एस्ट्रोसेज का यह शुक्र सिंह राशि में अस्त (15 सितंबर, 2022) विशेष ब्लॉग आपको इस शुक्र ग्रह की इस अवस्था से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेगा। क्या शुक्र लेकर आएगा आपके लिए सौभाग्य? प्रेम जीवन में मिलेगी सफलता? क्या मिलेगी मनचाही नौकरी? इस ख़ास ब्लॉग में आपको राशि आधारित भविष्यवाणी समेत अपने सभी सवालों के जवाब मिलेंगे। इसलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस गोचर की तिथि और शुक्र से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में।
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ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शुक्र को शुभ ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह की कृपा से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में प्रेम, कला, सौंदर्य, प्रसिद्धि और ख़ुशी आदि को आसानी से प्राप्त कर सकता है, जिन्हें पाने के लिए इंसान को काफ़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए लोगों की ज़िंदगी में शुक्र का महत्व दिन-प्रतिदिन स्पष्ट होता जा रहा है।
जब कोई विशेषज्ञ ज्योतिषी किसी इंसान की कुंडली में प्रेम भाव का विश्लेषण करते हैं, तो उस समय शुक्र की स्थिति को हमेशा देखा जाता है। इसका मुख्य कारण है कि कुंडली में शुक्र के शुभ और ताकतवर स्थिति में होने से व्यक्ति का जीवन खुशियों और आनंद से भरा रहता है। ऐसे लोगों को जीवन में कभी भी प्यार की कमी नहीं होती है। जिन लोगों की कुंडली में शुक्र शुभ होते हैं, उनमें अभिनय, गायन, पेंटिंग, संगीत आदि गुण पाए जाते हैं।
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शुक्र अस्त: अर्थ और महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी ग्रह का अस्त होना एक ऐसी घटना है जहाँ ग्रह सूर्य के बेहद करीब आ जाता है और लोगों को सकारात्मक परिणाम प्रदान करने में असफल साबित होता है। इस लेख में आप जानेंगे कि सिंह राशि में शुक्र का अस्त होना आपके जीवन को कैसे प्रभावित करेगा। 15 सितंबर, 2022 को शुक्र सिंह राशि में अस्त होने जा रहे हैं, जो सूर्य की राशि है।
शुक्र सिंह राशि में अस्त होकर सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर विभिन्न तरह से प्रभाव डालेंगे। ये भविष्यवाणियां पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं और हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा शुक्र ग्रह की चाल, अवस्था और जातक की दशा का विश्लेषण कर प्रदान की गई हैं।
शुक्र सिंह राशि में अस्त: अवधि और समय
शुक्र 15 सितंबर, 2022 की रात 02 बजकर 29 मिनट पर सिंह राशि में अस्त होंगे और 02 दिसंबर, 2022 की सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक इसी अवस्था में रहेंगे। इस दौरान लोगों को अप्रिय परिस्थितियों, वित्तीय समस्याओं और असहमति के कारण व्यक्तिगत समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं और उनके सामने अपनी भावनाओं का इज़हार करना चाहते हैं तो ये अवधि इसके लिए अच्छी साबित नहीं होगी क्योंकि इस समय शुक्र अस्त होगा। जो लोग विवाह के बंधन में बंधना चाहते हैं, उन्हें अभी थोड़ा और इंतज़ार करना चाहिए क्योंकि शुक्र के अस्त होने के दौरान शादी की तिथि निर्धारित करना फलदायी सिद्ध नहीं होगा।
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सिंह राशि में शुक्र अस्त: राशिफल और उपाय
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और अब इस अवधि में शुक्र आपके पंचम भाव में अस्त होंगे। इसके परिणामस्वरूप ……(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके स्वामी ग्रह होते हैं, अर्थात वे आपके प्रथम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ उन्हें आपके छठे भाव का स्वामित्व…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन
मिथुन राशि के स्वामी बुध है और शुक्र, बुध के मित्र ग्रह होते हैं। इसके अलावा शुक्र मिथुन राशि के पांचवें भाव व बारहवें भाव की अध्यक्षता करते हैं और …(विस्तार से पढ़ें)
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके चतुर्थ व एकादश भाव के स्वामी होते है और अब वे इस दौरान आपके दूसरे भाव में अस्त है। जिसके परिणाम…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके तृतीय व दशम भाव के स्वामी होते है और अब इस दौरान वे आपकी ही राशि अर्थात आपके प्रथम भाव में …(विस्तार से पढ़ें)
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके द्वितीय व नवम भाव के स्वामी होते हैं और अब इस दौरान वे आपके द्वादश भाव में अस्त होंगे।…(विस्तार से पढ़ें)
तुला
तुला राशि के स्वामी शुक्र होते हैं। इसके अलावा शुक्र देव आपके अष्टम भाव पर भी स्वामित्व रखते हैं और अब वे आपके एकादश भाव में अस्त हैं। इसके…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक
वृश्चिक जल तत्व की राशि होती है, जिसके स्वामी मंगल ग्रह को माना जाता हैं। इसके अलावा शुक्र आपके द्वादश भाव व सप्तम भाव को नियंत्रित करते हैं और अब…(विस्तार से पढ़ें)
धनु
अग्नि तत्व की राशि धनु के लिए शुक्र छठे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं। अब इस समय वे आपकी राशि से नवम भाव में अस्त हैं। इसके परिणाम…(विस्तार से पढ़ें)
मकर
मकर एक गतिशील राशि होने के साथ-साथ पृथ्वी तत्व की राशि है। मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पंचम व दशम भाव के स्वामी होते हैं और…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ
कुंभ वायु तत्व की राशि है और शुक्र उनके चतुर्थ व नवम भाव के स्वामी होते हैं। अब वे आपकी राशि के सप्तम भाव में अस्त हैं। ऐसे में सप्तम भाव में शुक्र की…(विस्तार से पढ़ें)
मीन
मीन जल तत्व की राशि है और शुक्र उनके तृतीय व अष्टम भाव को नियंत्रित करते हैं। अब वे आपके छठे भाव में अस्त हैं। ऐसे में शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
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