जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आने वाले 03 अगस्त को देश भर में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। राखी के त्यौहार को भाई-बहन के अटूट प्यार का पर्व माना जाता है। इस दिन हर बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और राखी बांधती हैं। राखी क्यों बाँधी जाती है इसके बारे में हमनें आपको अपने पिछले पोस्ट में भी बताया है। आज हम आपको रक्षाबंधन के दिन भाई के माथे पर तिलक लगाने के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं कि आखिर क्यों हर बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है। इसे क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है।
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भाई के माथे पर तिलक लगाने का महत्व
रक्षाबंधन का त्यौहार एक ऐसा दिन है जब भाई-बहन आपस में हज़ारों बार लड़ने झगड़ने के वाबजूद भी इस दिन खासतौर से एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम को जाहिर करते हैं और एक दूसरे को सम्मान देते हैं। हिन्दू धर्म में भाई दूज और रक्षाबंधन एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन हर बहन अपने भाई की रक्षा के लिए ईश्वर से आशीर्वाद मांगती है, और भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का प्रण लेते हैं। राखी के दिन खासतौर से भाई की कलाई पर राखी बाँधने के बाद बहनें माथे पर कुमकुम, चंदन या केसर से तिलक करती है और साथ ही चावल का प्रयोग भी करती हैं। बता दें कि भाई के माथे पर लगाये जाने वाला ये तिलक विशेष रूप से प्यार, सम्मान, विजय और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है।
तिलक हमेशा माथे के बीच में लगाया जाता है जिसे छठी इंद्री का स्थान भी कहा जाता है। इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी छुपे हैं जिसके तहत माथे के बीच में दवाब के साथ तिलक लगाने से याददाश्त में वृद्धि होती है और निर्णय लेने की प्रबल क्षमता आती है। इसके साथ ही माथे पर तिलक लगाने से व्यक्ति के बौद्धिक और तार्किक क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही बल और बुद्धि भी बढ़ती है।
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माथे पर तिलक लगाने का धार्मिक महत्व
सबसे पहले आपको बता दें कि माथे के बीच में जिस जगह पर तिलक लगाया जाता है उसे अग्नि चक्र कहते हैं। माना जाता है कि इसी जगह से पूरे शरीर में शक्ति और ऊर्जा का संचार होता है। इस जगह पर तिलक लगाने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। बहरहाल इसे धर्म से जोड़कर देखा जाय तो तिलक लगाने के उपरोक्त सभी लाभ एक भाई को समाज में उसकी बहन की रक्षा करने के लिए आवश्यक है। लिहाजा बहन द्वारा भाई के माथे पर तिलक लगाने को बेहद ख़ास माना गया है। इसका अर्थ ये हुआ कि बहन अपने भाई को उसकी रक्षा करने के लिए तैयार कर रही है। इसलिए रक्षाबंधन के दिन हर बहन अपने भाई के माथे पर कुमकुम या चंदन से तिलक करती है।
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तिलक में इसलिए किया जाता है चावल का प्रयोग
अब बात करें माथे पर तिलक के साथ चावल के दाने लगाने की तो, चावल को हिन्दू धर्म में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला सबसे पवित्र अन्न माना जाता है। मान्यता है कि तिलक के साथ कच्चे चावल का प्रयोग करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बुरी शक्तियां दूर रहती हैं।
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