शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: इन 6 राशियां के लिए लेकर आएगा राहत!

शुक्र गोचर 2023: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का वृषभ राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह के गोचर को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि 06 अप्रैल 2023 की सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर वृषभ राशि में होने जा रहा है। आइये अब जानते हैं कि शुक्र का वृषभ राशि में गोचर होने से राशि चक्र की 6 राशियों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। 

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

विलासिता और प्रेम के ग्रह शुक्र अब अपनी ही राशि वृषभ में गोचर करेंगे। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि शुक्र बहुत कम समय के लिए एक राशि में रहते हैं और जल्दी-जल्दी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। लेकिन फिर भी, शुक्र के गोचर को सभी ग्रहों के गोचरों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है जो प्रत्येक राशि को भिन्न-भिन्न तरीके से प्रभावित करते हैं। अब नज़र डालते हैं उन 6 राशियों पर जिन्हें शुक्र के वृषभ राशि में गोचर से शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी। साथ ही, हम इन 6 राशियों के पेशेवर जीवन के साथ-साथ प्रेम जीवन की भी बात करेंगे।   

शुक्र का ज्योतिष में महत्व 

शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो चमकीले सितारे के रूप में आसमान में मौजूद रहता है और इसे सामान्य आँखों से देखा जा सकता है। शुक्र ग्रह के वातावरण की बात करें तो, यह ग्रह काफी सघन है और ऐसे में, यह ग्रह सूर्य के प्रकाश का 70% भाग परावर्तित कर देता है। आपको बता दें कि शुक्र पृथ्वी के सबसे करीब स्थित है और धरती से यह एक चमकने वाले सितारे की तरह दिखाई देता है।    

वैदिक ज्योतिष में शुक्र को ऐसा ग्रह माना जाता है जिसका संबंध भौतिक सुखों और विलासिता से हैं। वहीं, करियर से जुड़े क्षेत्रों में शुक्र संगीत, कला, मनोरंजन और सौंदर्य आदि से संबंधित हैं। हालांकि, ज्योतिष में शुक्र को शुक्राचार्य और “दैत्य गुरु” के नाम से जाना जाता है। राशि चक्र में शुक्र देव को वृषभ और तुला राशि का आधिपत्य प्राप्त है जबकि नक्षत्रों में भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर इनका शासन है। 

शुक्र ग्रह मीन राशि में उच्च के होते हैं और कन्या राशि में नीच अवस्था में होते हैं। सामान्यतौर पर शुक्र को शुभ ग्रह माना जाता है और यदि इस पर किसी ग्रह का अशुभ प्रभाव न हो, तो यह जातक को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा शुभ परिणाम प्रदान करने की कोशिश करता है। शनि और बुध शुक्र देव के परम मित्र हैं जबकि मंगल, सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति को इनके शत्रु माना गया है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

यह भी पढ़ें:  राशिफल 2023 

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: इन 6 राशियों को मिलेगी समस्याओं से मुक्ति

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब शुक्र आपके दूसरे भाव यानी कि परिवार, वाणी और आय के भाव में गोचर करने जा रहे हैं। दूसरे भाव में शुक्र की मौजूदगी मेष राशि के जातकों को एक बेहतर जीवनशैली और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में मदद करेगी। इस दौरान आप महत्वपूर्ण निर्णय तार्किक होकर लेने में सक्षम होंगे और इसमें आपको किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।        

शुक्र गोचर के दौरान आप शादी के बंधन में बंध कर या फिर सगाई करके अपने जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकते हैं। आप कार्यस्थल पर कठिन से कठिन स्थिति को आसानी से संभालने में सक्षम होंगे और इस दौरान ये जातक बिना किसी परेशानी के आगे बढ़ेंगे। साथ ही, आपके बेहतरीन संचार कौशल से आसपास के लोग जल्दी ही आपसे प्रभावित होंगे। व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह अवधि शानदार रहेगी और इस दौरान आपका व्यापार फलेगा-फूलेगा। साथ ही, इस समय आपको अच्छा ख़ासा मुनाफा होगा, विशेष रूप से उन जातकों को जो फैमिली बिज़नेस करते हैं।    

वृषभ राशि  

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके लग्न भाव/पहले भाव और छठे भाव के स्वामी हैं जो कि अब पहले भाव में गोचर करने जा रहे हैं। पहला भाव हमारा और हमारे व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र के पहले भाव में गोचर के दौरान इन जातकों को अपने व्यक्तित्व में कई तरह के सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। साथ ही, शुक्र की दृष्टि आपके सातवें भाव पर पड़ रही होगी और इसके परिणामस्वरूप आपके पार्टनर के साथ संबंधों में सुधार आएगा। व्यक्तिगत तौर पर आपके लिए चीज़ें आसान होती जाएंगी। शुक्र के प्रभाव से आप अपने आसपास के लोगों को प्रभावित करने में सक्षम होंगे। 

पेशेवर जीवन के लिहाज़ से, शुक्र का यह गोचर आपको बेहतरीन अवसर और ऑफर्स पाने में मदद करेगा। जैसे कि हम जानते हैं कि शुक्र छठे भाव के स्वामी भी हैं इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि इस अवधि के दौरान पार्टनरशिप में व्यापार करने से बचें, अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है। वहीं, जो लोग पहले से साझेदारी में बिज़नेस कर रहे हैं उन्हें व्यापार में थोड़ी मंदी देखने को मिल सकती है। 

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र आराम और विलासिता के भाव यानी कि चौथे भाव तथा लाभ और इच्छाओं की पूर्ति के भाव ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब शुक्र आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे और इस भाव में शुक्र के प्रवेश के दौरान आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होगी। साथ ही, आपको अच्छा लाभ होने की भी संभावना है। इस अवधि में आपको प्रमोशन मिल सकता है जिसके लिए आप लंबे अर्से से इंतज़ार कर रहे थे। साथ ही, कार्यक्षेत्र में आपको इन्क्रीमेंट या फिर बोनस मिल सकता है। 

शुक्र गोचर की अवधि व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी अच्छी रहेगी और इस दौरान ये लोग नई डील्स कर सकते हैं या फिर भारी मुनाफा कमा सकते हैं। कर्क राशि के सिंगल जातक इस दौरान शादी के बंधन में बंध सकते हैं या फिर रिलेशनशिप में आ सकते हैं। जिन लोगों की शादी हो चुकी हैं वह पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताएंगे और इसके परिणामस्वरूप जीवनसाथी के साथ इनका रिश्ता मज़बूत होगा। 

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब शुक्र आपके नौवें भाव में प्रवेश करेंगे। कुंडली के नौवें भाव में शुक्र की स्थिति को सबसे अच्छा माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप आपका भाग्य प्रबल होगा और हर कदम पर आपको भाग्य का साथ मिलेगा। इस दौरान आपको विदेश यात्रा करने का अवसर मिल सकता है। साथ ही, अपने पिता और गुरु का समर्थन भी मिलेगा। 

शुक्र गोचर के दौरान आप परिवार के साथ किसी धार्मिक तीर्थ स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं। हालांकि, यह समय उन लोगों के लिए शानदार साबित होगा जिनका अपना व्यापार है और जो नौकरी करते हैं। इस अवधि में आपके पास वह सब होगा जो एक व्यक्ति को अपने जीवन में चाहिए होता है चाहे वह गुरुओं का साथ हो, भाग्य हो या आर्थिक सम्पन्नता हो। रिलेशनशिप की दृष्टि से, इस दौरान चीज़ें सामान्य रूप से चलेंगी और जो लोग अपने मनपसंद व्यक्ति के साथ शादी करना चाहते हैं, तो कुंडली में शुक्र की स्थिति के आधार पर आप ऐसा करने में सक्षम होंगे। 

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शुक्र आपके पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब शुक्र पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, यह समय उन लोगों के लिए फलदायी साबित होगा जिनका संबंध रचनात्मक क्षेत्रों जैसे डिजाइनिंग, आर्किटेक्चर, संगीत, फाइन आर्ट्स, नृत्य, मनोरंजन आदि से हैं। इस दौरान आपके काम करने की क्षमता काफ़ी अच्छी होगी और इसके परिणामस्वरूप आप सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे। 

वहीं, जिन जातकों का एक्सपोर्ट का बिज़नेस है या फिर अपना डिज़ाइनर स्टोर है, उन्हें इस दौरान व्यापार में अपार सफलता देखने को मिलेगी और ये लोग बुलंदियां हासिल करेंगे। हालांकि, पांचवें भाव में शुक्र की स्थिति प्रेम जीवन के लिए शानदार साबित होगी। इस गोचर के दौरान सिंगल जातकों को प्रेम के कई प्रस्ताव मिल सकते हैं और जो लोग पहले से रिलेशनशिप में हैं वह अपने रिश्ते को अगले पड़ाव पर लेकर जाने के बारे में सोच सकते हैं। ऐसे में, ये जातक विवाह के बंधन बंध सकते हैं। कुल मिलाकर यह गोचर मकर राशि वालों के लिए अच्छा साबित होगा। 

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र आपके चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो कि आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। शुक्र का यह गोचर कई मायनों से शानदार कहा जा सकता है क्योंकि विलासिता और भौतिक सुखों के स्वामी शुक्र विलासिता और भौतिकता के भाव में ही विराजमान होंगे। चौथे भाव में शुक्र ग्रह को “दिग्बल” यानी कि दिशाओं का बल प्राप्त होगा। यदि आप वाहन व संपत्ति खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो ऐसा करने के लिए यह अवधि उपयुक्त रहेगी।

शुक्र गोचर के दौरान आप करियर में उत्कृष्टता हासिल करेंगे क्योंकि शुक्र की दृष्टि आपके दसवें भाव पर होगी जो कि करियर का भाव है। इस समय आप अपने नए-नए आइडियाज की बदौलत कार्यक्षेत्र पर बॉस को इम्प्रेस करने में सक्षम होंगे। कुंडली में शुक्र की स्थिति के आधार पर आपके विदेश जाने के योग बन सकते हैं। इस दौरान आप रिश्ते में प्रेम और ख़ुशियां बनाए रखने में सक्षम होंगे और इसके परिणामस्वरूप आप पार्टनर के साथ यादगार समय का आनंद लेते हुए नज़र आएंगे। 

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: अचूक उपाय

यहां हम आपको कुछ सरल एवं अचूक उपाय प्रदान कर रहे हैं जिनको अपनाकर आप शुक्र का वृषभ राशि में गोचर के दौरान बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

  • घर और कार्यक्षेत्र पर शुक्र यंत्र की स्थापना करें और उसका पूजन करें। 
  • प्रतिदिन मां लक्ष्मी को 5 लाल फूल अर्पित करें और उनका आशीर्वाद लें।   
  • प्रत्येक शुक्रवार को कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। 
  • शुक्रवार के दिन व्रत करना फलदायी साबित होगा। 
  • गरीबों को चावल, चीनी, दूध और सफ़ेद मिठाई आदि का दान करें। 
  • सफ़ेद और गुलाबी रंग ज्यादा से ज्यादा पहनें। 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।