हिन्दू धर्म में विशेष रूप से आज 10 जुलाई के दिन की ख़ास अहमियत है। आज का दिन ख़ास इसलिए है क्योंकि आज भड़ली नवमी है। इस दिन को खासतौर से विवाह बंधन में बंधने के लिए ख़ास माना जाता है। आज इस लेख के ज़रिये हम आपको भड़ली नवमी के महत्व और इस दिन से जुड़ी कुछ अहम बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही साथ आपको बताएंगे की आखिर आज का दिन विवाह के लिए क्यों ख़ास है।
भड़ली नवमी का महत्व
आज बुधवार 10 जुलाई को भड़ली नवमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दिन का संबंध जगत के कर्ता धर्ता भगवान् श्री विष्णु से है। हिन्दू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भड़ली नवमी का भी उतना ही महत्व है जितना की अक्षय तृतीया का। ये दिन खासतौर से विवाह के लिए विशेष मायने रखता है, चूँकि आज का मुहूर्त अबूझ मुहूर्त कहलाता है इसलिए आज किसी भी समय विवाह संपन्न करवाया जा सकता है। इस दिन बिना मुहूर्त देखें ही विवाह की रस्म संपन्न करवाई जा सकती है। इस दिन का महत्व इसलिए भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि आज से दो दिन के बाद देवशयनी एकादशी है और उस दिन से भगवान् विष्णु आने वाले चार महीनों तक निंद्रा अवस्था में रहेंगे। इसलिए आज के दिन ही सभी शुभ कार्यों को संपन्न कर लिया जाता है क्योंकि देवशयनी एकादशी के बाद अगले चार महीनों तक कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं किया जाता है।
इस दिन विवाह बंधन में बंधना क्यों है ख़ास
आपको बता दें की भड़ली नवमी के दिन बिना मुहूर्त निकालें ही विवाह संपन्न करवाया जा सकता है। इस दिन विशेष रूप से उन लोगों का विवाह संपन्न करवाया जा सकता है जिनकी शादी के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाने में परेशानी आती है। मान्यता है की आज के दिन विवाह बंधन में बंधने से वैवाहिक जीवन सुखमय बीतता है और किसी प्रकार की समस्या नहीं आती। चूँकि भड़ली नवमी के बाद अगले चार महीनों तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं आता इसलिए भी आज के दिन विवाह संपन्न करवाना महत्वपूर्ण माना जाता है।
आज के दिन भगवान् विष्णु की विशेष पूजा अर्चना कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है कि वे आने वाले चार महीनों में निंद्रा अवस्था में होते हुए भी अपनी कृपा भक्तों पर बनाये रखें। भड़ली नवमी को भड़ल्या नवमी के नाम से भी जाना जाता है।