साथ यथासंभव सामंजस्य बिठाने की कोशिश करें। किसी भी प्रकार का आर्थिक जोखिम उठाने से बचें। घर-गृहस्थी से संबंधित चीजों की खरीदारी करते समय संयम और समझदारी दिखाने की जरूरत होगी। साथ ही, माता के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा। 

उपाय: संभव हो, तो अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों की मदद करें और उन्हें भोजन करवाएं। 

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए सूर्य आपके राशि स्वामी होकर तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, तीसरे भाव में सूर्य का गोचर अच्छा माना जाता है, लेकिन राशि स्वामी का नीच का होना अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी स्थिति में अपने स्वास्थ्य का और अपने मान-सम्मान का भी पूरा ख्याल रखना होगा। ओवरकॉन्फिडेंट होकर किसी भी तरीके का निर्णय लेना उचित नहीं रहेगा। बेहतर होगा कि भाई-बंधुओं से सलाह लेकर ही काम करें। इस दौरान भाई, बंधु और पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखने होंगे। साथ ही,कुछ अच्छी खबरें मिलने की भी संभावनाएं हैं, लेकिन अफवाहों से बचना भी जरूरी रहेगा। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में किसी तरह का रिस्क नहीं लेंगे तो परिणाम आपके फेवर में रहेंगे। 

उपाय: पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्तियों की सेवा और उनका आदर-सत्कार करना शुभ रहेगा। 

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कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके दूसरे भाव में जा रहे हैं। वैसे तो दूसरे भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है, लेकिन खर्च के भाव के स्वामी का नीच का हो जाना आर्थिक मामलों में कुछ हद तक फेवर कर सकता है। सामान्य तौर पर सूर्य से विशेष अनुकूलता की उम्मीद रखना उचित नहीं होगा। इस अवधि में किसी भी प्रकार का आर्थिक जोखिम उठाने से बचना होगा। साथ ही, पारिवारिक मामलों में भी समझदारी से निर्वाह करना होगा। ध्यान रखें कि इस समय किसी भी परिजन का अपमान आपके द्वारा न होने पाए, तो अच्छा रहेगा अन्यथा पारिवारिक विवाद उत्पन्न होने की संभावनाएं हैं। इस दौरान आपका खान-पान संतुलित रखें और शारीरिक प्रकृति के अनुसार रहे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। 

उपाय: मंदिर या फिर किसी भी धर्मस्थल पर नारियल और बादाम का दान करना शुभ रहेगा। 

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके पहले भाव में जा रहे हैं। हालांकि, सूर्य के गोचर को पहले भाव में अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन, लाभ भाव के स्वामी का पहले भाव में जाना थोड़ा अनुकूल कहा जाएगा परंतु नीच का होना उचित नहीं माना जाता है। ऐसी स्थिति में सूर्य के इस गोचर से फायदे कम और नुकसान ज्यादा होने की संभावनाएं हैं और फलस्वरूप, आपको अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना होगा। सिर दर्द, बुखार, हल्की-फुल्की चोट लगना जैसे परिणाम सूर्य के इस गोचर के चलते मिल सकते हैं। इस दौरान क्रोध की अधिकता भी देखने को मिल सकती है। अतः स्वयं के मन को शांत रखना होगा। शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखें। ध्यान रखें कि किसी भी प्रकार से सरकार से जुड़े व्यक्ति का अपमान करने से बचना होगा। इस अवधि में उचित खान-पान भी जरूरी रहेगा।

उपाय: संभव हो, तो इस महीने गुड़ का सेवन न करें क्योंकि ऐसा करने से परिणाम बेहतर मिल सकेंगे। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्य आपके कर्म भाव के स्वामी होकर द्वादश भाव में नीच अवस्था में गोचर कर रहे हैं। सूर्य के गोचर को द्वादश भाव में अच्छा नहीं माना जाता है और ऊपर से कर्म स्थान के स्वामी का नीच का होना काम-धंधे में कठिनाइयां उत्पन्न करने वाला माना गया है। ऐसी स्थिति में इस अवधि में कार्य-व्यापार को लेकर किसी भी प्रकार का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। सामाजिक मान-प्रतिष्ठा का भी पूरा ख्याल रखना समझदारी का काम होगा। इस दौरान ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे आपकी प्रतिष्ठा को आंच आए। साथ ही, गैर-जरूरी खर्चों को भी रोकना होगा। जहां तक संभव हो बेकार की यात्राओं को टाल दें। शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों तथा वरिष्ठों के साथ बेहतर तालमेल रखने की जरूरत इस अवधि में रहने वाली है। 

उपाय: नियमित रूप से मां दुर्गा जी के मंदिर जाना शुभ रहेगा। 

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धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में भाग्य भाव के स्वामी हैं और यह आपके लाभ भाव में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, लाभ भाव में हर स्थिति में सूर्य आपको फायदा पहुंचाने की कोशिश करेंगे, लेकिन भाग्य के स्थान के स्वामी का नीच का होना इस बात का संकेत है कि इस अवधि में भाग्य के भरोसे बैठना उचित नहीं होगा अर्थात समझदारी के साथ मेहनत करेंगे, तो परिणाम अच्छे मिलने की उम्मीद है। यदि आपके पिता अथवा कोई भी वरिष्ठ आपको कोई सुझाव दे रहे हैं तो उस बात को गौर से सुनना जरूरी होगा। यदि बात तर्कसंगत न हो तो एक बार आप उसे अनदेखा कर सकते हैं, लेकिन तर्कसंगत होने की स्थिति में उस सलाह को अपनाने से आपको फायदा मिलेगा। कुछ सावधानियां रखने के पश्चात सूर्य के इस गोचर से आप लाभ ले सकेंगे।

उपाय: स्वयं को शुद्ध और सात्विक रखना हितकारी रहेगा। 

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी हैं और वह गोचर करके आपके कर्म भाव में जा रहे हैं। वैसे तो, इस भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा माना जाता है। ज्योतिष का एक नियम यह भी कहता है कि आठवें भाव के स्वामी का नीच का हो जाना भी अच्छी बात है, लेकिन दशम भाव में नीच के ग्रह का बैठना कुछ मामलों में कमज़ोर परिणाम दे सकता है। विशेषकर इस अवधि में जल्दबाज़ी में कोई व्यापारिक या फिर सामाजिक निर्णय नहीं लेना है बल्कि इन तमाम मामलों में वरिष्ठों और अनुभवी लोगों का सहयोग लेकर ही कोई निर्णय लेना उचित रहेगा। शासन-प्रशासन से जुड़े व्यक्तियों के साथ बेहतर तालमेल रखें। पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों का मार्गदर्शन लेते रहें। इन सावधानियों को रखने के बाद आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा कर सकेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा को भी बढ़ा सकेंगे और कुछ अप्रत्याशित लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे।

उपाय: किसी गरीब व्यक्ति को शनिवार के दिन काले कपड़े का दान करें। 

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कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी हैं और यह आपके भाग्य भाव में गोचर करने जा रहे हैं। नवम भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है और ऊपर से सप्तम भाव के स्वामी का नीच का होना भी कमज़ोर बिंदु माना गया है। ऐसी स्थिति में सूर्य का यह गोचर आपको व्यापार-व्यवसाय से जुड़े मामलों में अपेक्षाकृत अधिक जागरूक रहने का संकेत कर रहा है। किसी भी प्रकार का व्यापारिक या व्यावसायिक निर्णय इस अवधि में नहीं लेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। दांपत्य जीवन का पूरा ख्याल रखना होगा तथा साझेदारी के कामों में भी किसी भी प्रकार का रिस्क लेने से बचें। दूर की यात्राएं बहुत जरूरी होने पर ही करें, अन्यथा बेकार की यात्राओं को टालना बेहतर होगा। वरिष्ठों की सलाह के साथ आगे बढ़ना है और साथ ही, उनके मार्गदर्शन को नज़रअंदाज करने से बचना होगा। कुछ सावधानियां को रखने के पश्चात आप सूर्य की नकारात्मकता से स्वयं को बचा सकेंगे।

उपाय: संभव हो, तो रविवार के दिन नमक का सेवन न करें। 

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके अष्टम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। वैसे तो आठवें भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है, लेकिन छठे भाव के स्वामी का नीच का होना और आठवें भाव में जाना एक प्रकार का विपरीत राजयोग बनाता है। यही कारण है कि सूर्य के इस गोचर को हम मिले-जुले परिणाम देने वाला कह सकते हैं। हालांकि मिले-जुले परिणाम प्राप्त करने के लिए भी आपको खूब मेहनत करनी होगी तथा किसी भी प्रकार का बड़ा रिस्क लेने से बचना होगा। ऐसा करने की स्थिति में कुछ अप्रत्याशित फायदे मिल सकते हैं। यदि आप अपने प्रतिस्पर्धी या विरोधी की रणनीति को समझ कर आगे बढ़ेंगे और समझदारी दिखाएंगे तो आप किसी बड़े नुकसान से स्वयं को बचा सकेंगे। सूर्य आपको फायदा पहुंचाएं या नहीं, लेकिन सजग और सावधान रहने पर आप स्वयं को नुकसान से बचा सकेंगे। 

उपाय: स्वयं को क्रोध और कलह से दूर रखने से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।

हम उम्मीद करते हैं कि सूर्य के इस गोचर के परिणामों को पहले से जानकर आप एक बेहतरीन योजना बनाएंगे और सूर्य गोचर का न केवल लाभ ले सकेंगे, बल्कि इससे होने वाले नुकसान को भी योजनाबद्ध तरीके से दूर कर सकेंगे। हम आशा करते हैं कि हमारा यह प्रयास आपके जीवन में बेहतरी लाने का काम करेगा। भगवती आप सब पर कृपा बनाए रखें। 

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