सूर्य का कन्या राशि में गोचर (17 सितंबर 2022), एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको इस गोचर से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां प्रदान करेगा। वर्ष 2022 के अंतिम 4 महीनों में 4 बड़े ग्रहों का गोचर होने जा रहा है, जिसमें सूर्य का गोचर तीसरे स्थान पर है। इस गोचर की वजह से सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में अच्छे और बुरे दोनों तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे। यदि आप जानना चाहते हैं इस गोचर के बारे में सब कुछ, तो इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
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वैदिक ज्योतिष में सूर्य का महत्व
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। यह आपके बाहरी स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका अर्थ है कि आप दुनिया के सामने खुद को कैसे प्रस्तुत करते हैं और आपका व्यवहार आपको दूसरों से अलग कैसे बनाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य एक राशि में एक महीने तक विराजमान रहते हैं और इस तरह ये एक साल में राशि चक्र की सभी 12 राशियों में गोचर करते हैं। ज्योतिष में सूर्य को “राजा” का दर्जा दिया गया है क्योंकि यह सौरमंडल के केंद्र में स्थित है। सूर्य पुरुषों की कुंडली में पिता, महिलाओं की कुंडली में पति और बालकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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सूर्य का कन्या राशि में गोचर: तिथि और समय
सूर्य देव सिंह राशि के स्वामी हैं और यह मेष राशि में उच्च के होते हैं जबकि तुला इनकी नीच राशि है। सूर्य 17 सितंबर, 2022 की सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर अपनी राशि सिंह से निकलकर बुध शासित राशि कन्या में प्रवेश करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप सभी 12 राशियों को सकारात्मक और नकारात्मक रूप से इस गोचर के प्रभावों का सामना करना पड़ेगा।
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सूर्य का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य देव पंचम भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी राशि से षष्टम भाव में गोचर करेंगे। कुंडली का छठा भाव…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ
वृषभ राशि के अनुसार सूर्य ग्रह आपके चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान वे आपके पंचम भाव में विराजमान होंगे। कुंडली का पंचम भाव जीवन का महत्वपूर्ण भाव होता है। क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य देव तीसरे भाव के स्वामी हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे। कुंडली के चतुर्थ भाव के द्वारा जीवन में सभी प्रकार के…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके द्वितीय भाव के स्वामी हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से तृतीय भाव में संचरण करेंगे। कुंडली का…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य का हर गोचर बेहद महत्वपूर्ण रहता है। क्योंकि वे आपकी ही राशि के स्वामी हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान उनका आपके…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव उनके द्वादश भाव के स्वामी हैं और अब वे आपकी राशि में ही गोचर करेंगे, अर्थात यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)
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तुला
तुला राशि के लिए सूर्य उनके एकादश भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। कुंडली में…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के लिए सूर्य देव दशम भाव के स्वामी हैं और अब वे वर्तमान में अपना गोचर करते हुए आपकी राशि से एकादश भाव में संचरण करेंगे। कुंडली में एकादश…(विस्तार से पढ़ें)
धनु
धनु राशि के लिए सूर्य उनके नवम भाव के स्वामी होते हैं और अब वे अपना गोचर करते हुए आपकी राशि से दशम भाव में विराजमान हो जाएंगे। कुंडली में दशम भाव को कर्म भाव…(विस्तार से पढ़ें)
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके अष्टम भाव के स्वामी होकर, अब आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में नवम…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपकी राशि के सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और अब वे अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से अष्टम भाव में विराजमान हो रहे हैं। अष्टम भाव को वैदिक ज्योतिष में काफी…(विस्तार से पढ़ें)
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके षष्ठम भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से सप्तम भाव में विराजमान होंगे। कुंडली का सप्तम भाव जीवन में लंबे समय तक…(विस्तार से पढ़ें)
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