सूर्य ग्रहण 2023: देश-दुनिया पर विशेष प्रभाव डालेगा साल का आखिरी व दूसरा सूर्य ग्रहण!

सूर्य ग्रहण 2023: इस ब्लॉग के माध्यम से हम 2023 के दूसरे और अंतिम सूर्य ग्रहण के बारे में बात करेंगे और साथ ही, वैदिक ज्योतिष में इसके महत्व के बारे में जानेंगे। इस साल पृथ्वी पर लोगों को साल 2023 में दो सूर्य ग्रहण देखने को मिलें। पहला सूर्य ग्रहण जो कि अप्रैल माह में लग चुका है वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण जो अक्टूबर महीने में लगने जा रहा है। इस ब्लॉग में हम साल के दूसरे और अंतिम सूर्य ग्रहण के विश्वव्यापी प्रभावों पर चर्चा करेंगे। बता दें कि यह सूर्य ग्रहण चित्रा नक्षत्र में बुध द्वारा शासित कन्या राशि में घटित हो रहा है और यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा।

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी प्रदान करेंगे। हमारी हमेशा से यही पहल रहती है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी समय से पहले हम अपने रीडर्स को दे सकें ताकि आप उनसे अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पहले ही अवगत रहें।

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सूर्य ग्रहण क्या है?

सामान्य शब्दों में बात करें तो सूर्य ग्रहण एक ऐसी प्राकृतिक घटना को बोला गया है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है तो पृथ्वी से सूर्य का प्रकाश वाला भाग दिखाई नहीं देता और उस समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश न पड़कर चंद्रमा की परछाई नजर आने लगती है। इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरियों के कारण कभी सूर्यग्रहण थोड़ी देर और कभी बहुत देर का हो सकता है।

हालांकि ग्रहण किस उदय राशि या फिर किस राशि में होने वाला है इसके आधार पर उसके परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं। ग्रहण हमारे जीवन में बड़े बदलाव लेकर आ सकते हैं। ग्रहण का असर सिर्फ जातकों पर ही नहीं बल्कि देश दुनिया पर भी देखने को मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि यह समय बदलाव और व्यक्तिगत विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

सूर्य ग्रहण, 2023: समय

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर, 2023 की रात 8 बजकर 34 मिनट पर लगेगा और 15 अक्टूबर, 2023 की मध्य रात्रि 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा।

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2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण: तिथि और दृश्यता

तिथिदिनप्रारंभ समयसमाप्तिदृश्यता
आश्विन मास कृष्ण पक्ष अमावस्याशनिवार/रविवार 14 अक्टूबर/15 अक्टूबर, 2023शाम 08 बजकर 34 मिनट सेमध्यरात्रि 02 बजकर 25 मिनट तकमेक्सिको, बारबाडोस, अर्जेंटीना, कनाडा, कोलंबिया, क्यूबा, ​​इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह, अरूबा, एंटीगुआ, बहामास, बोलीविया, ब्राजील, पेरू, पैराग्वे, जमैका, हैती, ग्वाटेमाला, गुयाना, निकारागुआ, त्रिनिदाद और टोबैगो, उरुग्वे, वेनेज़ुएला, अमेरिका, कोस्टा रिका, कोलंबिया, चिली, बेलीज़, डोमिनिका, ग्रीनलैंड और सूरीनाम। (भारत में दृश्यमान नहीं)

नोट: सूर्य ग्रहण का समय संयुक्त राज्य अमेरिका के समय पर आधारित है। आपको बता दें कि रात को 24 घंटे बाद के समय को अगला दिन माना जाता है।

सूर्य ग्रहण 2023: सूतक काल

साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण एक वलयाकार ग्रहण होगा लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा। सूतक काल केवल उन्हीं स्थानों पर मनाया जाता है, जहां ग्रहण दिखाई दे रहा हो या दिख रहा हो, लेकिन चूंकि यह दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। ऐसे में, भारत के लोग अपनी सामान्य दिनचर्या का पालन कर सकते हैं। जिन स्थानों पर यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा उनका जिक्र ऊपर दिए गए चार्ट में किया गया है। उन स्थानों में सूतक काल भी लगेगा और उन लोगों के लिए सूर्य ग्रहण से संबंधित नियमों का पालन करना लाभकारी होगा।

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सूर्य ग्रहण 2023: विश्वव्यापी प्रभाव

यह सूर्य ग्रहण अश्विन मास की अमावस्या तिथि को कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा इसलिए चित्रा नक्षत्र द्वारा शासित जातकों पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है और उन्हें इस दौरान ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का देश-दुनिया पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा।

  • सूर्य आंखों के कारक हैं और ऐसे में, विशेष रूप से कन्या राशि के जातकों को ग्रहण के समय आंखों से संबंधित समस्या परेशान कर सकती है।
  • वहीं इस ग्रहण के प्रभाव स्वरूप देश के कई बड़े शहरों में कुछ हिंसक घटनाएं देखने को मिल सकती है क्योंकि मंगल ग्रह दुर्घटनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • कई राज्य किसी न किसी प्रकार के मिट्टी से होने वाले संक्रमण से भी पीड़ित नज़र आ सकते हैं क्योंकि कन्या राशि पृथ्वी तत्व की राशि है।
  • सूर्य ग्रहण के प्रभाव स्वरूप विभिन्न प्रकार के बुखार, एलर्जी, और वायु जनक विषाणुओं में वृद्धि होने की प्रबल आशंका बन रही है।
  • इस ग्रहण के समय राशिफल को देखें तो उदय राशि और राशि दोनों ही कन्या राशि होगी क्योंकि चंद्रमा भी कन्या राशि में ही गोचर करेंगे। ऐसे में मुमकिन है कि ग्रहण के समय लोग अवसाद और चिंता, परेशानी आदि से घिर सकते हैं।
  • यदि इस दौरान प्रमुख नेता और बड़े बिजनेसमैन किसी भी प्रकार के बड़े निर्णय लेते हैं तो वे फैसले उनके लिए अनुकूल साबित न होने की संभावना है। हो सकता है कि आपके द्वारा लिए गए फैसले देश और दुनिया पर विनाशकारी प्रभाव डालें।
  • हमारे देश की सरकार और दुनियाभर की प्रमुख सरकारों को अपने नेताओं की कुंडली के आधार पर छोटी या बड़ी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि सूर्य को सरकार का कारक माना गया है।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य कन्या राशि में  चित्रा नक्षत्र में होंगे और इनका स्वामी मंगल ग्रह है इसलिए मुमकिन है कि इस दौरान देश और दुनिया में आगजनी और सड़क दुर्घटनाओं की  संख्या में कुछ वृद्धि देखने को मिल सकती हैं।
  • बुध की मूल त्रिकोण राशि कन्या में सूर्य की उपस्थिति कुछ देशों में युद्ध की गतिविधियों में विराम लगा सकती है और राहत पहुंचा सकती है।
  • ग्रहण के परिणामस्वरूप देश और दुनिया के उत्तरी भाग में कठोर शरद ऋतु का अनुभव हो सकता है और इस तरह मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है।
  • इस सूर्य ग्रहण का असर आवश्यक वस्तुओं जैसे किराना और अन्य घरेलू सामानों की कीमतों में पड़ सकता है। महंगे आइटम जैसे सोने के गहने और धातु से बनी अन्य सभी वस्तुएं जैसे पीतल आदि, जिनकी कीमत पहले से ही बहुत अधिक है, में और तेजी आ सकती है।

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सूर्य ग्रहण 2023: जानें शेयर मार्केट का हाल

चाय और कॉफी उद्योग, सीमेंट हाउसिंग, भारी इंजीनियरिंग, उर्वरक आदि में मंदी देखने को मिल सकती है। हालांकि फार्मा सेक्टर, पब्लिक सेक्टर, बैंक क्षेत्र, वनस्पति तेल उद्योग, डेयरी उत्पाद, शिपिंग कॉर्पोरेशन, रिलायंस, पेट्रोलियम इंड्रस्टी में वृद्धि होने की संभावना है।

  • लौह इंड्रस्टी, स्टील इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग, सीमेंट हाउसिंग, चाय और कॉफी इंड्रस्टी सहित अन्य उद्योगों तेज़ी से आगे बढ़ेंगे।
  • सोने की कीमतों बढ़ोतरी हो सकती है और यह नई ऊंचाई को छू सकता है। भारी धातुएं और खनिजों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
  • पीतल और तांबा जैसी धातुओं की कीमत में भी उछाल देखने को मिल सकता है।
  • हरित ऊर्जा उद्योगों में मंदी आने की आशंका है।

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