सूर्य ग्रहण 2024: एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में आपको 08 अप्रैल 2024 को लगने वाले सूर्य ग्रहण का विश्व पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्ति होगी। ज्योतिष में, सूर्य ग्रहण का काफी महत्व बताया गया है। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे वर्ष 2024 के पहले सूर्य ग्रहण के बारे में, इससे पड़ने वाले प्रभाव के बारे में और साथ ही, इस सूर्य ग्रहण का विश्व पर क्या कुछ असर देखने को मिलेगा इस बारे में भी चर्चा करेंगे। इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी प्रदान करेंगे। हमारी हमेशा से यही पहल रहती है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषय घटना की जानकारी समय से पहले हम अपने रीडर्स को दे सकें ताकि आप उनसे अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पहले ही अवगत रहें।
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हिंदू पंचांग के अनुसार, ये ग्रहण भारतीय उपमहाद्वीप में नजर नहीं आएगा। जिसका अर्थ है कि पृथ्वी की छाया चंद्र सतह को एक निश्चित सीमा तक ही छिपाएगी। बता दें कि जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं यानी सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है, तो ऐसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। सूर्य और पृथ्वी के बीच जब चंद्रमा आता है, तो पृथ्वी पर उसकी छाया पड़ती है। इस दौरान वह सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है। वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है इसलिए जब कभी भी सूर्य ग्रहण की घटना होती है, तब पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों पर इसका कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य पड़ता है।
आइए इस ब्लॉग के माध्यम से 2024 में लगने वाले पहला सूर्य ग्रहण और उससे संबंधित तिथि और समय के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। आप इस ब्लॉग में सूर्य ग्रहण की दृश्यता विश्व में कहां-कहां पर रहेगी, ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा या आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, सूर्य ग्रहण का सूतक काल कब लगेगा तथा सूर्य ग्रहण का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व क्या होगा। साथ ही, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी आपको यह जानने को मिलेगा कि सूर्य ग्रहण का क्या प्रभाव हो सकता है आदि के बारे में चर्चा करेंगे। सभी जानकारी के लिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
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सूर्य ग्रहण 2024: खगोलीय और ज्योतिषीय महत्व
सरल शब्दों में कहे तो सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा करते समय, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है, जिससे सूर्य अवरुद्ध हो जाता है और सूर्य की रोशनी हम तक और पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है। सूर्य का कितना भाग चंद्रमा द्वारा ढका हुआ है, इसके आधार पर ग्रहण कई प्रकार के होते हैं।
ज्योतिषीय दृष्टि से, जब सूर्य और राहु किसी राशि में एक साथ आते हैं तो ग्रहण योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बहुत अशुभ माना जाता है। इस बार सूर्य ग्रहण चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में मीन राशि और रेवती नक्षत्र में घटित होने जा रहा है।
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सूर्य ग्रहण 2024: दृश्यता और समय
समय की बात करें तो, साल का पहला सूर्य ग्रहण 08 अप्रैल, 2024 की रात 09 बजकर 12 मिनट से 09 अप्रैल की मध्यरात्रि 02 बजकर 22 मिनट तक लगेगा। यह साल का पहला सूर्य ग्रहण है और हिंदू पंचांग के अनुसार यह चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में लगेगा। दृश्यता की बात करें तो यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।
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तिथि | दिनांक एवं दिन | सूर्य ग्रहण का आरंभ(भारतीय समय के अनुसार) | सूर्य ग्रहण की समाप्ति | कहां-कहां दिखाई देगा? |
चैत्र मास कृष्ण पक्ष | सोमवार, 08 अप्रैल 2024 | रात 09 बजकर 12 मिनट से | मध्यरात्रि 26:22 तक (9 अप्रैल 2024 की सुबह 02 बजकर 22 मिनट तक) | पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में, आयरलैंड (भारत में दृश्यमान नहीं) |
नोट: सूर्य ग्रहण 2024 के अनुसार, ध्यान देने वाली बात यह है कि ऊपर दिया गया समय भारतीय समय के अनुसार दिया गया है। यह वर्ष 2024 का पहला सूर्य ग्रहण होगा जो की खग्रास यानी कि पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा लेकिन भारत में दृश्यमान न होने के कारण इसका भारत में कोई भी धार्मिक प्रभाव नहीं होगा और न ही इसका सूतक काल प्रभावी माना जाएगा। ऐसे में, सूतक काल या ग्रहण से जुड़ी किसी भी तरह के धार्मिक नियमों का पालन करना आपके लिए जरूरी नहीं होगा। इस प्रकार सभी लोग अपनी सभी गतिविधियां सुचारू रूप से जारी रख सकते हैं।
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सूर्य ग्रहण पर दुर्लभ संयोग
चैत्र नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले सूर्यग्रहण लगने वाला है। यह सूर्यग्रहण ज्योतिषीय दृष्टि से तो महत्वपूर्ण रहेगा ही साथ ही वैज्ञानिक भी इस सूर्य ग्रहण को खास मान रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस ग्रहण पर 54 वर्षों बाद कई दुर्लभ संयोग बनने वाले हैं। जैसे कि,
- 54 वर्षों बाद पूर्ण सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। बताया जा रहा है कि इससे पहले 1970 में ऐसा पूर्ण सूर्य ग्रहण घटित हुआ था।
- इसके अलावा यह सूर्यग्रहण जहां नज़र आएगा वहाँ के लोग ग्रहण के समय सौर मण्डल में मौजूद शुक्र ग्रह और गुरु ग्रह को सीधे देख पाएंगे। यूं तो ये दोनों ही ग्रह पृथ्वी के करीब है लेकिन सामान्य तौर पर इन्हें देखा नहीं जा सकता है।
- 8 अप्रैल को लगने वाले ग्रहण के दौरान कुछ समय के लिए सूर्य पूरी तरह से गायब होने वाला है जिसके चलते इस अवधि में पूरी तरह से दिन में ही अंधेरा हो जाएगा।
- यह ग्रहण 50 वर्षों का सबसे लंबा सूर्यग्रहण होने वाला है।
- इस ग्रहण के दौरान ‘धूमकेतु’ भी नज़र आएंगे। धूमकेतू सूर्य के बेहद पास होने की वजह से सीधे तौर पर देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
अब बात करें कि ये सूर्य ग्रहण किन राशियों के लिए शुभ तो किन राशियों के लिए प्रतिकूल रहने वाला है तो,
- जहां एक तरफ मेष राशि, वश्चिक राशि, कन्या राशि, कुंभ राशि और धनु राशि वालों के लिए प्रतिकूल रहने वाला है। इन जातकों को व्यापार, नौकरी, धन, परिवार आदि के संबंध में परेशानियाँ उठानी पड़ सकती है।
- वहीं दूसरी तरफ वृषभ राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि और सिंह राशि के जातकों के लिए ये ग्रहण बेहद ही शुभ साबित होगा। इन राशियों को आर्थिक लाभ होगा, घरवालों के साथ रिश्ते मजबूत और बेहतर बनेंगे, नौकरी और व्यापार में सफलता आदि भी मिलने के योग बनेंगे।
सूर्य ग्रहण 2024: विश्वव्यापी प्रभाव
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु दोनों रेवती नक्षत्र में होंगे इसलिए रेवती नक्षत्र द्वारा शासित जातकों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें इस दौरान ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का देश-दुनिया पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा।
- सूर्य आंखों के कारक हैं और ऐसे में, विशेष रूप से मीन राशि के जातकों को ग्रहण के समय आंखों से संबंधित समस्या परेशान कर सकती है क्योंकि रेवती नक्षत्र मीन राशि में पड़ता है।
- रेवती नक्षत्र पर बुध का शासन है इसलिए त्वचा की एलर्जी या अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं या मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं से पीड़ित लोगों को और अधिक परेशानी हो सकती है।
- भारत के कई राज्य और विश्व के कुछ हिस्से भी किसी न किसी प्रकार के पानी से होने वाले संक्रमण से पीड़ित नज़र आ सकते हैं क्योंकि मीन एक जल तत्व की राशि है।
- 8 अप्रैल 2024 को होने वाले गोचर पर नजर डालें तो चंद्रमा, सूर्य और राहु तीनों मीन राशि में युति करेंगे। ऐसे में, ग्रहण के समय कुछ लोग तनाव और चिंता की शिकायत से घिरे नज़र आ सकते हैं।
- यदि इस दौरान प्रमुख नेता और बड़े बिजनेसमैन किसी भी प्रकार के बड़े निर्णय लेते हैं तो वे फैसले उनके लिए अनुकूल साबित न होने की संभावना है। हो सकता है कि आपके द्वारा लिए गए फैसले देश और दुनिया पर विनाशकारी प्रभाव डालें।
- हमारे देश की सरकार और दुनियाभर की प्रमुख सरकारों को अपने नेताओं की कुंडली के आधार पर छोटी या बड़ी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि सूर्य को सरकार का कारक माना गया है।
- सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य सूर्य मीन राशि में रेवती नक्षत्र में होग और हम सभी जानते हैं कि रेवती नक्षत्र के स्वामी बुध ग्रह हैं और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं इसलिए देश और दुनिया भर में कुछ प्राकृतिक आपदाएं हो सकती हैं।
- बृहस्पति की राशि में सूर्य और चंद्रमा की उपस्थिति कुछ देशों में युद्ध की गतिविधियों में विराम लगा सकती है और राहत पहुंचा सकती है।
- ग्रहण के परिणामस्वरूप देश और दुनिया के उत्तरी भाग में कठोर शरद ऋतु का अनुभव हो सकता है और इस तरह मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है।
- इस सूर्य ग्रहण का असर आवश्यक वस्तुओं जैसे किराना और अन्य घरेलू सामानों की कीमतों में पड़ सकता है। महंगे आइटम जैसे सोने के गहने और धातु से बनी अन्य सभी वस्तुएं जैसे पीतल आदि, जिनकी कीमत पहले से ही बहुत अधिक है, में और तेजी आ सकती है।
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सूर्य ग्रहण 2024: जानें शेयर मार्केट का हाल
- चाय और कॉफी उद्योग, सीमेंट हाउसिंग, भारी इंजीनियरिंग, उर्वरक आदि में मंदी देखने को मिल सकती है। हालांकि फार्मा सेक्टर, पब्लिक सेक्टर, बैंक क्षेत्र, वनस्पति तेल उद्योग, डेयरी उत्पाद, शिपिंग कॉर्पोरेशन, रिलायंस, पेट्रोलियम इंड्रस्टी में वृद्धि होने की संभावना है।
- लौह इंड्रस्टी, स्टील इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग, सीमेंट हाउसिंग, चाय और कॉफी इंड्रस्टी सहित अन्य उद्योगों तेज़ी से आगे बढ़ेंगे।
- सोने की कीमतों में स्थिरता आ सकती है। वहीं भारी धातुएं और खनिजों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
- पीतल और तांबा जैसी धातुओं की कीमत में भी स्थिरता देखने को मिल सकता है।
- हरित ऊर्जा उद्योगों में अच्छा दौर देखने को मिल सकता है।
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