शुक्र का मीन राशि में गोचर: जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव!

प्रेम का कारक ग्रह शुक्र अपनी उच्च राशि में मीन में प्रवेश करके मालव्य योग का निर्माण करेगा। इसका गोचर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि शुक्र का मालव्य योग दुनिया भर के पॉलिटिकल सिनेरियो को प्रभावित करेगा। शुक्र का यह गोचर स्वतंत्र भारत की कुंडली के ग्यारहवें भाव में होगा, इसलिए यह हमारे देश के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र प्रेम, सौंदर्य और विलासिता का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुंडली में इनकी स्थिति मजबूत होने पर जातकों को धन, नाम, वैभव, सौंदर्य, प्रसिद्धि, सुखद प्रेम एवं वैवाहिक जीवन और विलासिता की प्राप्ति होती है।

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शुक्र देव वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। हालांकि इन राशियों में बहुत कम समानता दिखाई देती है, मगर शुक्र का गोचर इन दोनों राशियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। जिन जातकों पर शुक्र देव का प्रभाव होता है, उनमें भौतिक सुख, भोजन, कला, महंगे कपड़े, ऐश्वर्य, संगीत, रंग, लग्ज़री रूम आदि के प्रति विशेष झुकाव होता है।

शुक्र देव 15 फ़रवरी 2023 की शाम 07 बजकर 43 मिनट पर अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे, जहां उनकी युति पहले से ही विराजमान देव गुरु बृहस्पति से होगी। मीन राशि पर देव गुरु बृहस्पति का आधिपत्य होता है यानी कि बृहस्पति महाराज स्वराशि में स्थित हैं। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको शुक्र का मीन राशि में गोचर होने से देश और दुनिया भर में क्या बदलाव आने के योग बनेंगे, इस चीज़ से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होंगी। जानने के लिए हैं उत्सुक? तो इस ब्लॉग तो आख़िरी तक ज़रूर पढ़ें।

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मीन राशि में शुक्र-गुरु का प्रभाव

मीन राशि में शुक्र देव का प्रभाव: मीन राशि में शुक्र देव उच्च के माने जाते हैं, इसलिए इस राशि में शुक्र की स्थिति अनुकूल परिणाम देगी। जल तत्व की राशि में प्रेम के कारक ग्रह का गोचर, बेहद रोमांटिक जीवन का संकेत देता है। साथ ही आकर्षक रूप और मधुर वाणी को भी दर्शाता है। ऐसे में ज़ाहिर है कि इस दौरान शुक्र देव प्रसिद्धि और सौभाग्य प्रदान करेंगे।

मीन राशि में देव गुरु बृहस्पति का प्रभाव: मीन राशि में देव गुरु बृहस्पति भावुक और दयालु माने जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार, स्वराशि में बृहस्पति ग्रह की स्थिति आध्यात्मिकता की तरफ़ झुकाव बढ़ाती है। साथ ही जातकों के समग्र विकास को भी बढ़ावा देती है क्योंकि यह विस्तार के कारक हैं। ऐसे में देव गुरु बृहस्पति किसी भी कार्यक्रम या परिस्थिति में पवित्रता और शुभता लेकर आएंगे। साथ ही समाज कल्याण और चिकित्सा सेवाओं पर भी अपनी विशेष कृपा बरसाएंगे क्योंकि यह दया और कृतज्ञता का प्रतिनिधित्व करते हैं। यही वजह है कि देव गुरु बृहस्पति के प्रभाव में व्यक्ति कई बाधाओं और असफलताओं का सामना करने के बावजूद जीवन में आगे बढ़ने में सक्षम होता है।

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शुक्र-गुरु की युति का वैश्विक स्तर पर प्रभाव

  • मीन राशि में शुक्र-गुरु की युति, संचार से संबंधित नौकरियों जैसे काउंसलिंग, लेखन, संपादन (एडिटिंग), पत्रकारिता आदि से जुड़े लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
  • शुक्र के मीन राशि में गोचर के दौरान कपड़ा उद्योग, शिक्षा क्षेत्र, रंगमंच, निर्यात-आयात व्यवसाय, लकड़ी के हस्तशिल्प और हथकरघा जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों का प्रदर्शन अच्छा होगा।
  • योग, हीलिंग, ज्योतिष जैसे गूढ़/रहस्य ज्ञान का अभ्यास कर रहे लोग दुनिया भर में प्रसिद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
  • भारत सरकार ग़रीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए नई योजनाएं ला सकती है या फिर मौजूदा नीतियों में कुछ ठोस परिवर्तन कर सकती है।
  • शुक्र-गुरु की इस युति का असर यूनियन बजट 2023 पर भी देखने का मिलेगा। संभावना है कि इससे देश के निम्न आय वर्ग को कुछ राहत मिल सकती है।
  • दुनिया भर में आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रमों/समारोहों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
  • इस गोचर के दौरान प्रशासन की ईमानदारी, जवाबदेही और सेवा भी बढ़ती हुई दिखाई देगी।
  • शुक्र देव और देव गुरु बृहस्पति की इस युति से रेलवे, शिपिंग, ट्रांसपोर्ट और ट्रैवल्स कंपनियों को भी अच्छी मात्रा में लाभ प्राप्त होने की संभावना बन रही है।
  • इस गोचर के दौरान वैश्विक स्तर पर लोग शांति का अनुभव करेंगे।
  • दुनिया भर के विभिन्न देश परफॉर्मिंग आर्ट्स, संगीत, नृत्य, कला आदि जुड़े बड़े आयोजनों या उत्सवों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ेंगे और बातचीत करेंगे।
  • भारत से धार्मिक वस्तुओं का निर्यात (एक्सपोर्ट) बढ़ सकता है क्योंकि वैश्विक स्तर पर धार्मिक वस्तुओं की मांग बढ़ने की संभावना है।

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बृहस्पति और शुक्र देव के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के उपाय

  • प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
  • शुक्र देव के बीज मंत्र ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ का जाप करें।
  • नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने और घर के शुद्धिकरण के लिए अपने घर में यज्ञ/हवन करें।
  • जितना ज़्यादा हो सके, सफेद या पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • प्रत्येक शुक्रवार का व्रत करें
  • ग़रीब/निर्धन लोगों को गुड़, शक्कर, दही, चने की दाल आदि दान करें।

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