सूर्य का मीन राशि में गोचर: शुभ या अशुभ, कैसे मिलेंगे सभी राशियों को परिणाम?

सूर्य का मीन राशि में गोचर 2023: वैदिक ज्योतिष में सूर्य का गोचर प्रत्येक माह होता है और ऐसे में, इन्हें सभी 12 राशियों का चक्र पूरा करने में एक वर्ष का समय लगता है। जब सूर्य अपनी राशि परिवर्तन करते हैं तब इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। किसी व्यक्ति की सूर्य राशि का निर्धारण उस व्यक्ति के जन्म के समय कुंडली में सूर्य की स्थिति के आधार पर किया जाता है। हालांकि, वैदिक ज्योतिष में सूर्य जीवन और मान-सम्मान का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिन जातकों की की कुंडली में सूर्य मज़बूत स्थिति में होते हैं, उनके व्यक्तित्व में नेतृत्व के गुण पाए जाते हैं या यूं कहें कि वह जन्मजात लीडर होते हैं।   

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सूर्य के मीन राशि में गोचर के दौरान आपको यह बात ध्यान रखनी होगी कि जल तत्व की राशि में सूर्य का गोचर होने से जातकों को जीवन में नकारात्मक परिणाम मिलने की आशंका है। हालांकि, सूर्य का मीन राशि में गोचर राशिचक्र की सभी 12 राशियों को विभिन्न प्रकार से प्रभावित करेगा। इस ब्लॉग में हम सूर्य का मीन राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही, हम जानेंगे वैदिक ज्योतिष में सूर्य के महत्व और इसके गोचर के प्रभावों को कम करने के अचूक उपायों के बारे में।  

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सूर्य का ज्योतिषीय महत्व 

वैदिक ज्योतिष में सूर्य मनुष्य के आधारभूत गुणों का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति निर्धारित करती है कि जातक सूर्य की तरह चमकेगा या फिर चमकने के लिए तरसेगा। सूर्य ग्रह को आत्मा, पिता और उच्च पद का कारक माना गया है।    

वैज्ञानिक महत्व के साथ-साथ वैदिक ज्योतिष में भी सूर्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सभी 9 ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं और नवग्रहों को इनसे ही ऊर्जा की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि सूर्य देव कभी भी वक्री नहीं होते हैं और यह प्रत्येक राशि में एक महीने तक रहते हैं। 

कुंडली में सूर्य की मज़बूत स्थिति जातक को जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से पार पाने में मददगार साबित होती है, लेकिन कभी-कभी ये आपको आक्रामक और अहंकारी भी बना सकती है। इसके विपरीत, यदि सूर्य की स्थिति किसी व्यक्ति की कुंडली में कमज़ोर हो, तो मनुष्य में आत्मविश्वास की कमी देखने को मिलती है और अधिकारियों के साथ भी ऐसे व्यक्ति को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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सूर्य का मीन राशि में गोचर: तिथि और समय

हाल ही में, सूर्य ने 13 फरवरी 2023 की सुबह 09 बजकर 21 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश किया है जिससे कुंभ राशि में सूर्य और शनि की युति बन रही है। अब सूर्य देव राशिचक्र की अंतिम राशि मीन में 15 मार्च 2023 की सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर गोचर करेंगे। ऐसे में, सूर्य गोचर का निश्चित रूप से सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर असर देखने को मिलेगा।    

सूर्य का मीन राशि में गोचर का प्रभाव

अब हम नज़र डालते है कि सूर्य का मीन राशि में गोचर जातकों के जीवन को कैसे प्रभावित करेगा। इस अवधि में कुछ लोगों की इंटुइशन पॉवर मज़बूत हो सकती है जबकि कुछ जातक शिक्षा, अपनी समझ को बढ़ाने और स्वयं को अच्छे से जानने में रूचि ले सकते हैं। यह समय किसी चीज़ या बात के बारे में भिन्न-भिन्न पहलुओं से विचार-विमर्श करने के लिए उपयुक्त साबित होगा।

वहीं, कुछ जातकों के लिए सूर्य गोचर की अवधि चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है। संभव है कि इस दौरान आप अपनी ऊर्जा कहां खर्च करें या फिर पैसे से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम न हो, इसलिए सोच-समझकर फैसला लें। मीन राशि के जातक फ़िज़ूल की बातों में ज्यादातर समय बर्बाद कर सकते हैं। यदि आपके हाथ में कोई सुनहरा अवसर मौजूद हैं और आपको समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए? तो आपको मौके का फायदा उठाने के लिए सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने तक का इंतज़ार करना होगा। इन लोगों का संचार कौशल प्रभावित हो सकता है और ऐसे में, आप आपने विचारों को स्पष्ट रूप से दूसरों के सामने नहीं रख पाएंगे। 

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सूर्य का मीन राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं जो कि संतान, प्रेम संबंध और शिक्षा को दर्शाता है। इस दौरान यह…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ

सूर्य वृषभ राशि के जातकों के चौथे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान यह आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आर्थिक लाभ…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव यानी कि नाम…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके नौवें भाव में गोचर करेंगे जो कि धर्म, पिता, लंबी यात्राओं, तीर्थस्थल…(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह

सूर्य सिंह राशि के लग्न भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे जो कि दीर्घायु, अचानक होने वाली घटना…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और इस दौरान सूर्य कन्या राशि के सातवें भाव यानी कि वैवाहिक सुख…(विस्तार से पढ़ें)

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, स्वास्थ्य,…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक

सूर्य वृश्चिक राशि के दसवें भाव के स्वामी हैं और इस अवधि में यह आपके पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, प्रेम संबंध…(विस्तार से पढ़ें)

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नौवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर काल में सूर्य धनु राशि के चौथे भाव यानी कि माता, वाहन…(विस्तार से पढ़ें)

मकर

सूर्य मकर राशि के आठवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके तीसरे भाव यानी कि साहस, भाई-बहन और लघु यात्रा के भाव…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। सूर्य की दूसरे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

मीन

सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके पहले भाव (लग्न) में गोचर करेंगे। लग्न भाव में सूर्य के गोचर के फलस्वरूप आपके…(विस्तार से पढ़ें)

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