वैवाहिक जीवन में खुशियां बरक़रार रखने के लिए हरतालिका तीज पर करें ये ख़ास उपाय !

आने वाले 1 सितंबर को विशेष रूप से सम्पूर्ण उत्तर भारत में हरतालिका तीज का त्यौहार मनाया जाएगा। ये त्यौहार विशेष रूप से सुहागिन स्त्रियों के लिए ख़ासा मायने रखता है। इस दिन विवाहित स्त्रियाँ विशेष रूप से अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके साथ ही साथ हरतालिका तीज व्रत को खासतौर से वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि बनाये रखने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। आज हम आपको हरतालिका तीज के दिन किये जाने वाले कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से आप अपने वैवाहिक जीवन में खुशियों का समावेश बनाये रख सकते हैं। आइये जानते हैं इस दिन किये जाने वाले ख़ास उपायों के बारे में।

वैवाहिक जीवन में खुशियां लाने के लिए हरतालिका तीज के दिन करें ये ख़ास उपाय

  • इस दिन सुहागिन महिलाएं यदि चावल का खीर बनाकर पार्वती माता को भोग लगाएं और बाद में उस प्रसाद को अपने पति को खिलाएं और खुद अगले दिन उसी प्रसाद से व्रत खोलें तो ये विशेष लाभदायक सिद्ध हो सकता है। 
  • सुहागिन स्त्रियाँ इस दिन व्रत रखकर ग्यारह नवविवाहित महिलाओं को सोलह श्रृंगार और सुहाग की वस्तुएं उपहार स्वरुप भेंट करें। 
  • इस दिन सुबह स्नान ध्यान करने के बाद सुहागिन स्त्रियों को शिव मंदिर जाकर पार्वती और शिव जी की पूजा अर्चना कर उन्हें लाल रंग के फूल अर्पित करना चाहिए। 
  • इस दिन व्रती महिलाओं को विशेष रूप से पांच बुजुर्ग महिला को उपहार स्वरुप साड़ी और बिछिया भेंट करना चाहिए। ऐसा करने से विवाहित जीवन में सुख शांति बनी रहती है। 
  • हरतालिका तीज व्रत के दिन विशेष रूप से भगवान् शिव की शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से भी विशेष लाभ की प्राप्ति हो सकती है। 
  • पति पत्नी के बीच प्रेम बरक़रार रखने के लिए इस दिन विशेष रूप से पति अपनी पत्नी का मांग भरे और पूजा के दौरान उनकी सहायता करें। 
  • इस दिन माता पार्वती को बिछिया और सोने के नथ चढ़ाने से भी लाभ मिल सकता है। इस उपाय को करने से माता पार्वती से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। ‘
  • वैवाहिक जीवन में समन्वय बनाये रखने के लिए इस दिन पान का बीड़ा लगाकर उसे पहले शिव जी को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं और बाद में पति पत्नी आधा करके खाएं। इससे वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है। 
  • हरतालिका तीज व्रत गणेश चतुर्थी से ठीक एक दिन पहले आती है इसलिए इस दिन मुख्य रूप से माता पार्वती को प्रसाद के रूप में लड्डू चढ़ायें और दूसरे दिन गणेश जी की मूर्ति स्थापना के बाद उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।

बता दें की हरतालिका तीज व्रत जहाँ एक तरफ सुहागिन स्त्रियों के लिए ख़ासा मायने रखता है वहीं दूसरी तरफ इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रख सकती हैं। हरतालिका तीज व्रत का ख़ास संबंध माता पार्वती और शिव जी से है। चूँकि इस दिन पार्वती माता के कठोर तप के बाद शिव जी ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व हैं।