वैदिक ज्योतिष में शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, प्रेम संबंध, लग्ज़री लाइफ, शोहरत, कला, रोमांस आदि का कारक माना जाता है। यही वजह है कि आमतौर पर इसे शुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि शुक्र ग्रह के परिणाम कुंडली में इसकी स्थिति पर निर्भर करते हैं अर्थात यदि शुक्र आपकी कुंडली में अनुकूल अवस्था में विराजमान होगा तो आपका जीवन लग्ज़री और सुखद रहेगा। वहीं यदि आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति अनुकूल नहीं है तो आपके प्रेम/वैवाहिक जीवन से लेकर ऐशोआराम तक कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। शुक्र वृषभ और तुला दो राशियों का स्वामी होता है, जो कि 18 अक्टूबर 2022 को अपनी ही राशि तुला में गोचर करने जा रहा है। आइए जानते हैं कि शुक्र के इस गोचर का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
तुला में शुक्र के गोचर काल की अवधि
वैदिक ज्योतिष अनुसार शुक्र ग्रह लगभग 23 दिनों में अपना गोचर करते हैं, यानी सरल शब्दों में कहें तो शुक्र को एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में जाने में लगभग 23 दिनों का समय लगता है। अब यही भौतिक सुखों के देवता शुक्र देव 18 अक्टूबर 2022, मंगलवार की रात्रि 9:24 पर अपनी नीच राशि कन्या से निकलकर अपनी स्वराशि तुला में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज के ज्योतिषाचार्यों की मानें तो तुला शुक्र की स्वराशि होने के साथ-साथ मूल त्रिकोण राशि भी कहलाती है। ऐसे में इस राशि में शुक्र का गोचर करना देशभर में कई बड़े बदलाव लेकर आने का कारण बनेगा।
आइए अब बिना देर किये जानते हैं कि शुक्र के तुला में गोचर से क्या-क्या बदलाव आने की संभावना रहेगी।
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- इन 4 राशियों के लिए शुभ रहेगा शुक्र का ये गोचर
- मिथुन राशि: शुक्र का ये गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होने जा रहा है। जिसके चलते इस दौरान सबसे अधिक आपको अपने प्रेम संबंधों में शुभ परिणाम मिलेंगे। आपके जीवन में प्रेम और रोमांस की वृद्धि होगी, जिससे आपको प्रियतम के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। कुछ जातक प्रेम विवाह करने का फैसला भी ले सकते हैं। वहीं शुक्र की दृष्टि से आप अपनी लाभ और अभिलाषा पूर्ति की ओर अधिक केंद्रित दिखाई देंगे और इसमें संभावना है कि आपको पूर्ण रूप से सफलता मिले।
- तुला राशि: आपके लिए शुक्र का ये गोचर विशेष महत्वपूर्ण रहेगा। क्योंकि शुक्र आपकी राशि के स्वामी होते हैं और अब 18 अक्टूबर वे आपकी ही राशि अर्थात आपके प्रथम भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप इस दौरान सबसे अधिक आप सकारात्मक रूप से अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते दिखाई देंगे। आपके स्वभाव में भी अच्छा बदलाव आएगा और आप में प्रेम की अनुभूति आपकी वाणी में सौम्यता लाएगी। आप अपने व्यक्तित्व में भी अच्छा विकास देखेंगे, जिससे आप विपरीत लिंगी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहेंगे।
- धनु राशि: शुक्र अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से एकादश यानी लाभ भाव में प्रवेश करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक जीवन में अपार लाभ मिलने के योग बनेंगे। कई जातक अपनी भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि कर खुद का मनोरंजन करते देखें जाएंगे। निजी जीवन में भी अपने परिजनों से आपके संबंध बेहतर होंगे और आपको उनके साथ समय व्यतीत करना पसंद आएगा। यदि आप अभी तक सिंगल हैं तो शुक्र देव की कृपा से आपका दिल किसी ख़ास के लिए धड़क सकता है।
- कुंभ राशि: 18 अक्टूबर को अपना गोचर करते हुए शुक्र आपकी राशि से भाग्य यानी नवम भाव में प्रवेश करेंगे। इसके चलते आपको अपने जीवन में भाग्य का साथ मिलेगा। यदि आप कोई वाहन या कुछ अन्य वस्तु की ख़रीदारी करना चाहते थे तो, उसके लिए अवधि अनुकूल रहने वाली है। कुछ जातक किसी यात्रा से भी अच्छा धन अर्जित करने में सफल रहेंगे। जिससे आपका मान-सम्मान तो बढ़ेगा, साथ ही आपको अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के भी कुछ अवसर मिल सकेंगे। शुक्र की ये स्थिति आपके मानसिक तनाव में भी अनुकूलता लाने का कार्य करेगी।
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- इन राशियों पर पड़ेगा शुक्र का अशुभ प्रभाव
- मेष राशि: शुक्र आपकी राशि से सप्तम भाव में अपना गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में आपको निजी जीवन के प्रति थोड़ा सावधान रहते हुए, अपने अहंकार को अपने ऊपर हावी होने से रोकना होगा। क्योंकि आशंका है कि इस दौरान आपका मन कामुकता की ओर अधिक लगेगा, जिसके कारण आप अपने साथी से कुछ असंतुष्ट हो सकते हैं। साथ ही इस दौरान आपको सेहत से जुड़े कुछ मुद्दे भी परेशान करेंगे, खासतौर से महिला जातकों को माहवारी से संबंधित कोई परेशानी संभव है। यदि आप अविवाहित हैं और किसी रिलेशन में हैं तो आपको भी अपने प्रेमी से गलत प्रतिक्रिया मिलने से उनका मन उदास हो सकता है।
- वृषभ राशि: 18 अक्टूबर को शुक्र अपना गोचर तुला में करते हुए आपकी राशि से रोग अर्थात छठे भाव में प्रवेश करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको सबसे अधिक अपनी सेहत और धन से जुड़ी कुछ समस्या मिलने के योग बनेंगे। इस दौरान आप अपनी भौतिक इच्छाओं की पूर्ति करते हुए अपना धन खर्च करेंगे। जिससे आपको भविष्य में आर्थिक तंगी भी संभव है। इतना ही नहीं कुछ जातक अपनी गैरज़रूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी अन्य से ऋण लेने का प्लान भी कर सकते हैं। वहीं स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी इस दौरान आपको कुछ यौन समस्या होने का खतरा रहेगा। इसलिए आपके लिए बेहतर यही रहेगा कि एक से अधिक साथी के साथ रिश्ते में आने से बचें और जितना संभव हो यौन अंगों की साफ़-सफाई का ध्यान रखें।
- कर्क राशि: शुक्र आपकी राशि से चतुर्थ भाव में अपना गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में आपको इस दौरान हर उस गतिविधियों से दूर रहने की ज़रूरत होगी, जिसके चलते आपकी अपने परिवार के सदस्यों के बीच छवि प्रभावित हो। साथ ही यदि आपकी बॉस कोई महिला कर्मी है तो, आपको उनके प्रति अच्छा व्यवहार रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि शुक्र की दृष्टि दशम भाव पर होने के कारण आशंका है कि आपका ज़रूरत से ज्यादा उदार होना आपके खिलाफ जाए। इसलिए ऐसा करने से बचें और अपने काम से काम रखें।
- मीन राशि: शुक्र अपना गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में करेंगे। जिससे आपके मन में रह-रहकर कामुक विचारों की वृद्धि होगी। हालांकि शादीशुदा जातकों को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। अन्यथा उनकी कामुक भावनाएं उन्हें अफेयर में डालते हुए, उनका दांपत्य जीवन प्रभावित कर सकती है। इस दौरान अचानक आपका मन अपनी सुख-सुविधाओं में वृद्धि करने की ओर केंद्रित हो सकता है, जिसके चलते आपको अपने धन का एक बड़ा भाग खर्च करना होगा।
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शुक्र ग्रह से शुभ फल प्राप्ति हेतु कुछ मंत्र
- शुक्र ग्रह का वैदिक मंत्र
“ॐ अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:।
ऋतेन सत्यमिन्दियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।”
- शुक्र ग्रह का तांत्रिक मंत्र
“ॐ शुं शुक्राय नमः”
- शुक्र ग्रह का बीज मंत्र
“ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
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