ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का विशेष महत्व है और इनकी चाल में होने वाले परिवर्तन से मनुष्य के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव देखने को मिलते हैं। इसी क्रम आत्मा के कारक ग्रह सूर्य जुलाई माह में अपनी राशि में परिवर्तन करने जा रहे हैं। सूर्य का यह गोचर विभिन्न जातकों के जीवन में अलग-अलग प्रभाव डालेगा।
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एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य के गोचर से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताएंगे जैसे तिथि, समय एवं प्रभाव आदि। साथ ही जानेंगे, सभी राशियों में सूर्य के गोचर के प्रभाव और इससे शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए किये जाने वाले अचूक उपायों के बारे में।
सूर्य का कर्क राशि में गोचर: तिथि
सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में 17 जुलाई 2023 की सुबह 04 बजकर 59 मिनट पर प्रवेश करेंगे। कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं जो कि सूर्य के मित्र ग्रह हैं। सूर्य कर्क राशि में 17 अगस्त 2023 की दोपहर 01 बजकर 27 मिनट तक रहेंगे उसके बाद अपनी ही स्वराशि सिंह में प्रवेश कर जाएंगे। आइए आगे बढ़ने से पहले जानते हैं ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व।
ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व
ज्योतिष में सूर्य को सभी नौ ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्य के अन्य नाम रवि, अरुण, अर्यमा, दिनमणि, दिनेश, मिहिर, नभेश्वर, आदित्य, मार्तण्ड, दिवाकर, हेली, पूषा, तपन, प्रभाकर, अर्क, चित्ररथ, व भास्कर आदि है। सूर्य ग्रह जब किसी राशि भी में प्रवेश करते हैं तो वह धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही शुभ समय होता है। इस दौरान लोग मांगलिक व धार्मिक कार्यों का आयोजन कराते हैं। ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मा और पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस ग्रह के द्वारा ही सभी ग्रहों को प्रकाश प्राप्त होता है और ग्रहों की इनसे दूरी या नज़दीकी उन्हें अस्त भी कर देती है। यहीं नहीं सूर्य को पूर्वजों का प्रतिनिधि भी माना जाता है। यदि कुंडली में सूर्य पर किसी भी बुरे ग्रहों का प्रभाव पड़ता है तो उस कुंडली में पितृ दोष का निर्माण हो जाता है। कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति के परिणामस्वरूप जातक समाज में खूब नाम कमाता है और अपने व्यक्तित्व से सभी को आकर्षित करने में सक्षम होता है। सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं और मेष राशि में यह उच्च होता है, जबकि तुला इनकी नीच राशि मानी जाती है।
कर्क राशि में सूर्य का प्रभाव
कर्क राशि में सूर्य के प्रभाव के परिणामस्वरूप जातक कठिन परिश्रम से सफलता प्राप्त करने में सक्षम होता है। इन जातकों को सुरक्षित रहना पसंद होता है। हालांकि ये अचानक से होने वाले बदलाव को जल्दी स्वीकार नहीं कर पाते हैं। ये लोग सोशल लाइफ में एक्टिव रहना पसंद करते हैं। हालांकि लोगों से अपनी निजी बातें शेयर करना पसंद नहीं करते हैं। इन्हें पुरानी चीज़ों से बहुत लगाव होता है और ये रिश्तों की कदर करते हैं व सबका सम्मान करते हैं। इन जातकों की सबसे ख़ास बात यह है कि ये किसी का भी सामना करने से हिचकिचाते नहीं हैं और न ही दूसरों पर निर्भर रहते हैं। इनके निजी जीवन की बात करें तो ये केयरिंग होते हैं और अपने पार्टनर के साथ ईमानदार होते हैं। साथ ही, रिश्ते को लेकर भावुक होते हैं। इनके अंदर एक और सबसे अच्छा गुण यह है कि ये कोई बात किसी से तब तक शेयर नहीं करते जब तक कि इनको उसके बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं होती है।
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कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति
- कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति के चलते जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में हो तो वह व्यक्ति अपने जीवन में ऊंचे मुकाम को हासिल करता है।
- सूर्य की शुभ स्थिति के फलस्वरूप जातकों को हर एक क्षेत्र में कामयाबी, मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है।
- कुंडली में सूर्य के मजबूत होने पर व्यक्ति को अपार धन-दौलत और वैभव की प्राप्ति होती है।
- कुंडली में सूर्य के शुभ योग के चलते व्यापार में मुनाफा, बड़ा घर और बड़ी गाड़ी का सपना पूरा होता है।
कुंडली में सूर्य की कमज़ोर स्थिति के संकेत
- यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमज़ोर है तो इच्छाशक्ति में कमी हो सकती है और आपका मन काम से हट सकता है।
- यदि आपको अपने काम पर भरोसा न हो या सही गलत में फर्क करना नहीं जान पा रहे हो तो यह सूर्य की अशुभ स्थिति का संकेत है।
- कुंडली में यदि सूर्य कमजोर स्थिति के परिणामस्वरूप जातक के अंदर आत्मनिर्भरता की कमी देखने को मिलती है। ऐसा भी हो सकता है कि आपको हर बात पर दूसरों की सलाह की जरूरत पड़े।
- कुंडली में अशुभ सूर्य के प्रभाव से आपके पिता से संबंध खराब हो सकते हैं या उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
- यदि सूर्य की स्थिति कुंडली में कमज़ोर है तो आपको बिना वजह स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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सूर्य के दुष्प्रभाव को दूर करने के सरल उपाय
- कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार का व्रत रखें।
- ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए यदि संभव हो तो रविवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनें।
- सूर्य की शुभ स्थिति के लिए ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप 108 बार जाप करें।
- रविवार के दिन सुबह स्नान के बाद साफ जल में लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत और दूर्वा मिलाकर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन नमक का सेवन न करें।
- सूर्य की मजबूत स्थिति के लिए जातक को लाल और पीले रंग के वस्त्र, गुड़, सोना, तांबा, गेहूं, लाल कमल, मसूर दाल, गाय आदि का दान करना चाहिए।
सूर्य का कर्क राशि में गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव के स्वामी हैं। सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपके करियर के लिए… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी ग्रह होकर आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का कर्क राशि में गोचर नौकरी में…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
सूर्य का कर्क राशि में गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए दूसरे भाव में होने के कारण भाई-बहनों से सहयोग प्राप्त होगा। वे हर काम…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों के लिए सूर्य द्वितीय भाव के स्वामी ग्रह हैं और सूर्य का कर्क राशि में गोचर होने से आपकी राशि सर्वाधिक प्रभावित होगी क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि में जन्म लेने वाले लोगों के लिए सूर्य देव राशि स्वामी हैं और सूर्य का कर्क राशि में गोचर होने से यह आपके द्वादश भाव में जाएंगे। यह गोचर…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए सूर्य देव द्वादश भाव के स्वामी हैं और यह आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपको…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपके दशम भाव में होने से करियर के लिए यह गोचर बहुत…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
सूर्य आपके दशम भाव के स्वामी ग्रह हैं और सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपकी राशि से नवम भाव में होगा। यह आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा को तो बढ़ाएगा और…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नवम भाव के स्वामी हैं और सूर्य का कर्क राशि में गोचर होने से वह आपके आठवें भाव में जाएंगे। यह भी ज्यादा अच्छी नहीं कही जा सकती है इसलिए…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के लिए सूर्य देव अष्टम भाव के स्वामी हैं और सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा जिससे आपका वैवाहिक जीवन और…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव के स्वामी हैं और सूर्य का गोचर मिथुन राशि में होने से वह आपके षष्ठ भाव में आएंगे और…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
सूर्य का कर्क राशि में गोचर मीन राशि के जातकों के पंचम भाव में होगा। यह अवधि प्रेम संबंधों के लिए निर्णायक साबित हो सकती है इसलिए…(विस्तार से पढ़ें)
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