सूर्य का तुला राशि में गोचर (17 अक्टूबर): किन राशियों का भाग्य करेगा रोशन ये सूर्य गोचर

एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको सूर्य के तुला राशि में गोचर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे तिथि, समय और सभी जातकों पर इसका प्रभाव आदि से अवगत कराएगा। साथ ही, इस ब्लॉग में हम इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि कुंडली में सूर्य कमज़ोर होने पर किन उपायों को किया जा सकता है और जानेगे सूर्य गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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ऐसे में यदि आपके मन में सवाल उठ रहे हैं कि सूर्य के तुला राशि में गोचर के दौरान किन राशियों को मिलेगी करियर में सफलता? किन राशियों की आर्थिक स्थिति होगी स्थिर और कैसा रहेगा ये गोचर प्रेम जीवन के लिए? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे आपको हमारे इस विशेष ब्लॉग में। जो हमारे विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा सूर्य ग्रह की चाल, स्थिति और दशा की गणना कर तैयार किया गया है। आइए जानते हैं कि सूर्य के तुला राशि में गोचर के बारे में। 

वैदिक ज्योतिष में सूर्य का महत्व 

वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों का राजा माना जाता है जो पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इन्हें धरती पर रहने वाले सभी जीव-जंतुओं की आत्मा का कारक माना गया है। जहाँ ज्योतिष में सूर्य को जनक की संज्ञा दी गयी है, वहीं सनातन धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। हिन्दू धर्म के लोग सूर्य देव की बेहद आस्था और भक्तिभाव से पूजा करते हैं। 

इसी प्रकार, ज्योतिष में सूर्य गोचर को महत्वपूर्ण माना गया है, जिस समय सूर्य किसी राशि में प्रवेश करते हैं उस समय को सभी तरह के धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। राशिचक्र की 12 राशियों को पूरा करने में सूर्य को एक वर्ष का समय लगता है क्योंकि सूर्य किसी राशि में एक माह तक रहते हैं। लेकिन आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि अन्य ग्रहों की तरह सूर्य कभी वक्री नहीं होते हैं। 

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हालांकि, यदि हम व्यक्ति के जीवन पर सूर्य के प्रभाव की बात करें तो, किसी व्यक्ति को जीवन में मिलने वाले परिणाम सकारात्मक होंगे या नकारात्मक ये पूरी तरह से कुंडली में सूर्य की स्थिति पर निर्भर है। कुंडली में सूर्य की शुभ स्थिति जातकों को मान-सम्मान, साहस और आत्मविश्वास आदि प्रदान करती है। वहीं, जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमज़ोर अवस्था में होता है, उन लोगों के व्यक्तित्व में अहंकार, ईर्ष्यालु, विश्वासहीन, अति महत्वाकांक्षी आदि गुण पाए जाते हैं। आइये अब आगे बढ़ते है और जानते हैं सूर्य के तुला राशि में गोचर की तिथि एवं समय के बारे में। 

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सूर्य का तुला राशि में गोचर: तिथि एवं समय 

सूर्यदेव को धरती पर ऊर्जा और प्रकाश का एकमात्र स्त्रोत माना गया है जिसके बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना करना नामुमकिन है। ऐसे में, जब सूर्य गोचर करता है तो इस अवधि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। बात करें सूर्य गोचर के समय और तिथि की तो, सूर्य 17 अक्टूबर 2022, सोमवार की शाम 7 बजकर 09 मिनट पर बुध की राशि कन्या से निकलकर तुला में प्रवेश करेंगे। इस गोचर का असर सभी राशियों के जातकों के जीवन को प्रभावित कर सकता है क्योंकि इस गोचर के दौरान सूर्य नीच अवस्था में स्थित होंगे।     

कुंडली में सूर्य को मज़बूत करने के उपाय

  • रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है इसलिए इस दिन व्रत करें। 
  • सूर्य को बली करने के लिए रविवार के दिन स्नान करने के पश्चात लाल रंग के कपड़े धारण करें. 
  • प्रतिदिन “ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:”मंत्र का जाप करें। 
  • रविवार के दिन स्नान करने के बाद एक लोटे में जल लेकर उसमे लाल फूल, लाल चंदन, दूर्वा और अक्षत आदि सामग्री डालकर इस जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें। 
  • सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए रविवार के दिन नमक का सेवन करने से बचें।

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सूर्य का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय

मेष

सूर्य ग्रह मेष राशि के लिए उनके पंचम भाव के स्वामी होते हैं और अब तुला राशि में गोचर के दौरान वे आपकी राशि से विवाह, जीवनसाथी आदि के सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ

वृषभ राशि के लिए सूर्य ग्रह उनके चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और अब वे अपना गोचर करते हुए आपकी राशि से प्रतियोगिताओं और शत्रुओं आदि के षष्ठम भाव में विराजमान हो रहे…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके साहस, छोटे भाई-बहन, मानसिक संतुलन आदि के तृतीय भाव के स्वामी होते हैं। अब सूर्य देव इस दौरान आपकी राशि से प्रेम, बुद्धि और संतान…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क

कर्क राशि के लिए सूर्य आपके धन, नेत्र, मुख, वाणी, परिवार आदि के द्वितीय भाव के स्वामी हैं। अब अपने इस गोचर के दौरान वे अपनी दुर्बल अवस्था में होते हुए आपके चतुर्थ भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य का हर गोचर बेहद महत्वपूर्ण रहता है क्योंकि सूर्य आपकी राशि अर्थात आपके लग्न स्वामी हैं। अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपके साहस, छोटे भाई-बहन…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या

पृथ्वी तत्व की राशि कन्या के जातकों के लिए सूर्य उनके ख़र्चे, नुकसान, मोक्ष, अनिश्चित स्थितियों आदि के द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अब अपना गोचर करते हुए ये आपकी राशि से…(विस्तार से पढ़ें)

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य एकादश भाव के स्वामी होते हैं और अब उनका गोचर आपके लग्न भाव में होगा। कुंडली में इस भाव से जातक की आत्मा और व्यक्तित्व आदि के बारे…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके कर्म और करियर के दशम भाव के स्वामी होते हैं। अब वे अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि के द्वादश भाव में अपनी नीच अवस्था में विराजमान…(विस्तार से पढ़ें)

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके भाग्य, पिता, गुरु, धर्म, आदि के नवम भाव के स्वामी हैं और अब अपना गोचर करते हुए वे आपके लाभ, अभिलाषा पूर्ति, सफलता आदि के एकादश भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

मकर

मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब वे अपना गोचर करते हुए आपके दशम भाव में विराजमान होंगे। कुंडली में जहाँ अष्टम भाव को आयु, खतरा, दुर्घटना…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके रिश्तों व जीवनसाथी के सप्तम भाव के स्वामी होते हैं। अब अपना गोचर करते हुए वे नीच अवस्था में आपकी राशि से भाग्य, पिता, गुरु, धर्म आदि के नवम…(विस्तार से पढ़ें)

मीन

मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रह रोग, शत्रु व ऋण के षष्ठम भाव के स्वामी होते हैं। अब अपना गोचर करते हुए वे आपकी राशि में दुर्बल अवस्था में अष्टम भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

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