बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर की शादी की ख़बरें इन दिनों मीडिया की सुर्खियाँ बटोर रही हैं। ख़बर है कि मई में सोनम कपूर अपने ब्वॉय फ्रैंड आनंद आहूजा से शादी करने जा रही हैं। दोनों ने लंदन में एक नया घर भी ख़रीद लिया है। बताया जा रहा है कि फिल्म एक्ट्रेस सोनम कपूर की शादी की बात तब से शुरु हो गई थी जब पिछले साल दिसंबर में विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की शादी हुई थी।
नीरजा फेम सोनम कपूर और आनंद आहुजा पिछले दो साल से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं और अब दोनों ने एक दूसरे के साथ शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया है। आनंद आहूजा एक बिजनेसमैन हैं और उन्हें भारत की मल्टीब्रांज स्नीकर कंपनी की स्थापना करने का श्रेय जाता है। एस्ट्रोसेज पर हम इस हाई प्रोफ़ाइल जोड़ी की कुंडली मिलान से जानेंगे दोनों के बीच का यह पवित्र रिश्ता कितना मजबूत है।
ग्रह नक्षत्रों से तय होती है वैवाहिक जीवन की राह
एस्ट्रोज द्वारा किया जा रहा सोनम कपूर और आनंद आहुजा की वैवाहिक कुंडली मिलान वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। इसके लिए सोनम और आनंद की नाम राशि को आधार माना गया है। यहाँ सोनम कपूर का नाम शतभिषा नक्षत्र में पड़ रहा है और इस नक्षत्र का स्वामी राहु ग्रह है। जबकि आनंद आहुजा का नाम कृत्तिका नक्षत्र में पड़ रहा है जिसका स्वामी सूर्य ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि सोनम-आनंद दोनों एक-दूसरे को समान रूप से समझेंगे तो यह शादी बहुत ही सफल होगी।
क्या कहता है सोनम-आनंद गुण मिलान?
सोनम कपूर और आनंद आहुजा की वैवाहिक कुंडली के लिए पहले यह जानना आवश्यक है कि सोनम कपूर और आनंद आहुजा की राशि क्या है? ज्ञात जन्म कुण्डली के अनुसार सोनम की लग्न राशि कुंभ है और आनंद की राशि मेष है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार राशियों का यह मेल उत्तम है। क्योंकि कुंभ राशि का स्वामी शनि है, जबकि मेष राशि का स्वामी मंगल है। दोनों ग्रहों का यह योग उन्नतिदायक होती है। इसलिए दोनों का यह बंधन अच्छा रहेगा।
कुंडली मिलान के अनुसार सोनम-आनंद दोनों ही रोमांटिक, महत्वाकांक्षी, विश्वास योग्य और ज़िद्दी स्वभाव के हैं। शादी के बाद दोनों के रिश्ते में ऊर्जा संचार होता रहेगा। परंतु यदि दोनों के बीच किसी प्रकार का मतभेद होता है तो विवाद का दायरा भी बढ़ेगा। यद्यपि उनके इस रिश्ते की शुरुआत चुंबकीय शक्ति की तरह हुई है। लेकिन आगे चलकर दोनों के इस रिश्ते में उतार-चढ़ाव आ सकता है। यदि दोनों को अपने वैवाहिक जीवन को सुखी बनाना है तो उन्हें इन ज्योतिषीय तथ्यों पर अवश्य ग़ौर करना चाहिए। बहरहाल, दोनों के बीच का यह रिश्ता अच्छा है।
विवाह से मिलेगी सफलता और समृद्धि
यदि हम सोनम-आनंद के अष्टकूट गुण मिलान की बात करें तो, उन दोनों के 36 गुणों में 28 मिल रहे हैं जो कि ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह के लिए बहुत ही शुभ स्थिति है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार आनंद आहुजा की कुंडली में आंशिक मंगल दोष है। जबकि सोनम कपूर में इस तरह का कोई दोष नहीं है। इसलिए इन दोनों की जोड़ी एक अच्छी जोड़ी हो सकती है। लेकिन आंशिक मंगल दोष के कारण वैवाहिक जीवन में इन्हें कुछ दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है।
सोनम कपूर और आनंद आहुजा की वैवाहिक कुंडली
आनंद आहुजा |
सोनम कपूर |
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नक्षत्र | चरण | राशि | नक्षत्र | चरण | राशि |
कृत्तिका | 1 | मेष | शतभिषा | 2 | कुंभ |
गुण मिलान
गुण | वर | कन्या | अधिकतम प्राप्त संख्या | प्राप्त संख्या | जीवन क्षेत्र |
वर्ण | क्षत्रिय | शूद्र | 1 | 1 | कार्य |
वश्य | चतुष्पद | मानव | 2 | 1 | प्रभाव |
तारा | प्रत्यरी | मित्र | 3 | 1.5 | भाग्य |
योनि | मेष | अश्व | 4 | 3 | मानसिकता |
मैत्री | मंगल | शनि | 5 | 0.5 | अनुकूलता |
गण | राक्षस | राक्षस | 6 | 6 | गुण स्तर |
भकूट | मेष | कुंभ | 7 | 7 | प्रेम |
नाड़ी | अंत | आदि | 8 | 8 | स्वास्थ्य |
आनंद आहुजा और सोनम कपूर के बीच अष्टकूट गुण मिलान संख्या है: 28/36
निष्कर्ष: यहाँ पर दोनों के फलादेश में मंगल दोष की भिन्नता है। ऐसे में इस मंगल दोष के उपाय हेतु सोनम कपूर और आनंद आहुजा को शादी से पूर्व किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लेना लाभकारी रहेगा।
क्यों ज़रुरी है शादी के लिए कुंडली मिलान?
वर्ण
यहाँ पर वर का वर्ण क्षत्रिय है जबकि कन्या शूद्र वर्ण से आती है। वर्ण का स्वभाव उदार होगा और वह अपने परिवार के प्रति समर्पित होगा। जीवन में ख़ुशियों की ओर उसका झुकाव रहेगा। वहीं वर्ण के अनुसार कन्या घरेलू कार्य में बहुत ही मेहनती होगी। वह प्रत्येक दिन घरेलू कार्यों में रचनात्मक दिखेंगी। वर कन्या की ऊर्जा और कार्य क्षमता की प्रशंसा करेगा और घर के कामकाज व पारिवारिक मुद्दों में उसको सलाह भी देगा। हम कह सकते हैं दोनों के बीच यह गठजोड़ बढ़िया होगा।
वश्य
यहाँ वर के लिए वश्य चतुष्पद है जबकि कन्या मानव वश्य से संबंध रखती है। दोनों का यह मेल सामान्य है। हालाँकि दोनों के बीच अहंकार का टकराव संभव है और इससे उनके वैवाहिक जीवन की ख़ुशियाँ प्रभावित होंगी। वर-वधु दोनों ही जिद्दी स्वभाव के हैं और दोनों ही एक-दूसरे में कमियाँ ढूंढने का प्रयास करेंगे। दोनों के बीच यह पक्ष भी विवाद कारण बन सकता है। कन्या को वर के साथ समायोजन करने में थोड़ी समस्या हो सकती है। हालाँकि यदि दोनों के गुण मिलान अच्छे हैं तो वैवाहिक जीवन भी अच्छा चलेगा।
तारा
यहाँ वर का संबंध प्रत्यरी तारा से है जबकि कन्या का तारा मित्र है। यह स्थिति उनके रोमांस पक्ष में उतार-चढ़ाव लाएगी। दोनों के बीच रिश्ता बना रहेगा लेकिन उसमें प्रेम की मिठास नहीं होगी। कई बार ऐसा होगा कि कन्या के अंदर भावनाओं का विशाल ज्वार भाटा हिलौरे लेगा लेकिन वर इस बात बात को नहीं समझेगा। यदि वर के द्वारा कन्या को पूरा सहयोग प्राप्त होता है तो कन्या अपने कंधों पर घर की पूरी जिम्मेदारी को आसानी से उठा सकती है। इसलिए वर को कन्या की भावनाओं की कद्र करना चाहिए और उनकी ओर ध्यान भी देना।
योनि
यहाँ वर की योनि मेष है जबकि कन्या अश्व योनि से संबंध रखती है। यह दो अलग व्यक्तित्वों के बीच बढ़िया तालमेल को दर्शाता है। दोनों के बीच अच्छा तालमेल और सामंजस्य देखने को मिलेगा। दोनों के बीच प्यार और सकारात्मकता का भाव दिखेगा। इसमें वर अनुशासित रहेगा और वह कन्या के लिए एक सहयोगी और सच्चे पार्टनर की भूमिका निभाएगा। वहीं कन्या वर का साहस और आत्मविश्वास बनकर उसके साथ खड़ी होगी। शारीरिक रूप से भी वर-वधु के बीच अच्छी अनुकूलता दिखेगी।
राशि के स्वामी
यहाँ पर वर की राशि का स्वामी मंगल है और कन्या की राशि का स्वामी शनि है। दोनों ग्रहों का यह संयोग ज्यादा अनुकूल नहीं है। इससे वर-वधु एक-दूसरे के प्रति अधिक आकर्षित होंगे। लेकिन दोनों के बीच समानता नहीं होगी। ऐसे में एक-दूसरे को समझना थोड़ा मुश्किल होगा और दोनों के बीच मतभेद पैदा होंगे। वर वधु की अपेक्षाओं को निभाने में असफल रह सकता है। यदि वर और कन्या को अपने रिश्ते में प्रेम और सामंजस्य बनाए रखना है तो उन्हें इसके लिए ख़ूब प्रयास करने होंगे। हालाँकि यदि अन्य गुणों का मिलान भलिभांति हो रहा है तो यह जोड़ी शादी योग्य होगी।
गण
कन्या और वर दोनों का संबंध राक्षस गण से है। इस कारण वर-वधु एक-दूसरे का सहयोग करेंगे और एक-दूसरे को भी समझेंगे। सिद्धांत, नैतिक और दार्शनिक रूप से दोनों के बीच बढ़िया तालमेल दिखाई देगा। दोनों ही कर्म पर भरोसा करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर एक-दूसरे की सहायता के लिए तत्पर रहेंगे।
भटकूट
यहाँ पर वर की राशि मेष है और कन्या कुंभ राशि की है। राशियों का संयोग बहुत ही उत्तम है। ऐसे में वर-वधु दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझेंगे। कन्या वर का पूरा ख़्याल रखेगी और वर भी वधु को बहुत प्रेम करेगा। यदि शनि और मंगल कुण्डली में शुभ स्थान पर नहीं होंगे तो यह समस्या का विषय होगा। विवाह के पश्चात कन्या वर के लिए अच्छी सलाहकार और सहयोगी होगी। राशियों का यह संयोग इनके घरेलू और रोमांटिक पक्ष को अच्छा बनाएगा।
नाड़ी
वर की नाड़ी अंत्य है और कन्या आदि नाड़ी से संबंध रखती है। गुण मिलान की दृष्टि से यह योग बहुत शुभ है। जीवन में कन्या और वर एक दूसरे को प्रेरित करते रहेंगे और लक्ष्य को पाने में एक दूसरे का पूरा सहयोग करेंगे। सामाजिक सुधारों और धर्म जैसे विषयों में दोनों रुचि लेंगे। एक-दूसरे के अलावा वे अन्य लोगों को भी आसानी से समझेंगे।