शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: गोचर का सीधा संबंध 9 ग्रहों और 12 राशियों से होता है। गोचर का शाब्दिक अर्थ होता है ‘निरंतर चलते रहना’ या ‘गमन करना’। ज्योतिष के अनुसार, जब भी कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे उस ग्रह का राशि परिवर्तन या गोचर कहा जाता है। सभी ग्रह एक निश्चित समय में राशि परिवर्तन करते हैं और इसका हर एक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन की अवधि अलग-अलग होती है। इसी क्रम में विवाह, प्रेम, विलासिता, सुख-समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र जल्द ही वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
बता दें शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं और शुक्र देव जब अपने ही स्वामित्व वाली वृषभ या तुला राशि में मौजूद होते हैं, तो जातकों को अनुकूल परिणाम प्रदान करते हैं। वहीं अगर शुक्र देव अपनी उच्च राशि यानी कि मीन में मौजूद होते हैं, तो प्रभाव और भी लाभकारी होते हैं। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि शुक्र के इस राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं लेकिन इससे पहले जानते हैं शुक्र के वृषभ राशि में गोचर का समय व तिथि।
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर से संबंधित अन्य चीजों को जानने के लिए, करें विद्वान ज्योतिषियों से बात करके
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: समय व तिथि
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर 6 अप्रैल 2023 की सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर होगा। शुक्र देव प्रेम, सुंदरता और आकर्षण को दर्शाते हैं। वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं इसलिए वृषभ राशि के जातकों की रुचि रचनात्मक और कलात्मक कामों में अधिक होती है। इस राशि के जातक अपने साथ-साथ दूसरों की कला का भी बहुत अधिक सम्मान करते हैं। साथ ही बहुत ही स्वाभिमानी प्रकृति के होते हैं।
ज्योतिष में शुक्र का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शुक्र को बेहद शुभ ग्रह माना गया है। इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक सुख, मानसिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। शुक्र ग्रह को भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस आदि का कारक माना जाता है। मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में होते हैं तो उसे जीवन में ऐश-ओ-आराम, मान-सम्मान प्राप्त होता है। साथ ही उस व्यक्ति को कभी भी भौतिक सुख-सुविधाओं की कमी महसूस नहीं होती है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कमजोर होते हैं उन्हें कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों को भौतिक सुख प्राप्त नहीं हो पाता है और साथ ही उनके घर में मां लक्ष्मी का वास भी नहीं होता है। शुक्र ग्रह के शुभ और अशुभ प्रभावों से जातकों के जीवन में कई तरह के अहम बदलाव आते हैं। हालांकि, आमतौर पर शुक्र गोचर के परिणाम सकारात्मक ही प्राप्त होते हैं।
नक्षत्रों की बात करें तो शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। इनके मित्र ग्रह बुध और शनि हैं और सूर्य व चंद्रमा से इनका बैर है। शुक्र का गोचर 23 दिन की अवधि का होता है अर्थात 23 दिनों में शुक्र एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। यह संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, लग्जरी खाना और गाड़ियों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं।
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वैज्ञानिक दृष्टि से शुक्र ग्रह का महत्व
वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो, आकाश में शुक्र ग्रह को आसानी से देखा जा सकता है। चंद्रमा के बाद शुक्र सबसे ज्यादा चमकीला ग्रह है। अंग्रेजी में इसे वीनस कहा जाता है। इस ग्रह का व्यास 126000 किमी है और गुरुत्व शक्ति पृथ्वी के ही समान है। इसे सूर्य की परिक्रमा करने के लिए 225 दिन लगते हैं और यह पृथ्वी का निकटतम ग्रह है इसलिए इसे ‘पृथ्वी की बहन’ कहा गया है। इस ग्रह के वायुमंडल में सबसे ज़्यादा कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरी हुई है। इसकी सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह ग्रह सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद केवल थोड़ी देर के लिए सबसे तेज़ चमकता है और इसके कारण इसे ‘भोर (सुबह) का तारा’ या ‘सांझ का तारा’ कह कर भी पुकारा जाता है।
कुंडली में शुक्र के अशुभ होने के संकेत
- यदि जीवन में भौतिक चीजों की कमी होने लगे या फिर पैसों से जुड़ी परेशानियां सताने लगें तो समझिए शुक्र ग्रह कुंडली में कमजोर स्थिति में विराजमान हैं।
- दरिद्रता व घन का अभाव होना भी कुंडली में कमजोर शुक्र की निशानी है।
- यदि समाज में आपका मान-सम्मान अचानक कम होने लगे तो यह भी कमजोर शुक्र का संकेत है।
- वहीं यदि वैवाहिक जीवन में मनमुटाव होने लगे, पार्टनर से बेवजह के विवाद होने लगें या फिर पारिवारिक जीवन में सुख की कमी होने लगे तो समझ जाएं कि शुक्र कमजोर स्थिति में मौजूद हैं।
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कुंडली में शुक्र के शुभ होने के मिलते हैं ये संकेत
- यदि व्यक्ति के जीवन में अचानक से भौतिक सुखों में वृद्धि होने लगे तो यह शुक्र के शुभ होने के संकेत हैं।
- व्यक्ति को किसी भी कार्य में अचानक से सफलता मिलने लगे तो समझिए यह मजबूत शुक्र के संकेत हैं।
- जब व्यक्ति के जीवन में सुख-सुविधाओं और मान-सम्मान में वृद्धि होने लगे तो कुंडली में शुक्र मजबूत होता है।
- कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने पर व्यक्ति अधिक रचनात्मक होता है और कला व मनोरंजन के क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त करता है।
कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के अचूक उपाय
- जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कमजोर स्थिति में मौजूद हैं, उन्हें नियमित रूप से हर शुक्रवार और विशेषकर पूर्णिमा के दिन शुक्र के इस मंत्र- ‘ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ का जाप करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का स्पष्ट रूप से जाप करने से शुक्र मजबूत होते हैं और धन से जुड़ी हर प्रकार की समस्या दूर करते हैं।
- कुंडली में शुक्र कमजोर है तो नियमित रूप से शुक्रवार का व्रत करना चाहिए। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि बनी रहती है व मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- शुक्र के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए शुक्रवार के दिन चींटियों को चीनी मिलाकर आटा खिलाएं। ऐसा करने से आर्थिक लाभ में वृद्धि होगी।
- शुक्र को मजबूत करने के लिए भोजन में चीनी, चावल, दूध, दही और घी से बना खाना खाएं व किसी कन्या को इन चीज़ों का दान भी करें।
- शुक्रवार के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते समय सफेद फूल अर्पित करें। साथ ही शुक्रवार के दिन श्री लक्ष्मी नारायण के लिए यज्ञ/हवन करें।
- शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए घर व आसपास की जगहों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- माना जाता है कि शुक्र देव को सफेद रंग अति प्रिय है। ऐसे में अगर संभव हो तो शुक्रवार के दिन सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
- इसके अलावा पानी में इलायची डालकर स्नान करें और शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के लिए यज्ञ/हवन करें।
आइए अब आगे जानते हैं कि शुक्र का वृषभ राशि में गोचर सभी राशियों के लिए कैसा साबित होगा।
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें अपनी चंद्र राशि
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
कुंडली के दूसरे भाव में शुक्र महाराज के गोचर से जातकों को करियर में सफलता प्राप्त होगी। साथ ही आपको नौकरी के नए अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। काम के सिलसिले में…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज पहले और छठे भाव के स्वामी हैं। पहला भाव जीवन और पर्सनालिटी को दर्शाता है। छठे भाव पर शासन करने वाले शुक्र देव, आपकी कुंडली… (विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, आपके लिए ज्यादा अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान आपको अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है और… (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होने वाला है। इस दौरान आपकी कई इच्छाएं पूरी होने की संभावना अधिक है। आप इस अवधि में…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
करियर के लिहाज से शुक्र महाराज का दसवें भाव में गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होगा। आपको अपने करियर में संतुष्टि मिलेगी और आपको…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि की कुंडली के दूसरे और नौवें भाव पर शुक्र महाराज का शासन है। इस दौरान शुक्र देव आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। नौवें भाव में शुक्र महाराज का गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि के लिए शुक्र महाराज एक मित्र ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के पहले और आठवें भाव पर शासन करते हैं। शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, तुला राशि के जातकों के लिए… (विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए शुक्र महाराज एक हानिकारक ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के सातवें और बारहवें भाव पर शासन करते हैं। इस दौरान शुक्र देव आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र अशुभ ग्रह है। शुक्र देव आपकी कुंडली के छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर धनु राशि के जातकों के लिए…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र देव एक शुभ ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के पांचवें और दसवें भाव पर शासन करते हैं। शुक्र का यह गोचर आपके पांचवें भाव में होगा, जो आपको… (विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज शुभ ग्रह हैं। आपकी कुंडली के चौथे और नौवें भाव पर इन्हीं का शासन है। अब यह आपकी कुंडली के चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान आपको…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र को अशुभ ग्रह माना जाता है। शुक्र आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपकी…(विस्तार से पढ़ें)
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