अप्रैल के महीने में शुक्र अस्त होने वाले हैं। शुक्र ग्रह को ज्योतिष में सुख और विलासिता का ग्रह कहा जाता है और अस्त ग्रहों के बारे में बात करें तो माना जाता है कि जब भी कोई ग्रह अस्त हो जाता है तो उससे मिलने वाले शुभ परिणाम में कुछ कमी देखने को मिलती है। ऐसे में चलिए जान लेते हैं कि अस्त होकर शुक्र आपकी राशि को किस तरह से प्रभावित करेंगे।
साथ ही इस ब्लॉग में जानेंगे शुक्र अस्त कब और किस राशि में होने वाला है और इससे बचने या इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
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शुक्र मेष राशि में अस्त: क्या रहेगा समय?
सबसे पहले बात कर ले समय की तो शुक्र ग्रह 28 अप्रैल 2024 को सुबह 7 बजकर 27 मिनट पर ही मेष राशि में अस्त हो जाएंगे।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह
वहीं बात करें शुक्र ग्रह की तो वैदिक ज्योतिष में शुक्र को एक शुभ ग्रह माना जाता है। यह ग्रह प्रेम, सुंदरता, सुख, विलासिता की वस्तुओं आदि का कारक हैं और इन्हीं सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व भी करता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में मौजूद होता है उन्हें अपने जीवन में खुशियां, रोमांस, प्रेम, सुख विलासिता की वस्तुएं, आनंद सब कुछ भारी मात्रा में प्राप्त होता है।
वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में मौजूद नहीं होता या पीड़ित ग्रह के साथ मौजूद होता है उन्हें अपने जीवन में सुख विलासिता भोगने में तमाम परेशानियां उठानी पड़ती है। साथ ही उनके जीवन में प्रेम के संदर्भ में भी इन्हें प्रतिकूल परिणाम प्राप्त होते हैं।
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ग्रहों की अस्त अवस्था- क्या होता है इसका अर्थ?
जब बात होती है कि कोई ग्रह अस्त हो रहा है तो दरअसल इसका अर्थ होता है कि वह ग्रह सूर्य के बेहद करीब चला जाता है। ऐसे में शुक्र भी 28 अप्रैल को मेष राशि में स्थित होकर सूर्य की बेहद ही करीब पहुंच जाएगा और ऐसे में अस्त हो जाएगा। जब भी कोई ग्रह अस्त अवस्था में आता है तो वह शक्तिहीन हो जाता है और जब वापस जब एक बार अवस्था से बाहर जाने लगता है तो उसकी शक्तियां या उससे मिलने वाले शुभ परिणाम में वृद्धि आने लगती है।
बात करें शुक्र के अस्त होने की तो मुमकिन है कि इस दौरान लोगों के जीवन में असंतुष्टि की भावना रहने वाली है, सुख विलासिता में कमी देखने को मिल सकती है, प्रेम और रोमांस के संदर्भ में ज्यादा प्रति अनुकूल परिणाम नहीं मिलेंगे।
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मेष राशि में शुक्र अस्त का क्या रहेगा प्रभाव?
बात करें मेष राशि में शुक्र अस्त के प्रभाव की तो शुक्र मंगल की राशि में अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में जातकों के जीवन से प्रेम, खुशियां, संतुष्टि गायब हो सकती है। अगर आप किसी नए रिश्ते में प्रवेश करना चाह रहे हैं या अपने मौजूदा रिश्ते को अगले पड़ाव पर लेकर जाने का विचार कर रहे हैं तो शुक्र अस्त की अवधि में आपको ऐसा करने से बचने की सलाह दी जाती है। अगर लोग फिर भी ऐसा करते हैं अर्थात आप प्रेम के संदर्भ में कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो मुमकिन है कि भविष्य में आपको कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती है।
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मेष राशि में शुक्र
शुक्र ग्रह भावनाओं का ग्रह कहा जाता है और इसके बिना जीवन में प्रेम, रोमांस, लगाव, आकर्षण को समझ पाना असंभव होता है। शुक्र का मेष राशि में स्थित होना व्यक्ति के अंदर कौतूहलता और उत्साह बढ़ाने वाला साबित होगा। मेष राशि एक तीव्र क्रियाशील, उत्साहित, कामुक और जोश से भरी हुई राशि मानी जाती है। ऐसे में इस राशि में शुक्र का मौजूद होना शुक्र के गुणों में वृद्धि करवाएगा।
हालांकि शुक्र मेष राशि में चूंकि अस्त अवस्था में रहने वाला है ऐसे में मुमकिन है कि इन परिणामों में थोड़ी रूकावट या विलंब देखने को मिल सकती है। मेष राशि मंगल ग्रह के द्वारा शासित राशि होती है साथ ही यह एक अग्नि तत्व युक्त और गतिशील राशि है। वहीं शुक्र की बात करें तो इसकी अलग ऊर्जा होती है। शुक्र ग्रह आनंद और शुभता का प्रतीक होता है। ऐसे में ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखा जाए तो मेष राशि में शुक्र का होना एक बेहद ही रोमांचक स्थिति को दर्शाता है जो जातकों के अंदर उमंग लेकर आने वाला साबित होगा। मंगल द्वारा प्रभावित होने के चलते मेष राशि की ऊर्जा के साथ शुक्र का मेल जातकों के जीवन में बेहद ही शुभ साबित होगा।
आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं शुक्र मेष राशि में अस्त होकर आपकी राशि को किस तरह से प्रभावित करेंगे और साथ ही जानेंगे इससे बचने के लिए अर्थात शुक्र अस्त के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप क्या कुछ उपाय करके इसके शुभ परिणाम अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।
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शुक्र मेष राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
राशि चक्र की पहली राशि मेष है जो कि स्वभाव से पुरुष और उग्र राशि है। मेष राशि वालों के लिए शुक्र …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि चक्र की दूसरी राशि है और यह पृथ्वी तत्व की राशि है जो स्वभाव से स्त्री है। वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र महाराज…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन वायु तत्व की राशि है और इस राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि जल तत्व की राशि है और इस राशिवालों के लिए शुक्र महाराज आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दसवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
राशि चक्र की पांचवीं राशि सिंह उग्र स्वभाव की राशि है। शुक्र महाराज को सिंह राशि वालों की कुंडली में आपके तीसरे और दसवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या पृथ्वीतत्व की राशि है और इस राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके आठवें भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
गुरु महादशा वहचक्र की सातवीं राशि तुला है जो जल तत्व और पुरुष स्वभाव की राशि है। तुला राशि वालों की कुंडली में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है जो कि स्वभाव से स्त्री है। शुक्र महाराज वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सातवें और बारहवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
राशि चक्र की नौवीं राशि धनु है जो मर्दाना स्वभाव और जल तत्व की राशि है। कुंडली में धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
राशि चक्र की दसवीं राशि मकर है जो कि स्वभाव से स्त्री और पृथ्वी तत्व की राशि है। मकर राशि वालों के लिए शुक्र देव …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि जल तत्व की राशि है जो कि स्वभाव से स्त्री है। कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
राशि चक्र की बारहवीं राशि है मीन जो जल तत्व और पुरुष स्वभाव की राशि है।मीन राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र देव तीसरे …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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