ज्योतिष में शुक्र को “प्रेम का देवता” कहा गया है जो प्रेम, सुंदरता और लक्ज़री के कारक हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में होते हैं तो ये जातक को विलासिता, प्रसिद्धि, समृद्धि, रचनात्मकता और प्रेमपूर्ण रिलेशनशिप का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। वहीं, शुक्र ऐसा ग्रह है जो लोगों के भीतर और भौतिक वस्तुओं के प्रति लगाव को नियंत्रित करते हैं। साथ ही, इनके प्रभाव से लोग आपके प्रति और आप दूसरों के प्रति आकर्षित होते हैं। शुक्र देव की ऊर्जा हार्मोनिक प्रकृति की होती है इसलिए दुनियाभर के शांतिदूतों की कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में होता है। इस ग्रह में प्रशंसा सुनने और सुंदरता की प्रशंसा करने दोनों तरह की क्षमता देखने को मिलती है। संसांर के तमाम कलाकार चाहे वे अभिनेता, संगीतकार, गायक, आर्टिस्ट, डिज़ाइनर, मेकअप आर्टिस्ट आदि हो, उनपर या तो शुक्र ग्रह का शासन होता है या फिर उनकी कुंडली में शुक्र मज़बूत होता है।
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शुक्र को प्रकृति से स्त्री ग्रह माना गया है और यह राशिचक्र की दो राशियों तुला और वृषभ के स्वामी हैं। इसके अलावा, शुक्र मीन राशि में उच्च जबकि कन्या राशि में नीच के होते हैं। अगर नक्षत्रों की बात करें तो, भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा पर और दिशाओं में दक्षिण पूर्व दिशा पर इनका शासन है। शुक्र को कुंडली के चौथे भाव में “दिग्बल” या दिशा का बल प्राप्त होता है।
शुक्र ग्रह 22 जनवरी 2023 को दोपहर 03 बजकर 34 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही, अपने परम मित्र शनि के साथ युति का निर्माण करेंगे। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको शुक्र का कुंभ राशि में गोचर के बारे में जानकारी प्रदान करेगा जो कि 22 जनवरी से लेकर 14 फरवरी के बीच इसी राशि में रहेंगे। इस गोचर का प्रभाव देश-दुनिया पर भी दिखाई दे सकता है। यह भविष्यवाणी आपको बताएंगी कि कुंभ राशि में शुक्र अकेले मौजूद नहीं होंगे बल्कि शनि भी उनके साथ इसी राशि में विराजमान होंगे इसलिए इसका प्रभाव भारत समेत समूचे विश्व पर पड़ सकता है।
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शुक्र का कुंभ राशि में प्रभाव
कुंभ राशि में शुक्र की स्थिति संपन्नता, वैभव और कलात्मकता प्रदान करती है और इसके प्रभाव से व्यक्ति का दृष्टिकोण आशावादी बनता है। अक्सर, इन जातकों के व्यक्तित्व में आज्ञा न मानना और उत्तेजक जैसे अवगुण मौजूद होते हैं। ऐसे में, शुक्र ग्रह इन जातकों से चाहता हैं कि जब बात आपके दिल की आती है तो हमेशा पारंपरिक मार्ग पर नहीं चला जाता है।
कुंभ राशि में शुक्र के मौजूद होने से स्त्री और पुरुष विपरीत या फिर अपरंपरागत संबंधों के प्रति आकर्षित होते हैं। इसी क्रम में ये लोग कुछ नए नियम बना सकते हैं लेकिन ये अपने द्वारा बनाए गए नियमों का पालन नहीं करना चाहते हैं। इस गोचर के प्रभाव से आप सामने वाले व्यक्ति की तीव्र बुद्धि की सराहना करेंगे और उनके नए-नए आइडियाज आपको प्रेरित करेंगे। इसके अलावा, भविष्य को लेकर आपकी सोच आपको हैरान कर सकती है।
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कुंभ राशि में शनि का प्रभाव
कुंभ राशि में स्थित शनि मानवीय ऊर्जा से भरपूर है और इस राशि में शनि की स्थिति को सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसे में, शनि इन जातकों को मज़बूत एकाग्रता प्रदान कर सकते हैं और सम्मानता पर भी अधिक बल दे सकते हैं। कुंभ में शनि होने से जातक खुद पर गर्व करते दिखाई देंगे, साथ ही शनि देव इन लोगों को सही और गलत की समझ प्रदान करेंगे।
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शुक्र-शनि की युति का विश्वव्यापी प्रभाव
- शनि जहां शारीरिक श्रम का प्रतिनिधित्व करते हैं तो वहीं शुक्र को कला का प्रतीक माना गया है। ऐसे में, यह युति दुनियाभर में कलात्मक क्षेत्रों में नौकरियों को बढ़ावा देगी। जो लोग आर्किटेक्चर, स्कल्प्टिंग, डिजाइनिंग, एनिमेशन आदि क्षेत्रों से जुड़े हैं उन्हें इस दौरान तरक्की हासिल करते हुए देखा जा सकता है।
- शनि और शुक्र की युति किसी तरह के आविष्कार को जन्म दे सकती है।
- इस अवधि के दौरान म्यूजिक प्रोडक्शन, डीजे, गेमिंग, मेटावर्स, एआर/वीआर आदि से जुड़े उद्योग प्रगति करेंगे।
- जो लोग यूट्यूब, सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन व्यापार करते हैं वे अपने बिज़नेस को बुलंदियां पर जाते हुए देखेंगे।
- इस समय फैशन की दुनिया में कुछ नया फैशन या ट्रेंड देखने को मिल सकता है जो आम लोगों के बीच पहुंचने में भी सफल रहेगा।
- भारत समेत दुनियाभर में ट्रांसपोर्ट और ऑटोमोबाइल उद्योग फलता-फूलता नज़र आएगा।
- ट्रेवल से जुड़े व्यवसाय जैसे ट्रेवल एजेंसी या एयरलाइन आदि को इस अवधि के दौरान काफ़ी मुनाफा होगा।
- इस युति के प्रभाव से भारत सरकार रेलवे, ट्रांसपोर्ट और शिपिंग के व्यापार का समर्थन करते हुए कुछ नए नियमों का निर्माण कर सकती है।
- इस दौरान रेशम, रेयान आदि के निर्यात में तेज़ी आ सकती है।
- इस युति के दौरान जो कंपनियां संगीत से जुड़े इंस्ट्रूमेंट जैसे गिटार, सितार आदि बनाने का काम करती हैं वह खूब तरक्की हासिल करेंगी।
- शुक्र को शांति और शनि को न्याय का ग्रह माना जाता है। ऐसे में, इन दोनों ग्रहों की युति के प्रभाव से ऐसी वार्ताओं में वृद्धि देखने को मिल सकती हैं जो भारत सहित दुनिया में शांति को बढ़ावा देंगी।
- इसके अलावा, लोगों में आयुर्वेद और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के प्राकृतिक तौर-तरीकों जैसे योग, ध्यान और नेचुरोपैथी आदि के प्रति रूचि में वृद्धि देखने को मिलेगी।
- भारत विदेशी दुश्मनों या फिर चुनौतियों पर सफलता प्राप्त कर सकता है।
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शुक्र और शनि ग्रह से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए अपनाएं ये अचूक उपाय
- ज्यादा से ज्यादा सफ़ेद वस्त्रों को पहनें क्योंकि ये रंग शुक्र को प्रिय है।
- परफ्यूम का इस्तेमाल करें और अपनी स्वच्छता का ध्यान रखें।
- सफ़ेद रंग की वस्तुएं जैसे चीनी, चावल, दही आदि जरूरतमंद लोगों को दान करें।
- शुक्र को मज़बूत करने के लिए शुक्रवार का व्रत रखें।
- निर्धन लोगों को काले चने की खिचड़ी का दान करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हर शनिवार के दिन शनि मंदिर जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
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