शनि देव की राशि में आएंगे सूर्य, इन राशियों को होगा लाभ और इन्हें रहना होगा सावधान!

शनि देव की राशि में आएंगे सूर्य, इन राशियों को होगा लाभ और इन्हें रहना होगा सावधान!

सूर्य का मकर राशि में गोचर: सूर्य देव को ज्योतिष में नवग्रहों के जनक का दर्जा प्राप्त है क्योंकि यह पूरी दुनिया में ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है। सनातन धर्म में सूर्य देव ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं। आत्मा के कारक सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन हर महीने होता हैं इसलिए सूर्य गोचर को महत्वपूर्ण माना जाता है। अब नए साल अर्थात वर्ष 2025 में सूर्य का मकर राशि में गोचर होने जा रहा है। सूर्य देव का यह गोचर देश-दुनिया सहित सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम सूर्य गोचर का समय व इसके प्रभावों के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही, सूर्य का मकर राशि में गोचर से मिलने वाले नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए सरल उपायों भी बताएंगे, इसलिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें। 

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ऐसे में, अगर आपके मन में सवाल उठ रहे हैं कि सूर्य का मकर राशि में गोचर किन राशियों के लिए शुभ और किन राशियों के लिए अशुभ रहेगा? करियर, प्रेम, विवाह और व्यापार आदि क्षेत्रों में आपको कैसे परिणाम मिलेंगे? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे आपको हमारे इस विशेष ब्लॉग में। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं और सबसे पहले जानते हैं सूर्य गोचर का समय और तिथि। 

सूर्य का मकर राशि में गोचर: तिथि व समय

ज्योतिष में सूर्य और शनि दोनों को विशेष स्थान प्राप्त है जहाँ सूर्य देव ग्रहों के राजा हैं, तो वहीं शनि देव न्याय के देवता है। सबसे महत्वपूर्ण बात भगवान शनि के पिता सूर्य देव हैं और ऐसे में, अगले एक महीने पिता सूर्य अपने पुत्र की राशि मकर में रहेंगे। बता दें कि सूर्य ग्रह 14 जनवरी 2025 की सुबह 08 बजकर 41 मिनट पर मकर राशि में गोचर कर जाएंगे। इनके मकर में प्रवेश के साथ ही शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। सूर्य के इस गोचर का सभी राशियों पर अलग-अलग असर देखने को मिलेगा। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं सूर्य के महत्व पर। 

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ज्योतिष की दृष्टि से सूर्य 

वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को आत्मा, पिता और सरकार का कारक माना गया है। यह आपके बाहरी स्वरूप का प्रतिनिधित्व करते हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो, दुनिया के सामने आप खुद को कैसे प्रस्तुत करते हैं और आपका व्यवहार दूसरों से कैसे आपको अलग बनाता है। राशि चक्र में सूर्य को सिंह राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं और यह कभी अस्त, मार्गी या वक्री नहीं होते हैं। इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में जाने में एक महीने का समय लगता है और इस प्रकार, सूर्य देव राशि चक्र का अपना एक चक्र एक साल में पूरा करते हैं। सूर्य ग्रह पुरुषों की कुंडली में पिता और महिलाओं की कुंडली में पति और बालक का प्रतिनिधित्व करते हैं।    

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कुंडली में सूर्य की स्थिति का प्रभाव 

जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, उनका भाग्य उदय होता है। ऐसे लोग जीवन में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। साथ ही, इन लोगों को राजनीति और बिजनेस के क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है और यह ऊंचे पद हासिल करने में सक्षम होते हैं। इसके विपरीत, यदि कुंडली में सूर्य की दशा प्रतिकूल होती है, तो व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष निर्मित होता है। 

कमज़ोर सूर्य के लक्षण 

  • कमज़ोर सूर्य के कारण जातक कानूनी मामलों में फंस सकता है।
  • कुंडली में सूर्य के दुर्बल होने पर व्यक्ति को पिता और गुरु का साथ मिलने में समस्याएं आती हैं। 
  • अगर सूर्य देव लग्न भाव में बैठे होते हैं, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करती हैं। 
  • आपको जीवन में अहंकार की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
  • सूर्य के कमज़ोर होने पर व्यक्ति को गठिया रोग और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं रहती हैं। 

सूर्य गोचर के दौरान करें ये उपाय 

  •  रविवार के दिन स्नान करने के पश्चात लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को लाल फूल, लाल चंदन और अक्षत मिलाकर जल चढ़ाएं।
  • सूर्य ग्रह के लिए “ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:” मंत्र का जाप करें।
  • संभव हो, तो रविवार के दिन नमक का सेवन न करें। साथ ही, खाने में सिर्फ दलिया, दूध, चीनी, दही और गेहूं की रोटी का सेवन करें।
  • सूर्य ग्रह के लिए रविवार को व्रत रखें।
  • सूर्य देव को मजबूत करने के लिए लाल या पीले रंग के वस्त्र, तांबा, गेहूं, माणिक्य, मसूर दाल और लाल कमल का दान करें।।

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कुंडली के 12 भावों में सूर्य का प्रभाव 

प्रथम/लग्न भाव: लग्न भाव में सूर्य के होने से जातकों का स्वभाव स्पष्ट होता है और वह अपने छोटे भाई-बहनों के लिए भाग्यशाली होते हैं। 

दूसरा भाव: कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य की मौजूदगी आपको धनवान बनाती है, लेकिन इसके लिए आपको ईश्वर में विश्वास करने वाला होना चाहिए।

तीसरा भाव: सूर्य के तीसरे भाव में बैठे होने से व्यक्ति आकर्षक और साहसी होता है। ऐसे में, आप मुश्किल काम को आसानी से कर लेते हैं। 

चौथे भाव: जिन जातकों की कुंडली में सूर्य देव चौथे भाव में होते हैं, वह आर्थिक रूप से संपन्न होता है और बचत करना पसंद करता है। 

पांचवें भाव: पांचवें भाव में बैठे सूर्य आपको बुद्धिमान बनाने के साथ-साथ क्रोधी स्वभाव का बना सकते हैं। 

छठे भाव:कुंडली के छठे भाव में उपस्थित सूर्य देव की वजह से आपका स्वभाव कठोर होता है और आप अपने शत्रुओं को परास्त करने में सक्षम होते हैं। 

सातवें भाव: ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सातवें भाव में सूर्य विराजमान होते हैं, वह बहुत स्वाभिमानी होते हैं जिसके चलते लोग उन्हें अक्सर घमंडी समझ लेते हैं।

आठवें भाव: सूर्य आठवें भाव में आपको अच्छे परिणाम देने के साथ-साथ आपकी समस्याएं भी बढ़ा सकते हैं। साथ ही, ऐसे जातक आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं। 

नौवें भाव: नौवें भाव में बैठे सूर्य आपसे लंबी यात्राएं करवा सकते हैं। इनका स्वभाव परोपकारी होता है और यह परिवार से बेहद प्रेम करने वाले होते हैं। 

दसवें भाव: कुंडली के दसवें भाव में मौजूद सूर्य के प्रभाव से जातक बुद्धिमान, प्रसिद्ध और विद्वान बनता है। साथ ही, आप आत्मविश्वास से भरे अमीर इंसान होते हैं। 

ग्यारहवें भाव: ग्यारहवें भाव में उपस्थित सूर्य आपको धनवान और मज़बूत बनाने के साथ-साथ सुखी जीवन भी प्रदान करते हैं। 

बारहवें भाव: जिन लोगों के बारहवें भाव में सूर्य स्थित होते हैं, उन्हें सूर्य ग्रह कमज़ोर परिणाम दे सकते हैं। साथ ही, यह जातक रसायन या मनोविज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाते हैं। 

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सूर्य का मकर राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य देव पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें… (विस्तार से पढ़ें) 

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वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके चौथे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)

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कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके दूसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके सातवें… (विस्तार से पढ़ें)

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सिंह राशि वालों की कुंडली में सूर्य ग्रह आपके लग्न भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके…(विस्तार से पढ़ें) 

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कन्या राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य महाराज आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब…(विस्तार से पढ़ें)

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तुला राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे… (विस्तार से पढ़ें) 

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मीन राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

खरमास कब ख़त्म होगा?

वर्ष 2025 में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास का अंत हो जाएगा। 

सूर्य किस राशि के स्वामी हैं?

राशि चक्र में सूर्य देव सिंह राशि के स्वामी माने गए हैं। 

मकर राशि किसकी है?

मकर राशि का आधिपत्य शनि ग्रह को प्राप्त हैं।