एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको शुक्र का तुला राशि में गोचर से संबंधित समस्त जानकारियां प्रदान करेगा जैसे तिथि एवं समय आदि। साथ ही, इस गोचर का वैवाहिक जीवन पर कैसा होगा असर? किन राशियों की बढ़ेगी मुश्किलें? किन राशियों को मिलेगी व्यापार में सफलता? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे आपको इस ब्लॉग में। इसके अलावा, हम आपको कुंडली में शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के सरल तथा अचूक उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके
अब चूंकि, जल्द ही शुक्र ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहा है तो, ऐसे में इसका असर सभी लोगों के जीवन पर पड़ना तय है। हालांकि शुक्र का ये गोचर उनकी ही राशि में होने जा रहा है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि तुला राशि समेत 12 राशियों पर इसका कैसा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन उससे पहले जानते हैं शुक्र के तुला राशि में गोचर की तिथि एवं समय के बारे में।
ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है जिसे लाभदायक तथा शुभ ग्रह माना जाता है और ये व्यक्ति को जीवन में भोग विलास, वैवाहिक सुख, कामवासना और सौंदर्य प्रदान करता है। शुक्र को राशिचक्र में वृषभ और तुला राशि का अधिपत्य प्राप्त है और इन्हें 27 नक्षत्रों में भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों के स्वामी माना गया है। जब मित्र ग्रहों की बात आती है तो, शनि और बुध शुक्र ग्रह के परम मित्र है।
हालांकि, किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की शुभ स्थिति उस इंसान के जीवन को सुख-सुविधाओं से भर देती है। ऐसे जातकों का झुकाव संगीत, नाटक, लेखन आदि की तरफ होता है, साथ ही इन लोगों का वैवाहिक जीवन भी सुख-शांति से पूर्ण रहता है। वही, कुंडली में शुक्र ग्रह की अशुभ या कमज़ोर स्थिति जातक के जीवन को निर्धनता और आलस्य से भर सकती है। पुरुषों में जहाँ कमज़ोर शुक्र कामुक शक्तियों को कमज़ोर करता है तो महिलाओं में ये गर्भपात का कारण बनता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शुक्र का तुला राशि में गोचर: तिथि और समय
प्रेम एवं सुख के कारक शुक्र सामान्यरूप से 23 दिनों तक किसी राशि में रहते हैं और इस वजह से ही शुक्र हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। अब ये जल्दी ही अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। 18 अक्टूबर 2022 को मंगलवार की रात 9 बजकर 24 मिनट पर शुक्र तुला राशि में गोचर करेंगे। इस गोचर के दौरान शुक्र ग्रह अपनी नीच राशि कन्या से निकलकर स्वराशि तुला में प्रवेश करेंगे। ऐसे में, यह गोचर सभी जातकों के जीवन को प्रभावित कर सकता है।
शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के उपाय
- शुक्रवार के दिन व्रत करने से शुक्र ग्रह मज़बूत होता है, साथ ही देवी लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- शुक्र को समर्पित शुक्रवार के दिन सफ़ेद वस्त्र पहनकर “ओम द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:” मंत्र का जाप करने से शुक्र शुभ फल प्रदान करने लगता है।
- शुक्र से संबंधित सफ़ेद वस्तुओं जैसे दूध, दही, शक्कर, चीनी, चावल आदि का सेवन करना चाहिए।
- शुक्रवार के दिन सफ़ेद वस्त्र सहित सफ़ेद चीज़ों का दान करें।
- कुंडली में शुक्र को बली करने के लिए हीरा धारण करना उत्तम रहता है।
नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर
शुक्र का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके धन, नेत्र, मुख, वाणी, परिवार आदि के द्वितीय भाव और विवाह, जीवनसाथी आदि के सप्तम भाव के स्वामी हैं। अब वे 18 अक्टूबर को अपनी स्वराशि…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके लग्न व षष्ठम भाव के स्वामी ग्रह हैं। कुंडली में जहाँ लग्न से हम जातक का जन्म, स्वभाव व उसका व्यक्तित्व देखते हैं तो वहीं छठे भाव से…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र संतान, बुद्धि आदि के पंचम भाव और खर्चा, नुकसान, मोक्ष आदि के द्वादश भाव की अध्यक्षता करते हैं और अब वे 18 अक्टूबर को आपकी राशि से पंचम…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके माता, सुख, वाहन, प्रॉपर्टी, घर आदि के चतुर्थ व लाभ, अभिलाषा पूर्ति आदि के एकादश भाव के स्वामी होते हैं और अब…(विस्तार से पढ़ें)
ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके छोटे भाई-बहनों के तृतीय भाव व कर्म यानी दशम भाव के स्वामी हैं। अब अपना ये गोचर करते हुए वे आपकी राशि से तृतीय भाव में…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके धन यानी द्वितीय भाव व भाग्य यानी नवम भाव के स्वामी होते हैं। अब वे अपने इस गोचर के दौरान आपकी…(विस्तार से पढ़ें)
तुला
शुक्र देव आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके अष्टम भाव यानी आयु, खतरा, दुर्घटना आदि के भाव को भी नियंत्रित करते हैं। अब शुक्र का ये गोचर आपकी ही राशि अर्थात…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक
शुक्र आपके खर्चा, नुकसान, मोक्ष आदि के द्वादश भाव व साझेदारी के सप्तम भाव के स्वामी हैं और अब वे अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से अपने ही द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके रोग, शत्रु, ऋण आदि के छठे भाव के और लाभ, इच्छा अभिलाषा पूर्ति आदि के ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब इस दौरान शुक्र आपकी राशि से गोचर…(विस्तार से पढ़ें)
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र आपकी संतान के पंचम व कर्म अर्थात दशम भाव के स्वामी हैं। अब वर्तमान में वे अपना गोचर करते हुए आपके दशम भाव में ही संचरण करने…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ
कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र उनके सुख अर्थात चतुर्थ भाव व भाग्य अर्थात नवम भाव के स्वामी हैं और अब इस समय शुक्र आपकी राशि से नवम भाव में ही अपना गोचर करेंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके तृतीय भाव (साहस, छोटे भाई-बहन, मानसिक संतुलन आदि) व अष्टम भाव (आयु, खतरा, दुर्घटना आदि) को नियंत्रित करते हैं और अब शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।