वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह का विशेष महत्व बताया गया है। सूर्य ग्रह को आत्मा का कारक ग्रह माना जाता है और कहा जाता है कि सूर्य की मौजूदगी के बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना कर पाना भी नामुमकिन है। ऐसे में स्वाभाविक है कि सूर्य ग्रह का बेहद ही ज्यादा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। अब यही शक्तिशाली ग्रह सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में गोचर करने जा रहा है। स्वाभाविक है कि इसका सभी राशियों के जातकों के जीवन पर प्रभाव अवश्य पड़ेगा।
तो चलिए अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं कि सूर्य ग्रह का आपकी राशि पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है। साथ ही जानेंगे इस दौरान किए जाने वाले राशि अनुसार उपायों की भी जानकारी लेकिन आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं सूर्य के इस गोचर का समय क्या रहने वाला है।
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सूर्य का मीन राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?
सूर्य का यह महत्वपूर्ण गोचर 14 मार्च 2024 को 12:23 पर होगा। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दे की मीन राशि में सूर्य के इस गोचर से ठीक कुछ दिनों पहले ही बुध का भी मीन राशि में गोचर हुआ है और इस वक्त बुध भी मीन राशि में ही स्थित है। इसका अर्थ हुआ कि जब सूर्य का मीन राशि में गोचर होगा तो इस दौरान सूर्य और बुध की युति भी होने वाली है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य बुध की युति बुधादित्य योग का निर्माण करती है जिसे एक बेहद ही शुभ योग माना जाता है। ऐसे में सूर्य के गोचर के साथ-साथ बुधादित्य योग का प्रभाव भी जातकों के जीवन पर निश्चित तौर पर पड़ने की संभावना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में इस शुभ योग का निर्माण होता है तो व्यक्ति को धन, सुख सुविधा, वैभव और मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह
आप बात करें वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह की तो सभी ग्रहों की ही तरह सूर्य को विशेष तो माना ही जाता है लेकिन अन्य सभी ग्रहों की तुलना में सूर्य का महत्व कुछ ज्यादा ही माना गया है। हिंदू धर्म में सूर्य को देवता भी माना जाता है और उनकी नियमित रूप से पूजा करने से व्यक्ति के मान सम्मान में वृद्धि होती है। इसके अलावा सूर्य धरती पर ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत भी है।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को तारों का जनक माना जाता है। ऐसे में खगोलीय दृष्टि से सूर्य जहां एक तारा है वहीं वैदिक ज्योतिष में एक बेहद महत्वपूर्ण और प्रमुख ग्रह है। इसका आकार भी सभी ग्रहों की तुलना में बेहद विशाल माना जाता है। हिंदू पौराणिक शास्त्र के अनुसार सूर्य समस्त जीव जगत की आत्मा के स्वरूप होते हैं। सभी 12 राशियों में से जहां मेष राशि सूर्य की उच्च राशि होती है वहीं तुला को इसकी नीच राशि माना गया है। इसके अलावा सिंह राशि का स्वामित्व भी सूर्य के पास होता है।
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सूर्य से संबंधित कुछ अनूठे तथ्य
- सूर्य महर्षि कश्यप के पुत्र माने गए हैं। उनकी माता का नाम अदिति है। यही वजह है कि सूर्य का एक नाम आदित्य भी होता है।
- हिंदू पंचांग के अनुसार रविवार का दिन सूर्य ग्रह को समर्पित किया गया है। ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में होते हैं उन्हें विशेष रूप से रविवार के दिन उपवास करने और सूर्य को नियमित रूप से जल अर्पित करने की सलाह दी जाती है।
- हिंदू मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जब भी सूर्य किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो यह समय धार्मिक कार्यों के लिए बेहद ही अनुकूल होता है।
- सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है तो इसे एक सौर माह कहा जाता है।
- सूर्य के गोचर को संक्रांति कहते हैं। ऐसे में सूर्य जिस राशि में भी गोचर करता है उसे उस संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ऐसे में जब अब सूर्य का गोचर मीन राशि में होगा तो इस मीन संक्रांति के नाम से जाना जाएगा।
- सूर्य जन्म कुंडली में पिता का प्रतिनिधित्व करता है और महिला की कुंडली में उनके पति के जीवन के बारे में संकेत देता है।
- अगर किसी व्यक्ति की सूर्य की महादशा चल रही होती है तो रविवार के दिन उन्हें विशेष फल प्राप्त होते हैं।
- सूर्य अनुकूल स्थिति में होता है तो ऐसे जातकों का स्वास्थ्य बेहद उत्तम होता है, व्यक्ति को मान सम्मान, उचित पद, सरकारी नौकरी आदि मिलती है। वहीं इसके विपरीत अगर कुंडली में सूर्य अनुकूल स्थिति में नहीं है तो जातकों को जीवन के तमाम मोर्चे पर कष्ट, परेशानियां, रुकावटें और बाधाएँ देखने को मिल सकती हैं।
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ज्योतिष में मीन राशि
वहीं ज्योतिष के अनुसार मीन राशि की बात की जाए तो यह राशि बेहद ही सौहार्दपूर्ण स्वभाव के लिए जानी जाती है। मीन राशि के जातक आकर्षक स्वभाव के होते हैं। हालांकि जीवन में कई चीजों के प्रति इनका लापरवाह दृष्टिकोण भी देखने को मिलता है। सफलता की बात करें तो मीन राशि के जातक आम तौर पर प्रदर्शन कला जैसे क्षेत्र में अपना करियर बनाने में कामयाब होते हैं। इसके अलावा ऐसे जातक बेहद ही रोमांटिक और भावुक स्वभाव के होते हैं।
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सूर्य का मीन राशि में गोचर
14 मार्च को सूर्य का मीन राशि में गोचर हो जाएगा। इसके बाद 12 अप्रैल तक सूर्य इसी राशि में रहेंगे और उसके बाद अगली राशि में गोचर कर जाएंगे। ऐसे में इसके प्रभाव की बात करें तो माना जा रहा है कि मीन राशि के जातकों के लिए यह गोचर बेहद ही सकारात्मक परिणाम लेकर आने वाला है। यह समय उनके लिए आत्मनिरपेक्ष निरीक्षण करने ध्यान करने और अपनी मानसिक क्षमताओं को समझने और उन्हें मजबूत करने के लिए बेहद ही कारगर साबित होगा।
जिन जातकों के जन्म कुंडली में मीन राशि मजबूत स्थिति में होती है उनके लिए यह गोचर अपनी इच्छा शक्ति और कार्य के प्रति धर्म संकल्प का अनुभव करने के लिए अनुकूल रहेगा। हालांकि अगर मीन राशि की स्थिति सही नहीं है तो ऐसे जातकों को भावनात्मक रूप से उतार-चढ़ाव और संशय की स्थिति का सामना भी करना पड़ सकता है। सूर्य का यह गोचर मीन राशि के जातकों के लोगों के जीवन में प्यार और दया के साथ-साथ प्रकृति और ईश्वर से जुड़ने का शानदार मौका लेकर आने वाला है।
इसके अलावा अन्य सभी राशियों के जातकों के जीवन पर भी इस गोचर का विशेष प्रभाव अवश्य देखने को मिलेगा। हालांकि यह प्रभाव कुंडली में सूर्य की स्थिति नक्षत्र और सूर्य और मीन की स्थिति के अनुरूप अलग-अलग होने की संभावना है।
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सूर्य ग्रह शांति मंत्र एवं उपाय
वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को नवग्रहों का राजा माना जाता है और कुंडली में इसकी मजबूत स्थिति व्यक्ति के जीवन में सफलता का मार्गदर्शन करती है। वहीं इसके अनुरूप अगर कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में ना हो तो जातकों को तमाम तरह की परेशानियां उठानी पड़ती है। यही वजह है कि इससे बचने के लिए ज्योतिष के जानकार सूर्य से संबंधित कुछ बेहद ही सरल उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।
- अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा लाल और केसरिया रंग शामिल करें।
- अपने पिता, पिता तुल्य लोगों, उच्च अधिकारियों का सम्मान करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें।
- सूर्य देव की पूजा करें।
- प्रभु श्री राम की पूजा करें।
- आदित्य हृदय स्त्रोत का जाप करें।
- मुमकिन हो तो रविवार के दिन उपवास शुरू कर दें।
- सूर्य से संबंधित चीजों का दान करें।
- रत्न धारण करना चाहते हैं तो आप किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लेकर माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं।
- इसके अलावा सूर्य ग्रह की शांति के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना भी विशेष फलदाई मानी जाती है। जड़ी की बात करें तो बेल मूल धारण करना सूर्य से संबंधित अनुकूल परिणाम दिला सकता है। रुद्राक्ष की बात करें तो सूर्य के लिए एक मुखी रुद्राक्ष और 12 मुखी रुद्राक्ष बेहद ही अनुकूल माने जाते हैं।
- इसके अलावा आप नियमित रूप से सूर्य के मंत्र ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः’ का जप करें। इससे भी आपको सूर्य से संबंधित अनुकूल परिणाम जीवन में नजर आने लगेंगे।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके बारहवें भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
सूर्य वृषभ राशि के जातकों के लिए चतुर्थ भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके ग्यारहवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे घर का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य प्रथम भाव अर्थात लग्न भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी है और इस दौरान आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य दशम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नवम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके चतुर्थ भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य आठवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके तीसरे …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके सप्तम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान दूसरे घर में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य छठे भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके प्रथम भाव अर्थात लग्न भाव में स्थित…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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