वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है और इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। शुक्र किसी एक राशि में लगभग 23 दिनों तक रहते हैं फिर अपनी राशि बदलते हैं। इस दौरान ये वक्री, मार्गी व कई अन्य अवस्थाओं से गुजरते हैं। इसी क्रम में शुक्र कर्क राशि में मार्गी होने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में जब कोई ग्रह सीधी चाल से चलते हुए किसी राशि में विराजमान होते हैं तब इस अवस्था को मार्गी कहते हैं। शुक्र ग्रह के मार्गी होने से सभी 12 राशियों के ऊपर प्रभाव जरूर पड़ता है और यह प्रभाव नकारात्मक व सकारात्मक दोनों प्रकार के होते हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि शुक्र कर्क राशि में मार्गी का सभी 12 राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के आसान उपाय के बारे में।
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शुक्र कर्क राशि में मार्गी: तिथि और समय
ज्योतिष में प्रेम और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 04 सितंबर 2023 की सुबह 6 बजकर 17 मिनट पर कर्क राशि में मार्गी होने जा रहे हैं। आइये अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर शुक्र कर्क राशि में मार्गी के पड़ने वाले प्रभावों के बारे में लेकिन इससे पहले जान लेते हैं शुक्र का ज्योतिष में महत्व।
शुक्र ग्रह का ज्योतिष में महत्व
ज्योतिष में शुक्र को स्त्री ग्रह माना गया है और इन्हें सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। यहीं कारण है कि शुक्र ग्रह से प्रभावित व्यक्ति सौम्य एवं अत्यंत सुंदर होते हैं। शुक्र को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। जब भी विवाह या जीवन से जुड़ी चीजों के बारे में बात की जाती है, तो उस दौरान शुक्र की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जाती है। ये वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं और मीन इनकी उच्च राशि है, जबकि कन्या इनकी नीच राशि मानी जाती है। नक्षत्रों की बात करें तो शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं और सूर्य और चंद्रमा इनके शत्रु हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में मौजूद होते हैं, तो वे रूप-रंग में बेहद सुंदर होते हैं और हर कोई उनकी तरफ आकर्षित होता है। व्यक्ति का स्वभाव मृदुभाषी होता है और वह गायन, वादन, नृत्य, चित्र कला के प्रति अधिक झुकाव रखता है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह स्थिति कमज़ोर होती हैं। उन्हें आर्थिक परेशानियां और सेहत संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धार्मिक दृष्टि से देखें, तो शुक्र ग्रह का संबंध धन की देवी मां लक्ष्मी से है, इसलिए सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले लोग धन-वैभव और ऐश्वर्य की कामना के लिए शुक्रवार के दिन व्रत रखते हैं।
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कर्क राशि में शुक्र का प्रभाव
कर्क राशि में शुक्र के प्रभाव से जातक का प्रेम जीवन बेहद अनुकूल रहता है और ये जातक अपने पार्टनर का पूरा सहयोग करते हैं और उनकी भावनाओं को अच्छी तरह समझने में सक्षम होते हैं। इन लोगों को अपने रिश्ते में स्थिरता और विश्वसनीयता की जरूरत होती है। ये लोग कई बार प्यार में बहुत ज्यादा पोज़ेसिव भी हो जाते हैं और जब इनको बदले में उतना ही प्यार नहीं मिलता है तो ये नाराज भी जल्दी हो जाते हैं। इन जातकों की भावनाओं में अत्यधिक उतार-चढ़ाव आते हैं। ये लोग अपने अतीत को लेकर बैठे रहते हैं। इन लोगों को अपने पैसे घर, दोस्त और परिवार पर खर्च करना पसंद होता है। इन्हें अपने पार्टनर के साथ यात्रा करना, कैंडल लाइट डिनर पर जाना, पसंदीदा स्थानों में सैर के लिए जाना अच्छा लगता है।
कर्क राशि में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति आशावादी व ईमानदार होता है तथा पूरी निष्ठा से काम करता है। ये जातक कुछ शर्मीले भी होते हैं लेकिन समय आने पर अपनी भावनाओं को प्रकट करने में संकोच नहीं करते हैं। चीजें गड़बड़ होना या अस्थव्यस्थ स्थिति में होना इन्हें पसंद नहीं होता है। ये जातक किसी के दुख में जल्दी दुखी और सुख में सुखी हो जाते हैं। ये समाज में उच्च मान-सम्मान व प्रतिष्ठा अर्जित करते हैं और अपनों को सुख व सुविधा देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इनकी भाषा शैली और वाणी सुखद, मधुर होती है, जिसके चलते ये गायक, भाषण, वक्ता, उपदेशक के क्षेत्र से जुड़ना पसंद करते हैं। ये लोग कला, सौंदर्य, फैशन डिजाइनर, फूड, होटल, मीडिया, वेब डिजाइनर, फाइन आर्ट्स आदि क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं।
शुक्र ग्रह के कमज़ोर होने के संकेत
यदि आपकी कुंडली में शुक्र कमज़ोर स्थिति में मौजूद हैं तो आपके जीवन में होने वाली घटनाएं उसका संकेत देती हैं। तो आइए जानते हैं कि कमज़ोर शुक्र के क्या संकेत है:
- शुक्र प्रेम का कारक है। ऐसे में, यदि आप आपकी कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में नहीं हैं तो आपका दांपत्य जीवन सुखी नहीं रहता है। विवाह के बाद भी व्यक्ति के दूसरी महिलाओं से संबंध हो सकते हैं या अगर आप रिलेशनशिप में हैं तो धोखा मिलने की संभावना अधिक होती है।
- शुक्र सुख का कारक है और इस स्थिति में शुक्र यदि कुंडली में कमज़ोर स्थिति में विराजमान है तो जातक संतान सुख से वंचित हो सकता है।
- यदि आपको त्वचा से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित है तो यह शुक्र के कमज़ोर होने के संकेत है। इसके अलावा आंख, पेशाब, आंत, पैर, किडनी या शुगर से जुड़ी बीमारी हो सकती है।
- शुक्र धन के कारक भी है और ऐसे में, कमज़ोर शुक्र के परिणामस्वरूप जातक को आर्थिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
- इसके अलावा, जिनका शुक्र कमज़ोर होता है, उनके पास सुख, सुविधाओं का अभाव रहता है। आत्मविश्वास कमज़ोर होता है। उन्हें यश और कीर्ति प्राप्त नहीं होती है।
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शुक्र ग्रह मजबूत होने के संकेत
शुक्र ग्रह मजबूत हो तो जातक का भाग्य साथ देता है। आइए जानते हैं कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने के संकेत:
- शुक्र सुंदरता के कारक है, जिन लोगों की कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं, वे सुंदर और आकर्षक होते हैं।
- शुक्र ग्रह के कुंडली में मजबूत होने पर व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करता है और वह लोगों के लिए प्रेरण बनता है।
- शुक्र मजबूत स्थिति में हो, तो व्यक्ति समाज में काफ़ी मान-सम्मान और प्रतिष्ठा अर्जित करता है।
- शुक्र ग्रह के बली होने के परिणामस्वरूप व्यक्ति को सुख और विलासिता की प्राप्ति होती है और भौतिक सुखों में वृद्धि होने लगती है।
- यदि किसी व्यक्ति को उसके कार्यों में अचानक से लगातार सफलताएं मिलने लगें और हर क्षेत्र में वह अच्छा करने लगे तो समझ लें कि शुक्र आपकी कुंडली में मजबूत स्थिति में विराजमान है।
- कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने पर व्यक्ति रचनात्मक से जुड़े क्षेत्रों में अपार सफलता प्राप्त करता है।
- कुंडली में शुक्र के मजबूत होने से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं और जीवन में खुशहाली आती है।
- जिन लोगों की कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है, वे लोग फिल्म, ग्लैमर आदि से जुड़े क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं।
कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए करें ये ज्योतिषीय उपाय
आइए जानते हैं कि किन उपायों से आप शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं:
सुख में वृद्धि के लिए
जिन लोगों को शुक्र ग्रह कमज़ोर होता है, उन्हें 21 या 31 शुक्रवार का व्रत करना चाहिए। शुक्रवार का व्रत करने से शुक्र मजबूत होता है और माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत के प्रभाव से समृद्धि, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
मान-सम्मान के लिए
समाज में मान-सम्मान व प्रतिष्ठा अर्जित करने के लिए शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र पहनकर ‘ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए
यदि आप किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से परेशान हैं तो भोजन में चीनी, चावल, दूध, दही और घी से बने भोज्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए। अगर आप कोई आपको इन चीज़ों से परहेज करने के लिए बताया गया है तो इसका सेवन न करें।
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आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए
यदि आप आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े, सुंदर वस्त्र, चावल, घी, चीनी आदि का दान करना चाहिए। इसके अलावा आप श्रृंगार सामग्री, कपूर, दही, दूध आदि का भी दान कर सकते हैं।
सुंदरता के लिए
शुक्र ग्रह भौतिक सुख-सुविधाओं के कारक हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र मजबूत हो तो जातक बेहद सुंदर और आकर्षक होता है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र कमज़ोर हैं तो इलायची के पानी से स्नान करें और “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
शुक्र कर्क राशि में मार्गी: सभी 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव!
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके चौथे भाव होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आप परिवार के विकास…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपको तीसरे भाव में होंगे। जिसके कारण आपके कार्यक्षेत्र में…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके दूसरे भाव में होंगे। इसके फलस्वरूप इस दौरान आपका पूरा ध्यान पैसा कमाने पर हो सकता है…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके पहले भाव में होंगे। इसके फलस्वरूप इस दौरान आप परिवार के विकास पर अधिक ध्यान देंगे और…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके बारहवें भाव में होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको कार्यक्षेत्र में…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके ग्यारहवें भाव में होंगे और इसके फलस्वरूप आपके विदेश जाने के योग बनेंगे। इस अवधि आप…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि वालों को शुक्र पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके दसवें भाव में होंगे। इस अवधि में…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके नौवें भाव में होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके आठवें भाव में होंगे। इसके फलस्वरूप आपको पैतृक संपत्ति…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके सातवें भाव में होंगे। मकर राशि वालों के लिए शुक्र भाग्यशाली ग्रह हैं। इसके परिणामस्वरूप…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके पांचवें भाव में होंगे। कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र कर्क राशि में मार्गी आपके पांचवें भाव में होंगे। इसके परिणामस्वरूप…(विस्तार से पढ़ें)
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