शुक्र तारा उदय की बात करें तो समस्त सुखों के कारक शुक्र ग्रह 14 जनवरी 2022 को उदय होने जा रहे हैं और इसी के साथ समस्त शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे। अपने इस लेख में एस्ट्रोसेज के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ. मृगांक आपको बता रहे हैं कि शुक्र के उदय होने से क्या क्या परिवर्तन हो सकते हैं और इससे आपका जीवन किस प्रकार से प्रभावित हो सकता है। इस बात की संपूर्ण जानकारी लेने के लिए आप इस लेख को पूर्ण रूप से पढ़ सकते हैं।
जानिए वैदिक ज्योतिष अनुसार ग्रहों की उदय स्थिति क्या होती है? साथ ही शुक्र देव का उदय अवस्था में आना आपके जीवन में कैसे परिवर्तन लेकर आएगा और आपको अपनी कुंडली में शुक्र को मजबूत करते हुए उसके अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए क्या कुछ कारगर उपाय करने चाहिए? आज आप इस लेख के माध्यम से अपने इन सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर सकेंगे।
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वैदिक ज्योतिष में अस्त का अर्थ
कोई भी ग्रह जब अस्त होता है तो उसकी फल देने की क्षमता में कमी आ जाती है और वह आपने मूल कारकत्वों का परित्याग भी कर सकता है। सूर्य एक परम तेजस्वी ग्रह है और इसलिए जब भी कोई ग्रह सूर्य के निकट आता है तो वह सूर्य के प्रभाव से पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से प्रभावित हो ही जाता है। यही वजह है कि जब भोर का तारा कहा जाने वाला शुक्र ग्रह सूर्य ग्रह के निकट आता है तो विशेष परिस्थिति में सूर्य की आभा के समक्ष शुक्र की कांति मद्धिम पड़ जाती है और वह आकाश में पूर्ण रूप से दृष्टिगोचर नहीं होता। इसी स्थिति को ज्योतिष में ग्रह का अस्त होना कहा जाता है और जब इस स्थिति से वह ग्रह बाहर निकल जाता है तो उसे ग्रह का उदय होना कहा जाता है।
वर्ष 2022 की बात करें तो इसी वर्ष 2022 की शुरुआत में शुक्र महाराज सूर्य के समीप आकर अस्त हो चुके हैं और यह स्थिति 4 जनवरी 2022 को घटित हुई और तब से शुक्र तारा अस्त है लेकिन अब 14 जनवरी 2022 को यही शुक्र तारा उदय होगा और अस्त अवस्था से बाहर निकल जाएगा। यह स्थिति गुरु बृहस्पति द्वारा शासित धनु राशि में बनेगी।
ऐसी स्थिति में जब शुक्र ग्रह उदय अवस्था में आ जाएंगे तो उनकी अस्त अवस्था में जो परिणाम देने की क्षमता कम हो गई थी, वह अब पुनः बढ़ने लगेगी और वह अपने कारकत्वों के अनुसार शुभाशुभ परिणाम देने शुरू कर देंगे। यदि हम उदाहरण स्वरूप देखें तो शुक्र ग्रह भौतिक सुखों और प्रेम का प्रतीक है। सूर्य के समक्ष आकर शुक्र की शक्ति कम हो जाती है जिस वजह से दांपत्य जीवन में अथवा प्रेम संबंधों में कमी और नीरसता आ सकती है या फिर वह संबंध विच्छेद हो सकते हैं लेकिन शुक्र ग्रह के उदय अवस्था में आ जाने से धीरे-धीरे उन संबंधों में फिर से प्रेम और आकर्षण की बढ़ोतरी होने से रिश्ते बच सकते हैं और समस्याओं में कमी आ सकती है।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह
यदि वैदिक ज्योतिष की बात करें तो शुक्र ग्रह को नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह माना जाता है और उनकी दृष्टि भी अनुकूल मानी जाती है। शुक्र ग्रह भोग और विलास के कारक होने के साथ-साथ जीवन के सभी भौतिक सुखों को प्रदान करने वाले ग्रह माने जाते हैं और वर्तमान अर्थात कलयुग में तो शुक्र का प्रभाव सभी जगहों पर विभिन्न रूपों में दिखाई देता है। प्रेम का उद्भव भी शुक्र ग्रह के द्वारा ही होता है और संतान प्राप्ति के लिए वीर्य भी शुक्र ही प्रदान करते हैं। ऐसे में जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत अवस्था में होती है, उसके शरीर की कांति बहुत उज्जवल होती है और वह अपने जीवन में सभी प्रकार के सुखों का आनंद लेता है। वह शौकीन स्वभाव के भी हो सकते हैं और अच्छा जीवन व्यतीत करते हैं लेकिन यदि शुक्र पीड़ित हो तो यौन रोगों से ग्रसित होकर परेशान भी हो सकते हैं और आर्थिक तंगी का शिकार भी हो सकते हैं जिससे उनकी सुखों में कमी देखी जा सकती है।
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14 जनवरी 2022 को धनु राशि में शुक्र तारा उदय
शुक्र तारा उदय की बात करें तो इसी वर्ष 4 जनवरी 2022 को प्रातः काल 7:44 पर धनु राशि में शुक्र देव अस्त अवस्था में आ गए थे जो कि अब 14 जनवरी 2022 को प्रातः काल 5:29 बजे धनु राशि में ही अपनी अस्त अवस्था को समाप्त करते हुए उदय अवस्था में आ जाएंगे और इसे ही शुक्र उदय या शुक्र तारा उदय कहेंगे।
ऐसी स्थिति में जब शुक्र उदय होंगे तो वह देव गुरु बृहस्पति के आधिपत्य वाली धनु राशि में उपस्थित होंगे। धनु राशि स्वयं एक अग्नि तत्व की राशि है, जो देव गुरु बृहस्पति का प्रभाव लिए हुए है। ऐसे में शुक्र ग्रह का इस राशि में उदय होना सांसारिक सुखों को बढ़ाने वाला होगा और विभिन्न लोगों के लिए विवाह कार्यक्रमों की शुरुआत का समय बन सकता है।
बृहस्पति तारा उदय की ही भांति शुक्र तारा उदय को भी बहुत महत्व दिया जाता है क्योंकि बृहस्पति और शुक्र दोनों ही ग्रहों की अस्त अवस्था में विवाह आदि मांगलिक कार्यक्रम संपन्न नहीं किए जाते बल्कि उनके उदय होने की अवस्था में ही उन्हें संपादित किया जाता है। ऐसे में अब शुक्र के उदय होने से वैवाहिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे और चारों ओर बैंड बाजे की ध्वनि सुनाई देने लगेगी।
मेष
मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि अग्नि तत्व की राशि है। वहीं मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और इस अवधि में शुक्र आपके नवम भाव में उदय हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने दांपत्य जीवन में अनुकूल परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। जीवन साथी के माध्यम से भाग्य वृद्धि के योग बनेंगे। आप की यात्राएं काफी होंगी। कुछ खूबसूरत स्थानों पर भी घूमने फिरने जाने के योग बनेंगे। परिवार या जीवन साथी को साथ लेकर भी किसी जगह पिकनिक करने या दूर घूमने जा सकते हैं। आर्थिक रूप से यह समय अनुकूलता देगा। आपके प्रयासों से धन वृद्धि होगी और आप अपनी जमा पूंजी को किसी अच्छे कार्य में लगा सकते हैं। लोगों की भलाई का कोई कार्य कर सकते हैं जिससे ना केवल आपका मान-सम्मान बढ़ेगा बल्कि आपके सामाजिक स्तर में भी बढ़ोतरी होगी। सामाजिक रुप से आप काफी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में स्थानांतरण के योग बन सकते हैं।
उपायः शुक्रवार के दिन छोटी कन्याओं के चरण छूकर आशीर्वाद लेने से आपको लाभ होगा।
वृषभ
वृषभ पृथ्वी तत्व की राशि होती है, जिसके स्वामी ग्रह स्वयं शुक्र होते हैं। इसके अलावा शुक्र देव आपके छठे भाव का स्वामित्व भी रखते हैं और आपके आठवें भाव में उदय हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक रूप से काफी सजग रहना होगा। आप चोरी-छिपे कुछ खर्च करेंगे जो संभवतः कुछ अच्छे कार्यों पर नहीं होंगे इसलिए आपको अपनी सामाजिक छवि के प्रति भी जागरूक रहना चाहिए क्योंकि गलत कामों में संलिप्त होने के कारण आप की छवि दागदार हो सकती हैं। इसके प्रति सावधानी बरतें। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है इसलिए अपने खानपान की आदतों में बदलाव करें और अत्यधिक भोग विलास से संबंधित क्रियाकलापों में संलग्न न रहें क्योंकि ऐसा करना आपको रोगी बना सकता है। यदि आप शादीशुदा हैं तो ससुराल पक्ष से आर्थिक लाभ होने के योग बनेंगे और ससुराल में किसी शादी फंक्शन में जाने का मौका मिल सकता है। अच्छे खानपान से आप अच्छा महसूस करेंगे। इस दौरान आपके अंतरंग संबंधों में बढ़ोतरी होगी।
उपाय: आप को शुक्रवार के दिन सफ़ेद घोड़े को चने की दाल खिलानी चाहिए।
मिथुन
मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं और यह वायु तत्व की राशि होती है। इसके अलावा शुक्र, बुध के मित्र ग्रह हैं और वे मिथुन राशि के पांचवें भाव और बारहवें भाव का स्वामित्व रखते हैं। शुक्र मिथुन राशि के सातवें भाव में उदय हो रहे हैं। ऐसे में शुक्र का ये प्रभाव आपके दांपत्य जीवन को मुख्य रूप से प्रभावित करेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा और उनसे आपके संबंध मजबूत होंगे। रिश्ते में प्रेम और आकर्षण की बढ़ोतरी होगी। यदि आप व्यापार करते हैं तो यह समय व्यापारिक समझौतों के लिए अनुकूल रहेगा। हालांकि शुक्र के वक्री होने से आपको अधिक प्रयास करने के बाद ही सफलता मिलेगी, फिर भी आप शुक्र के उदय होने से काफी अच्छी स्थिति में आ सकते हैं। यदि आप अभी सिंगल है और किसी से प्रेम करते हैं तो आप उनसे विवाह करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। विदेश जाकर या किसी विदेशी जीवनसाथी को पाने का सपना पूरा हो सकता है। विदेश यात्रा के योग भी बन सकते हैं।
उपाय: आपको शुक्रवार के दिन दही का सेवन करना चाहिए और किसी भी शुभ काम से पूर्व घर से दही और चीनी खाकर निकलना चाहिए।
कर्क
कर्क चंद्रमा के आधिपत्य वाली जल तत्व की राशि है। कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके चौथे व ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र उदय होते हुए इस अवधि में आपके छठे भाव यानी ऋण, रोगों और प्रतिस्पर्धा के भाव में उपस्थित हैं। ऐसे में शुक्र की कृपा से आपके कुछ रुके हुए काम बनेंगे, जो काम लंबे समय से अटके हुए थे, वे अब होने शुरू हो जाएंगे जिससे आपको राहत की सांस मिलेगी। यदि आप नौकरी करते हैं तो आपको इस दौरान अपने प्रयासों का पूरा फल मिलेगा लेकिन पारिवारिक सुख में कुछ कमी हो सकती है। परिवार में किसी तरह का वाद विवाद जन्म ले सकता है और आपकी आमदनी में कुछ गिरावट भी आ सकती है। इसके अतिरिक्त आपको एक बात का खास ख्याल रखना होगा कि इस अवधि में आपके खर्चों में अत्यधिक बढ़ोतरी होगी जो आपके बजट को भी बिगाड़ कर रख सकती है इसलिए थोड़ा सा सावधानी के साथ धन का उपयोग करना आवश्यक होगा।
उपाय: आपको शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर चावल की खीर अर्पित करनी चाहिए।
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सिंह
सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और ये राशि अग्नि तत्व की राशि होती है। सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके भाई-बहनों के तीसरे भाव व करियर के दसवें भाव को नियंत्रित करते हैं और वर्तमान समय में शुक्र ग्रह आपकी राशि से पंचम भाव में उदय होंगे। ऐसे में इस कारण आपको प्रेम संबंधों में अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद करनी चाहिए। यदि आप पहले से किसी रिश्ते में हैं और उस में तनाव चल रहा था तो वह तनाव दूर हो जाएगा और आपके बीच की दूरियां कम होकर रिश्ते में प्रेम और आकर्षण की बढ़ोतरी होगी। यदि आप अभी तक सिंगल थे तो आपके जीवन में किसी खास व्यक्ति की दस्तक हो सकती है जिससे आपका प्रेम परवान चढ़ सकता है। यदि आप कोई विद्यार्थी हैं तो यह समय आपको शिक्षा में मदद करेगा लेकिन आपका ध्यान भटक भी सकता है इसलिए आपको एकाग्रता बढ़ाने पर जोर देना होगा, फिर भी आपके अंदर ज्ञान की बढ़ोतरी होगी। आपका मन मनोरंजन के साधनों में भी अधिक लगेगा और कुछ नया सुविधाजनक खरीदने की इच्छा होगी। आर्थिक तौर पर यह समय अच्छा रहेगा। आपके प्रयासों से आप अपने काम में मजबूती हासिल करेंगे लेकिन इस दौरान नौकरी बदलने के योग भी बन सकते हैं।
उपाय: आपको प्रतिदिन दुर्गा जी के किसी मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए।
कन्या
कन्या राशि पृथ्वी तत्व की राशि है जिसके स्वामी बुध ग्रह हैं। वहीं कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके दूसरे और नौवें भाव के स्वामी होते हैं और उनके घरेलू सुख और संपत्ति के चौथे भाव में उदय होंगे। इसके परिणाम स्वरूप आपके सुखों में बढ़ोतरी होगी और भौतिक सुख साधनों में बढ़ोतरी होने से मन में खुशी की भावना होगी। परिवार में अच्छे कार्यक्रम संपन्न होंगे। कोई पूजा पाठ या खुशखबरी की कोई बात आ सकती है जिससे परिवार में उत्सव का माहौल रहेगा। आपसी समन्वय बढ़ेगा। आप अपने परिवार की खुशी के लिए कुछ खर्चे भी करेंगे। इस दौरान कोई प्रॉपर्टी खरीदने की भी संभावना बन सकती है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी। परिवार में कोई नया अप्लायंसेज लेकर आ सकते हैं। आप घर के रिनोवेशन पर भी खर्च कर सकते हैं। भाग्य का मजबूत साथ मिलने से कार्य क्षेत्र में भी सफलता मिलेगी और आप कोई नया वाहन भी खरीद सकते हैं। यह समय आपकी आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी के साथ-साथ मानसिक संतुष्टि प्रदान करेगा और आपको खुशी की भावना महसूस होगी।
उपाय: आपको अपनी बुआ जी या बहन को कोई हरे रंग का वस्त्र अथवा चूड़ियां भेंट करनी चाहिए।
तुला
तुला वायु तत्व की राशि है जिसके स्वामी शुक्र देव हैं। इसके अलावा शुक्र देव आपके अष्टम भाव पर भी स्वामित्व रखते हैं और वर्तमान समय में आपके तृतीय भाव में उदय हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपके साहस और पराक्रम में बढ़ोतरी होगी। आप कम्युनिकेशंस को और भी अच्छे तरीके से आगे बढ़ाएंगे। दोस्तों के साथ सामंजस्य बढ़ेगा और उनके साथ मौज मस्ती करने के अवसर मिलेंगे। आप अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से खूब मेल मुलाकात करेंगे और किसी के खास बन सकते हैं। इस दौरान आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए उनके प्रति सचेत रहें और कोई भी ऐसा कार्य न करें, जो आपको बीमार बना सके। अपने भाई बहनों की मदद करने का कोई अवसर आपके सामने आ सकता है, तो ऐसे में उनकी मदद अवश्य करें। यदि आप नौकरी करते हैं तो अपने साथ काम करने वाले लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने से शुक्र का अच्छा परिणाम आपको प्राप्त होगा और आप जीवन में आगे बढ़ेंगे।
उपायः आपको शुक्र ग्रह के किसी भी मंत्र का जाप करना चाहिए और यह शुक्रवार से शुरू करके प्रतिदिन 108 बार करना चाहिए।
वृश्चिक
वृश्चिक जल तत्व की राशि है, जिसके स्वामी मंगल ग्रह हैं। इसके अलावा शुक्र आपके बारहवें भाव व सातवें भाव को नियंत्रित करते हैं और आपके संचित धन और संपत्ति के दूसरे भाव में उदय हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको अच्छे भोजन का स्वाद मिलेगा। घर में पकवान बनेंगे, जिनका आप आनंद लेंगे। घर में कोई बड़ा फंक्शन हो सकता है। किसी की शादी या किसी की जन्मदिन की पार्टी हो सकती है जिससे घर में मेहमानों का आवागमन होगा और घर में खुशी का माहौल रहेगा। आपकी वाणी में मिठास रहेगी और आप सबसे मीठा बोलेंगे। इससे आप लोगों के प्रिय बनेंगे। जीवन साथी के स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आ सकती है लेकिन जीवनसाथी के माध्यम से आपको धन लाभ होने के योग बनेंगे। यदि आप व्यापार करते हैं तो आपका व्यापार अच्छी स्थिति में आएगा जिससे आप धन संचय कर पाने में भी सफल होंगे। हालांकि आपके बिजनेस पार्टनर से आपके संबंध बनते बिगड़ते रह सकते हैं इसलिए उनसे थोड़ा अच्छे से पेश आने की कोशिश करें। विदेशी माध्यमों से या और किसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वालों को अच्छा वेतनमान मिल सकता है।
उपायः शुक्रवार के दिन अपने जीवनसाथी या किसी करीबी मित्र को सफेद रंग की मिठाई खिलाएं।
धनु
धनु अग्नि तत्व की राशि है, जिसका प्रतिनिधित्व बृहस्पति करते हैं और शुक्र का उदय होना विशेष रूप से आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि शुक्र आपके छठे भाव और ग्यारहवें भाव पर शासन करते हैं और अब वे इस दौरान आपकी ही राशि अर्थात आपके पहले भाव में उदय होने वाले हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको नौकरी के क्षेत्र में सफलता मिलने के योग बनेंगे। यदि आपका कोई प्रमोशन अटका हुआ तो वह समय में हो सकता है और आप अपनी कार्यकुशलता के दम पर अपनी नौकरी में खुद को एक संतुलित स्थिति में देख पाएंगे। हालांकि इस दौरान स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव भी देखा जा सकता है इसलिए जीवन में असंतुलित खान-पान से परहेज करें और जीवन चर्या को संतुलित बनाएं ताकि किसी भी तरह की समस्या से बचा जा सके। आपका मन धन के खर्चे में लगेगा। आप कुछ गैजेट या फिर कोई ऐसी सुविधाजनक वस्तुएं खरीद सकते हैं, जो आपको खुशी दे भौतिक सुखों में आपका मन लगेगा। रिश्तों में प्रेम बढ़ेगा। दांपत्य जीवन में भी प्रेम और आकर्षण की बढ़ोतरी होगी। आपके व्यक्तित्व में थोड़ा निखार आएगा और लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे।
उपाय: आप को शुक्रवार के दिन मंदिर में महिला पुजारिन को श्रृंगार की सामग्री भेंट करनी चाहिए।
मकर
मकर पृथ्वी तत्व की राशि है और इनके स्वामी शनि देव जी हैं। मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पांचवें व दसवें भाव के स्वामी होते हैं और इस प्रकार एक योग कारक ग्रह बन जाते हैं। वर्तमान समय में शुक्र ग्रह आपके बारहवें भाव में उदय होने वाले हैं। आपके द्वादश भाव में शुक्र की उपस्थिति के कारण आपको अपने धन और स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि इन दोनों ही क्षेत्रों में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आप के खर्च में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी, जो आपकी आर्थिक स्थिति को कमजोर करने का काम कर सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको सही बजट बना कर चलना होगा और धन का सही तरीके से इस्तेमाल करना होगा। इस दौरान धन का निवेश करने से आपको थोड़ा लाभ हो सकता है लेकिन मार्केट के विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही इस दिशा में आगे बढ़ें। यह समय आपको आर्थिक तौर के साथ-साथ स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी ध्यान देने वाला होगा। शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह एक उत्तम समय रहेगा और वह शिक्षा प्राप्त करने के लिए किसी विदेशी कॉलेज व विश्वविद्यालय में दाखिला प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं। यदि आप नौकरी पेशा व्यक्ति हैं तो इस दौरान आपको विदेश जाने का मौका मिल सकता है।
उपायः आपको शुक्रवार के दिन माता महालक्ष्मी जी के मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए।
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कुंभ
कुंभ वायु तत्व की राशि है जिसके स्वामी शनि देव जी हैं। कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र उनके चौथे व नौवें भाव पर शासन करते हैं और इस तरह से वह आपके लिए एक योगकारक ग्रह बन जाते हैं। वर्तमान समय में शुक्र ग्रह आपके एकादश भाव में उदय हो रहे हैं। ऐसे में एकादश भाव में शुक्र की उपस्थिति आपके लिए कई मामलों में अनुकूल रहने वाली है। सर्वप्रथम आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। आपकी आमदनी बढ़ेगी। यदि आप नौकरी करते हैं तो आपको प्रमोशन मिल सकता है और यदि आप व्यापार करते हैं तो व्यापार में आर्थिक उन्नति के योग बनेंगे। आपकी कोई पुरानी इच्छा पूरी हो सकती है जिससे आपके मन में हर्ष की भावना रहेगी। पारिवारिक संपत्ति में वृद्धि के योग बनेंगे और संपत्ति की खरीद-फरोख्त से भी आप को आर्थिक लाभ हो सकता है। परिवार में अथवा ऑफिस में किसी महिला के सहयोग से आपको आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। यह गोचर आपको सामाजिक क्षेत्र में काफी सक्रिय बनाएगा और आप सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रुप से दिखाई दे सकते हैं। यह समय आपको आनंद देने वाला समय होगा।
उपाय: आपको छोटी कन्याओं के चरण छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
मीन
मीन जल तत्व की राशि है और गुरु बृहस्पति इसके स्वामी हैं। मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके तीसरे व आठवें भाव को नियंत्रित करते हैं और वे आपके दशम भाव में उदय हो रहे हैं। ऐसे में शुक्र का आपके दशम भाव में उपस्थित होना आपको कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव दिखा सकता है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में बहुत संभल कर काम करना होगा और मनमर्जी से बचना होगा। अपने काम पर पूरा फोकस करके काम करें और कार्यक्षेत्र में उपस्थित किसी भी महिला से गलत व्यवहार न करें, नहीं तो वह आपको परेशानी में डाल सकता है। आपके साथ काम करने वाले लोग आपको अच्छा सहयोग प्रदान करेंगे जिससे कार्य क्षेत्र में आप अच्छी स्थिति में आ सकते हैं। भाई बहनों का समर्थन आपके काम में रहेगा और यदि आप कोई व्यापार करते हैं तो भाई बहनों की मदद से उसमें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। यह समय आपकी मेहनत का समय होगा और जितनी ज्यादा आप मेहनत करेंगे, उतना ही आपको फल मिल पाएगा। इस समय की एक अच्छी बात यह होगी कि यदि आप अभी तक बेरोजगार हैं और नौकरी की तलाश में है तो इस दौरान आपको रोजगार प्राप्त हो सकता है।
उपायः आपको बुधवार गुरुवार और शुक्रवार के दिन गौ माता को हरा चारा और पालक खिलाना चाहिए।
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