बुद्धि का कारक ग्रह बुध अगस्त के महीने में वक्री होने जा रहा है अर्थात उल्टी गति से चलने वाला है। स्वाभाविक सी बात है बुध ग्रह का वक्री होना सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर गहरा असर डालेगा। अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं वक्री बुध का राशि अनुसार प्रभाव, इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के उपाय, वक्री बुध का समय, और वक्री बुध का अर्थ।
सबसे पहले बात करें समय की तो, बुध ग्रह 24 अगस्त 2023 को रात 12:52 पर सिंह राशि में वक्री होने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को राजकुमार की उपाधि दी गई है। साथ ही यह व्यक्ति की बुद्धि, सोचने समझने की क्षमता, बात करने की कला, संचार कौशल, का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा बुध ग्रह चंद्रमा के बाद सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह भी माना गया है। वहीं बात करें सिंह राशि की तो यह राशि चक्र की पांचवी राशि है जो सरकार, प्रशासन, स्वाभिमान, महत्वाकांक्षा का प्रतिनिधित्व करती है। यह स्वभाव से पुरुष राशि है ऐसे में सिंह राशि में बुध का वक्री होना जातकों के जीवन में ढेरों उतार-चढ़ाव की वजह बन सकता है। अपनी राशि पर बुध गोचर का विस्तृत प्रभाव जानने के लिए आर्टिकल अंत तक पढ़ें।
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वक्री बुध का प्रभाव
वक्री बुध के प्रभाव स्वरूप जातकों के जीवन में ढेरों अप्रत्याशित परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। इस अवधि में जातक कई अनचाहे निर्णय ले सकते हैं जिसकी वजह से भविष्य में उन्हें परेशानी उठानी पड़ सकती है। इसके अलावा वक्री बुध के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति के आचरण में अचानक से बदलाव देखने को मिल सकता है। इस समय में जातकों की भावनाओं में बदलाव के साथ उनकी बुद्धि, वाणी, अभिव्यक्ति, शिक्षा, में भी परिवर्तन नजर आते हैं। बुध वक्री होने पर अपनी दशा में लेखन कार्यों की ओर व्यक्ति का रुझान बढ़ाता है। इसके अलावा वक्री बुध व्यक्ति के अंदर झुंझलाहट की वजह बन सकता है। विशेष तौर पर जो जातक मीडिया और संचार के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उन्हें बुध की वक्री गति का अत्यधिक प्रभाव देखने को मिलता है।
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बुध वक्री का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह प्रभावी या मजबूत स्थिति में है और तब वक्री होते हैं तो ऐसे जातकों को बुध का वक्री होना तार्किक बनाता है, इनकी मानसिक शक्ति मजबूत होती है, और यह अपने फैसले लेने में ज्यादा सक्षम होते हैं। वहीं अगर कुंडली में बुध पहले से कमजोर होकर वक्री हो रहा है तो ऐसे जातकों को ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे जातक अपनी बात दूसरों के सामने सही ढंग से प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें तमाम परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।
खगोलीय दृष्टि से बुध ग्रह के वक्री होने का अर्थ
ज्योतिष के अनुसार जब कोई ग्रह अपनी सीधी चाल की बजाय उल्टी गति से चलता है तो इसे वक्री होना कहते हैं। अक्सर ग्रहों की वक्री चाल होती नहीं है यह केवल प्रतीत होती है कि कोई ग्रह आगे चलने के बजाय पीछे की ओर चल रहा है। इसे ही ग्रहों का वक्री होना कहा जाता है। बात करें बुध ग्रह की तो यह हर 1 वर्ष में कम से कम तीन से चार बार वक्री होता है।
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जन्म कुंडली में बुध के वक्री होने का अर्थ
जातक की जन्म कुंडली में बुध वक्री दो अवस्थाओं में वर्णित किए गए हैं। अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध वक्री अवस्था में हो तो यह व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करते हैं। ऐसे जातकों को घर, कारोबार, नौकरी में सफलता, मिलती है। वहीं जिन जातकों की जन्म कुंडली में बुध वक्री बुरी अवस्था में हो तो उन्हें बुरे फलों की प्राप्ति होती है। जैसे उन्हें अचानक से धन हानि का सामना करना पड़ता है, दांपत्य जीवन में कलह का सामना करना पड़ता है, साथ ही ऐसे व्यक्तियों का मानसिक और शारीरिक कष्ट भी उठाने पड़ते हैं।
बात करें वक्री बुध की तो वह बुध का वक्री होना आम तौर पर नवीनता का कारक माना गया है। ऐसे में इस दौरान नई योजनाएं बनाना, कोई नया काम करना, किसी बारे में दोबारा से विचार करना, अपने जीवन में नए मूल्यांकन करने, के लिए यह समय एकदम शुभ होता है। इसके अलावा यह समय कर्ज चुकाने, किसी कागजी कार्यवाही को पूरा करने, या फिर अपने वादों को पूरा करने के लिए भी शुभ समय माना जाता है।
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वक्री बुध के उपाय
- बुध वक्री होने पर जातकों के जीवन में नकारात्मक प्रभाव ना पड़े ऐसे में आपको स्वर्ण वस्तुओं का दान करना चाहिए।
- इसके अलावा अगर आप हरी वस्तुओं का दान करते हैं तो भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- मुमकिन हो तो बुधवार के दिन व्रत करें।
- गाय और कुत्ते को ताजे भोजन कराएं।
- बुधवार के दिन भगवान गणेश के मंदिर जाकर उनकी पूजा करें और उन्हें लड्डू का भोग लगाएं।
- जिस राशि में बुध वक्री होता है उस राशि के जातकों को मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
- तुलसी के पौधे का दान करने से भी वक्री बुध के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
- बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करने से भी वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव जीवन से दूर होते हैं।
- इसके अलावा भगवान शिव की पूजा करने से भी वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव जीवन से दूर होने लगते हैं।
- छोटी कन्याओं को खाना खिलाएँ और उनकी सेवा करें।
- किसी मंदिर में जाकर चने की दाल एवं पीला वस्त्र दान करें, गले में चांदी धारण करें, इनसे भी बुध के शुभ प्रभाव जीवन में मिलते हैं।
अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वक्री बुध के राशि अनुसार उपाय और प्रभावों की विस्तृत जानकारी।
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सिंह राशि में वक्री बुध: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, प्रेम संबंधों, संतान के भाव में होगा और यह….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके चौथे भाव यानी कि माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन, संपत्ति के भाव में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके तीसरे भाव यानी कि भाई-बहनों, शौक, कम दूरी की यात्रा, संचार कौशल….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके दूसरे भाव यानी कि परिवार, बचत और वाणी के भाव में होगा। इसके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव दोनों आर्थिक भावों के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके लग्न भाव में होगा। इस दौरान आपको धन से जुड़ी….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध दसवें और लग्न भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके बारहवें भाव यानी कि विदेशी भूमि, पृथक्करण, अस्पतालों, व्यय और….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बुध बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहनों और चाचा….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्यारहवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके दसवें भाव यानी कि पेशे और कार्यस्थल के भाव में होगा। इस….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके नौवें भाव यानी कि धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा और भाग्य….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके आठवें भाव यानी कि दीर्घायु, अचानक होने वाली घटना और गोपनीयता….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके सातवें भाव यानी कि जीवनसाथी और बिज़नेस पार्टनरशिप के….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। बुध सिंह राशि में वक्री आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, रोग, प्रतिस्पर्धा और चाचा के भाव में होगा। छठे….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
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